यह फोटो वाली अभिनेत्री उपनाम से दीक्षित है। यह उत्तर प्रदेश के एक छोटे ज़िले रायबरेली से हैं। लेकिन, इनके कारनामे बड़े हैं। यह 'प्रॉस्टीट्यूट से पीएम तक' की अभिनेत्री हैं। एक वकील की संतान मीनाक्षी कत्थक डांसर हैं। सरोज खान के डांस रियलिटी शो 'नाच ले वे विथ सरोज खान' ने उन्हें तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में पहुंचा दिया। पहली फिल्म थी लाइफस्टाइल। इस फिल्म के बाद उन्होंने विज्ञापन फ़िल्में की। वैसे दक्षिण में उनके आइटम सांग्स को ज़्यादा पसंद किया गया। अब वह निर्देशक कुंदन शाह की फिल्म 'पी से पीएम तक' से हिंदी फिल्मों में डेब्यू कर रही हैं। इस राजनीतिक व्यंग्य फिल्म में वह महाराष्ट्र के रेड लाइट एरिया की वेश्या कस्तूरी का किरदार कर रही हैं, जो राजनीतिक उछल-कूद के दौर में प्रधान मंत्री की कुर्सी तक पहुँच जाती हैं। चूंकि, मीनाक्षी उत्तर प्रदेश से हैं और उनका फिल्म का किरदार महाराष्ट्रियन है, इसलिए उन्होंने फिल्म के अपने रोल में रियल टच लाने के लिए कमाठीपुरा के रेड लाइट एरिया में वैश्याओं से मिली। अपनी पहली हिंदी फिल्म के बारे में मीनाक्षी कहती हैं, "पी से पीएम तक' मेरे लिए ख़ास है। जैसे पहला प्यार होता है।" फिल्म के डायरेक्टर कुंदन शाह ने कभी 'कभी हाँ कभी न', 'क्या कहना', 'हम तो मोहब्बत करेगा', 'दिल है तुम्हारा' और 'एक से बढ़ कर एक' फ़िल्में बनाई थी। लेकिन, बाद की कुछ फिल्म को असफलता के बाद उनका करियर लगभग ख़त्म हो गया। 'एक से बढ़ कर एक' की रिलीज़ के सात साल बाद वह 'मुंबई कटिंग' की एक कहानी डायरेक्ट कर रहे थे। अब इस फिल्म के चार साल बाद वह अपनी सफल विधा राजनीतिक व्यंग्य फिल्म 'पी से पीएम तक' से दर्शकों को सामने हैं। क्या कुंदन शाह अपने साथ हिंदी फिल्मों में मीनाक्षी दीक्षित का करियर भी बना पाएंगे ?
No comments:
Post a Comment