Sunday 2 April 2017

टीवी शो जैसे नहीं है निशा के ग्रे शेड : रिद्धि डोगरा

झूमे जिया रे (२००७) से टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय रिद्धि डोगरा कोई सात टीवी शो कर चुकी हैं।  इनमे से एक मर्यादा : लेकिन कब तक ख़ास लोकप्रिय हुआ।  इस शो के प्रिया के करैक्टर से रिद्धि को दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में मदद मिली।  सावित्री, यह है आशिक़ी और दिया और बाती हम के बाद रिद्धि डोगरा एक बार फिर ज़ी टीवी के शो वह.....अपना सा में दमदार तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। इस शो में उनका निशा आदित्य जिंदल का किरदार अपने ग्रे शेड्स के कारण  दर्शकों को आकर्षित कर पाने में सफल हो रहा है।  पेश हैं वह...अपना सा की निशा रिद्धि डोगरा से छोटी बातचीत- 
आप डेली सोप से इतने दिन अलग क्यों रहीं ? 
हाँ, मैंने लंबे समय से कोई डेली सोप नहीं किया था।  क्योंकि, मैं अपने पहले के शो के निर्माताओं से काफी परेशान हो चुकी थी। इसके अलावा टीवी सोप में स्क्रिप्ट पहले से माँगने और पढ़ने की आज़ादी नहीं है।  मर्यादा और सावित्री ने मुझे ज़्यादा अच्छा करने के लिए प्रेरित किया था।  मैं जब इन शोज की शूटिंग करती तो डरी हुई होती कि मुझे कुछ नया करना और फिर भूल भी जाना है।  मेरी निशा की भूमिका उत्तेजनापूर्ण और सशक्त है कि करने में मज़ा आये।  मैंने इससे पहले कभी ऐसा रोल नहीं किया। अच्छी भूमिकाएं कर चुकाने के बाद एक एक्टर को अच्छी भूमिकाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है।  मैंने भी इस दौरान यही संघर्ष किया है।  
किस प्रकार का स्ट्रगल करना पड़ा ? 
पिछले दो तीन सालों से मैं ट्राइंग फेज में थी।  मुझमे कई बदलाव हो रहे थे।  मेरा विकास हो रहा था। कभी मैं चाहती थी कि सब छोड़ दो।  सोचती थी कि क्या मैं वास्तव में एक्टर बनने के लिए बनी हूँ ! या फिर मुझे कोई दूसरा पेश अपनाना चाहिए ! मेरे के कई सवाल खड़े हो गए थे।  मैं खुद से सवाल करने लगी थी कि मैं यहाँ क्यों हूँ ? क्या आपको अच्छी भूमिकाएं करने की तीव्र आशा है? ऐसे में जब आप कोई अच्छी भूमिका नहीं पाते तब आप खुद पर शक़ करने लगते हैं।  यह फ्रस्ट्रेटिंग था।  धन्यवाद है कि मैंने इस दौरान कई विज्ञापन और नाटक किये।  इनसे मुझे काफी मदद मिली।  इन अनुभवों और हताश के दौर ने मुझे खुद में एक्टर तलाश करने में मदद की।  हर एक्टर चाहता है कि वह हर दिन काम करता रहे।  लेकिन कभी भाग्य और प्रारब्ध दूसरा सोचते हैं।  आप अपना सोचा नहीं कर पाते । 
आपने खुद को किस प्रकार व्यस्त रखा ? 
मैं खुद पर काम करती हूँ।   मैंने रैकी और विपासना की।  इससे मुझे फायदा हुआ।  ध्यान (मैडिटेशन)  के कारण ही मैं काम पर वापस आ सकी।  मैं सोचती हूँ कि आपके साथ जो कुछ होता है, अच्छे के लिए ही होता है।  आप जो अपनी पसंद बनाते हैं, उसका कुछ न कुछ परिणाम तो होता ही है।  
अब आपका क्या लक्ष्य है ? चालू शो के बारे में भी कुछ कहें ? 
मैं ऐसा काम करना चाहती हूँ जो मुझमे हलचल पैदा करे ।  मैं अच्छा काम करना चाहती हूँ।  यही मुझ में हलचल पैदा करता है।  वह.....अपना सा जैसे करैक्टर काफी कठिन हैं।  यह ग्रे करैक्टर है।  लेकिन मेरी कोशिश इसे टेलीविज़न की तरह ठेठ ग्रे नहीं बनाने की है।  

No comments:

Post a Comment