Wednesday 1 April 2015

बॉलीवुड चला गुजरात !

बॉलीवुड कहिये या हिंदी फ़िल्में कहिये, इन पर पंजाबी संस्कृति का बड़ा प्रभाव रहा है।  पंजाबी संस्कृति और सभ्यता अन्य किरदारों पर भारी पड़ी हैं। कभी बंगाली किरदारों पर भी फ़िल्में देखने को मिली। कल हो न हो, हाउसफुल, हमशकल्स, देसी बॉयज, आदि छिटपुट हिंदी फिल्मों में गुजराती किरदार कॉमेडी करते नज़र आये। लेकिन, किसी गुजराती किरदार पर एक पूरी फिल्म देखने को नहीं मिली।  यह बात दीगर है कि  गुजराती एक्टर्स ने बॉलीवुड को अपनी अभिनय प्रतिभा से प्रभावित किया। जैकी श्रॉफ, डिंपल कपाड़िया, शरमन जोशी, परेश रावल, आदि प्रतिभाशाली एक्टर्स ने फिल्म दर्शकों को  प्रभावित किया। नंदिता दास, अनुराग बासु, राहुल ढोलकिया, आदि  फिल्मकारों ने २००२ के गुजरात दंगों के माहौल को दर्शाने वाली फ़िल्में बनाई। कुछ फिल्मकारों की  'द  गुड रोड',  'भवानि भावे', 'गांधी माय फादर' जैसी फिल्मों में अपनी ऐतिहासिकता के कारण गुजराती माहौल ज़रूर नज़र आया।  लेकिन, यह मुख्य धारा की हिंदी फ़िल्में नहीं थी।
गुजरात और मुख्य धारा की फ़िल्में
लेकिन, अब कहा जा सकता है कि बॉलीवुड गुजरात की संस्कृति और सभ्यता से प्रभावित होता जा रहा है। अभिषेक कपूर की फिल्म 'काई पो चे' ने बड़े दर्शक वर्ग का ध्यान गुजरात की तरफ खींचा। संजयलीला भंसाली की फिल्म 'गोलियों की रास लीला : राम-लीला' ने इसे क्रेज बना दिया।  ऎसी कुछ फ़िल्में बनाई जा रही हैं, जिनमे गुजरात या गुजराती माहौल है। आइये जानते हैं कुछ आगामी फिल्मों को -
रईस -  शाहरुख़ खान इस फिल्म में एक गुजराती डॉन के किरदार में नज़र आएंगे।  राहुल ढोलकिया की फिल्म 'रईस' में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी एक ईमानदार पुलिस अधिकारी का किरदार कर रहे हैं, जो इस डॉन को पकड़ना चाहता है।  इस फिल्म के लिए पाकी एक्ट्रेस महिरा खान को लिया गया है। फिल्म को खुद राहुल ढोलकिया ने हरित मेहता के साथ लिखा है। राहुल ढोलकिया की एक फिल्म 'परजानिया' गुजरात की पृष्ठभूमि पर फिल्म थी। यह फिल्म १७ जुलाई को रिलीज़ हो सकती है।
नरेंद्र मोदी पर फिल्म - भारतीय प्रधान मंत्री की जीवन यात्रा पर फिल्म का निर्माण एनआरआई फिल्म निर्माता मितेश पटेल के करने की खबर है।  इस फिल्म में नरेंद्र मोदी की जीवन यात्रा परेश रावल करेंगे।  वह गुजरात से बीजेपी के सांसद भी हैं। मेहता ने इस फिल्म के लिए प्रधान मंत्री से अनुमति भी ले ली है।  इस फिल्म को ४दी तकनीक से बनाने की योजना भी है।  फिल्म का बजट ४० करोड़ के आस पास है।
सुपर पावर गुजराती- बताया जा रहा है कि उड़ान और लुटेरा फिल्म के निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने की अगली फिल्म एक ऐसे   गुजराती युवक की कहानी होगी, जिसे सुपर पावर मिली हुई हैं।  यह फिल्म व्यवस्था के प्रति आम आदमी के गुस्से को दिखाएगी।  इस फिल्म में इमरान खान गुजराती युवा का किरदार करेंगे। यह फिल्म एक गुजराती उपन्यास पर बनाई जा रही है।
सॉलिड पटेल्स- निर्देशक सौरभ वर्मा की फिल्म 'सॉलिड पटेल्स' दो गुजराती युवकों की कहानी है, जो मुंबई में एक अपार्टमेंट लेकर रह रहे हैं।  इन्हे यह नहीं मालूम कि उन्हें करना क्या है, पर इन्हे उम्मीदें हैं कि  अच्छे दिन आएंगे।  फिल्म में शिव पंडित और केतन सिंह ने गुजराती युवकों का किरदार किया है।  शहजान पदमसी शिव पंडित की प्रेमिका बनी है, जिसके पिता से शिव ने उधार ले रखा है।  जल्दी आमिर बनाने के चक्कर में यह दोनों किस चक्कर में फंसते हैं, यह फिल्म का कॉमेडी पक्ष है।  'सॉलिड पटेल्स' २४ अप्रैल को रिलीज़ होगी।
यह गुजराती लीलाएं
गैर गुजराती लड़कियों ने हिंदी दर्शकों के बीच गुजराती  किरदारों को लोकप्रिय बनाने में अहम रोल अदा किया है।  इन अभिनेत्रियों को परदे पर  देख कर यह एहसास नहीं होता था कि वह वास्तव में पंजाबी हैं या  दक्षिण भारत से हैं।  आइये  डालते हैं ऎसी ही अभिनेत्रियों के गुजराती किरदारों पर एक नज़र -
