सुधीर एक ऐसे एक्टर थे, जो कभी किसी फिल्म में नायक नहीं बने। १९५४ में रिलीज़ फिल्म टैक्सी ड्राइवर में वह देव आनंद और कल्पना कार्तिक के साथ छोटी भूमिका में थे। इसके बाद, २००९ तक उन्होंने कोई २२६ फ़िल्में की। उन्होंने चेतन आनंद की वॉर ड्रामा फिल्म हकीकत से दर्शकों का ध्यान खींचा। वह ऐसे एक्टरों में शुमार हैं, जिन्होंने एक ही टाइटल वाली दो फिल्मों में काम किया। उन्होंने १९७५ की दीवार भी की और २००४ की दीवार भी। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में प्रेम पत्र, शहीद, एक फूल एक भूल, महल, प्रेम पुजारी, गैम्बलर, राखी और हथकड़ी, छुपा रुस्तम, जोशीला, शरीफ बदमाश, हीरा पन्ना, आदि दसियों फ़िल्में हैं। उन्होंने देव आनंद और अमिताभ बच्चन की ज़्यादातर फिल्मों में अभिनय किया। सुधीर ने परदे पर चोर- पुलिस का खेल खूब किया। वह जहाँ पुलिस कमिश्नर बने, वहीँ गैंगस्टर के साथी भी बने। हास्य भूमिकाएं भी उन पर खूब फबती थी। अपनी ख़ास संवाद अदायगी के कारण वह हर रोल में खप गए। भगवानदास मूलचंद लुथरिया के नाम से १३ अप्रैल १९३१ को जन्मे सुधीर की मौत २०१४ में आज ही के दिन मुंबई में हुई थी। मशहूर फिल्म निर्देशक मिलन लुथरिया उनके भतीजे हैं।
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