Friday 10 July 2015

नहीं रहे डॉक्टर ज़ीवागो 'ओमर शरीफ'

मिस्र की रेत से हॉलीवुड के आकाश पर छा जाने वाली मिस्री अभिनेता ओमर शरीफ का निधन हो गया। वह ८३ साल के थे।  मेल्कीट ग्रीक कैथोलिक पिता की १० अप्रैल १९३२ को पैदा संतान माइकल दमित्री चल्होब ने इस्लाम धर्म ग्रहण का अपना नाम ओमर शरीफ रख लिया था।  उन्होंने शिरा फिल-वाड़ी, द लेबनानी मिशन, डार्क वाटर, आदि जैसी कोई दो दर्जन मिस्री फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाया डेविड लीन की वॉर फिल्म 'लॉरेंस ऑफ़ अरबिया' ने।  इस फिल्म में मुख्य भूमिका पीटर ओ टूल की थी।  ओमर शरीफ ने फिल्म में लॉरेंस की युद्ध में मदद करने वाले अरब योद्धा शरीफ अली का किरदार किया था।  इस फिल्म के लिए उन्हें ऑस्कर पुरस्कारों की बेस्ट सपोर्टिंग रोल की श्रेणी में नॉमिनेशन मिला।  उन्हें इस फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और बेस्ट एक्टर ऑफ़ द ईयर का गोल्डन ग्लोब अवार्ड मिला।  साठ के दशक में ओमर शरीफ का इंग्लिश फिल्मो में डंका बजा।  हालाँकि, उनका हॉलीवुड करियर बहुत छोटा रहा।  लेकिन, इस बीच उन्होंने द फॉल ऑफ़ द रोमन एम्पायर, बेहोल्ड अ पेल हॉर्स, द येलो रोल्स-रॉयस, चंगेज़ खान, डॉक्टर जीवगो, द नाईट ऑफ़ द जनरल्स, फनी गर्ल और चे उनकी उल्लेखनीय फ़िल्में थी।  डॉक्टर जीवगो के लिए उन्हें गोल्डन ग्लोब अवार्ड मिला।  ओमर शरीफ ने बतौर फिल्म अभिनेता २००३ में एक बार फिर वापसी की।  उन्होंने फ्रेंच फिल्म मोंसिेउर इब्राहिम में एक मुस्लिम दुकानदार का किरदार किया था।  इस रोल के लिए उन्हें वेनिस फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला। इस फिल्म के बाद उन्होंने हिडैल्गो, वॉर, इंक और रॉक द कस्बाह जैसी कुछ दूसरी फिल्मों में भी अभिनय किया। उन्हें फिल्म मोंसिेउर इब्राहिम के लिए फ्रांस का ऑस्कर पुरस्कार माना जाने वाला बेस्ट एक्टर का सीज़र अवार्ड मिला। यहाँ उल्लेखनीय है कि भारतीय फिल्मों के एक्शन डायरेक्टर शाम कौशल ने ओमर शरीफ को फिल्म वन नाइट विथ द किंग में डायरेक्ट किया था।



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