दीपिका पादुकोण (गोलियों की रास लीला :राम-लीला) - दीपिका पादुकोण कन्नड़ भाषी हैं।  वह कनाडा में पैदा हुई थी। संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म 'गोलियों की रास लीला : राम- लीला में गुजराती लड़की लीला का किरदार किया था।  भारी लहंगा और चोली में धजी दीपिका ठेठ गुजराती उच्चारण के ज़रिये दर्शकों की हरदिल अज़ीज़ लीला बन गई।
 श्रद्धा कपूर (गोरी तेरे प्यार में)- श्रद्धा कपूर पंजाबी पिता और मराठी माँ की संतान हैं।  उन्होंने पुनीत मल्होत्रा निर्देशित फिल्म गोरी तेरे प्यार में में गुजराती लड़की शब्बू पटेल का किरदार किया था।  यह किरदार छोटा लेकिन, प्रभावशाली था।  श्रद्धा कपूर ने इस छोटे रोल में भी करीना कपूर के बराबर नाम पाया।
अमृता पुरी (काई पो चे)- अमृता पुरी ने  अभिषेक कपूर की फिल्म 'काई पो चे' मे सीधी सादी गुजरातन विद्या का किरदार किया था, जो गोविन्द यानि राजकुमार यादव से प्यार करने लगती हैं।  अमृता पुरी भी मुंबई में पैदा और पली बढ़ी पंजाबन हैं।  पहली फिल्म आयशा में उनका किरदार काफी मॉडर्न और खुला था।  अमृता ने विद्या के किरदार को सहज और सरल बना कर पेश किया था।
लारा दत्ता (हाउसफुल)- लारा दत्ता पंजाबी पिता और एंग्लो इंडियन माँ की संतान हैं।  उन्होंने साजिद खान की फिल्म 'हाउसफुल' में मिनी स्कर्ट पहनने वाली शहरी गुजराती लड़की हेतल की भूमिका की थी, जो फ़ोन पर अपने पिता से गुजरती में बात करती है।  लारा ने अपने गुजराती लहजे से हेतल के किरदार में जान डाल दी थी।
करीना कपूर (चुप चुप के)- करीना कपूर भी पंजाबी हैं।  उन्होंने दो फिल्मों  प्रियदर्शन की कॉमेडी चुप चुप के में गुजराती श्रुति का किरदार किया था।  चुप चुप के में वह गूंगी थी।
अमीषा पटेल (आप मुझे अच्छे लगने लगे)- अमीषा पटेल महाराष्ट्रियन हैं। उन्होंने फिल्म आप मुझे अच्छे लगने लगे में अपने पिता और भाइयों से डरी लड़की सपना का किरदार।   यह उनका गुजराती किरदार था।
ग्रेसी सिंह (लगान)- ग्रेसी सिंह दिल्ली से हैं।  उन्होंने आशुतोष गोवारिकर के फिल्म गुजरात के देहात की गौरी  का किरदार अपने गुजराती लहंगा चोली और बोली से क्या खूब किया था।
केतकी दवे (आमदनी अठन्नी खर्च रुपैया)- केतकी दवे गुजराती  हैं।  लेकिन, उनका फिल्म आमदनी अठन्नी खर्च रुपैया में विमला के किरदार को कुछ इतने प्रभावशाली ढंग से  किया कि  वह हिंदी दर्शकों की पसंदीदा बन गई।  अब यह बात दीगर है कि उन्हें गुजराती महिला के किरदारों में टाइप्ड कर दिया गया।
ऐश्वर्या राय (हम दिल दे चुके सनम)- संजयलीला भंसाली की फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' में ऐश्वर्या राय का नंदिनी का किरदार उनके श्रेष्ठ किरदारों में है। बंगाली ऐश्वर्या राय को इस फिल्म मे अपनी वेशभूषा' नृत्य और लहज़े से ही गुजराती नंदिनी बनना था। उन्होंने इसे बेहतरीन तरीके से किया भी।
स्मिता पाटिल (मंथन)- स्मिता पाटिल ने अपने किरदारों से बार बार खुद को बेजोड़ साबित किया।  अपनी  प्रतिभा के बल पर ही यह मराठी लड़की स्मिता पाटिल ने श्याम बेनेगल की गुजरात की श्वेत क्रांति पर आधारित फिल्म 'मंथन' गुजरात के देहात की लड़की बिंदु का किरदार स्वाभाविक तरीके से किया था।
उपरोक्त फिल्मों और गुजराती चरित्रों की सफलता से ऐसा लगता है कि बॉलीवुड पंजाबी संस्कृति से उबर कर गुजराती संस्कृति को अपनाता जा रहा है।  परन्तु, वास्तविकता यह है कि  बॉलीवुड के फिल्म एक्टर अब भिन्न करैक्टर करना चाहते हैं।  इसी कारण से गुजराती संस्कृति और माहौल पर फ़िल्में बन रही है।  बॉलीवुड संस्कृति में जीवंतता और उत्साह खासा है।  बॉलीवुड इसे भुनाना चाहता है।  वाइब्रेंट गुजरात का नारा भी निर्माताओं को आकर्षित करने लगा है। लेकिन, ट्रेड के जानकार विकास मोहन कहते हैं, "यह महज इत्तेफ़ाक़ है।  इन कहानियों को गुजरात की पृष्ठभूमि सूट करती होगी।  बस और कुछ नहीं।


राजेंद्र कांडपाल

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