Saturday 4 June 2016

बॉलीवुड की पहली मिस इंडिया थी नूतन !

सचमुच कितना बदल गया है हिंदी सिनेमा या कहें बॉलीवुड ! कभी भारतीय सिनेमा के पितामह दादासाहेब फाल्के को तारामती बनने के लिए कोई  महिला नहीं मिली थी। समय के साथ समाज का फिल्मों के प्रति नजरिया बदला। फिल्मों में काम करने के लिए सम्भ्रान्त घराने की महिलायें भी आने लगी।  इसके  बावजूद महिलाओं के सन्दर्भ में हिंदी सिनेमा के टैबू बने रहे। आजकल मॉडल्स, मिस इंडिया, मिस यूनिवर्स या वर्ल्ड और न जाने क्या क्या को बॉलीवुड बाहें फैला कर स्वागत करता है।  लेकिन, कभी बॉलीवुड को मिस इंडियाओं पर भरोसा नहीं था।  अगर ऐसा न होता तो मिस इंडिया नूतन को हिंदी फिल्मों के लिए संघर्ष न करना पड़ता।  हिंदी फिल्मों में काम करने वाली पहली मिस इंडिया थी नूतन समर्थ (बाद में बहल)। आज के दौर में जहां मिस इंडिया का खिताब जीतने वाली सुंदरियों को फिल्मों में काम करने का मौका आसानी से मिल जाता है वहीं नूतन को फिल्मों में काम पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। उन्होंने कई सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।  वह मिस इंडिया बनी। इसके बावजूद बॉलीवुड ने उनकी तरफ  ध्यान नहीं दिया।  उनकी माँ शोभना समर्थ ने फिल्म हमारी बेटी में खुद की बेटी बना कर पेश किया।  इसी बीच नूतन को दिलीप कुमार के भाई नासिर खान के साथ फिल्म नगीना मिली।  फिल्म फ्लॉप हुई।  नूतन को पहचान मिली बलराज सहनी के साथ फिल्म सीमा एक विद्रोहिणी युवती के किरदार से।  इस फिल्म के बाद नूतन का सिक्का जम गया। उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार मिला।  उन्होंने दिल्ली का ठग (१९५८) में स्विमसूट पहन कर तहलका मचा दिया। नूतन हरफनमौला अभिनेत्री थी। उन्होंने दिल्ली का ठग जैसी कॉमेडी फ़िल्में भी की, तेरे घर के सामने जैसी हलकी फुलकी रोमांस फ़िल्में भी और बंदिनी, सरस्वती चन्द्र, दुल्हन एक रात की, मिलन, आदि गम्भीर फ़िल्में भी की।  उन्होंने कई फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। वह फिल्म साजन का घर की प्रोडूसर थी। उन्होंने फिल्म यादगार में एक गीत भी गाया था। उन्हें १९७४ में पद्मश्री मिली।  ४ जून १९३६ को जन्मी नूतन बहल की मृत्यु कैंसर से ५५ साल की उम्र में २५ फरवरी १९९१ को मृत्यु हो गई। 

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