Friday 13 April 2018

विनोद खन्ना बने दादा साहेब !

६५ वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की ख़ास बात यह रही कि दो मुख्य पुरस्कार मरणोपरांत दिए गए। स्वर्गीय सुनील दत्त निर्देशित फिल्म मन का मीत फिल्म से बतौर विलेन अपना हिंदी फिल्म करियर शुरू करने वाले विनोद खन्ना को मरणोपरांत दादासाहेब अवार्ड दिया गया।
विनोद खन्ना का, पिछले साल २७ अप्रैल को देहांत हो गया था। अविभाजित भारत में पेशावर में जन्मे, विनोद खन्ना ने एक्शन फिल्मों के अलावा कुछ मेरे अपने, अचानक, मीरा, मैं तुलसी तेरे आँगन की, आदि लीक से हटकर फ़िल्में भी की। वह कभी नंबर वन अभिनेता के गंभीर दावेदार थे। विनोद खन्ना गुरदासपुर पंजाब से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए। वह अटल विहारी बाजपेई मंत्रिमंडल में मंत्री भी रहे।
दूसरा मरणोपरांत पुरस्कार श्रीदेवी को फिल्म मॉम में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का मिला। श्रीदेवी का इसी साल फरवरी में दुबई में देहांत हो गया था। 
इन पुरस्कारों के अलावा, असमी फिल्म विलेज रॉकस्टार श्रेष्ठ फिल्म चुनी गई। यह फिल्म असम की एक लड़की के अभावों किए बावजूद अपने गाँव के रॉक बैंड विलेज रॉकस्टार को बुलंदियों तक ले जाने की कहानी है। फिल्म की निर्देशक रीमा दास की यह दूसरी फिल्म है। इस फिल्म के लिए बनिता दास श्रेष्ठ बाल कलाकार की श्रेणी में सफल हुई। 
राजकुमार राव की फिल्म न्यूटन को श्रेष्ठ हिंदी फिल्म चुना गया। इस फिल्म के लिए पंकज त्रिपाठी का अभिनय के लिए विशेष उल्लेख पुरस्कार मिला। यह फिल्म एक नक्सल प्रभावित गाँव में सफलतापूर्वक चुनाव सम्पूर्ण करवाने वाले न्यूटन कुमार के साहस और सहज बुद्धि की कहानी है। फिल्म का निर्देशन अमित मसुराकर ने किया है। यह फिल्म अमित मसुराकर की दूसरी निर्देशित फिल्म है। 
मलयालम फिल्म भयानकम के निर्देशक जयराज को श्रेष्ठ निर्देशक चुना गया। यह फिल्म दूसरे विश्व युद्ध के दौर के केरल के एक गाँव के पोस्टमैन की जागरूकता की कहानी है। कौशिक गांगुली निर्देशित बांगला फिल्म नगर कीर्तन में श्रेष्ठ अभिनय के लिए अभिनेता रिद्धि सेन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया है। रिद्धि सेन को हिंदी दर्शक पिछले साल रिलीज़ संजय दत्त की वापसी फिल्म भूमि में जीतू की भूमिका में देख चुके हैं। 
इस साल के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों पर तमाम निगाहें ख़ास तौर पर बाहुबली द कांक्लुजन के लिए लगी हुई थी कि यह फिल्म राष्ट्रीय  फिल्म पुरस्कारों में कितनी श्रेणियों के पुरस्कार जीतती है।
२०१७ में बॉक्स ऑफिस पर ४०० करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाली फिल्म बाहुबली द कांक्लुजन को समग्र मनोरंजन करने वाली फिल्म के अलावा बेस्ट एक्शन और बेस्ट स्पेशल इफेक्ट्स की श्रेणी के पुरस्कार मिले।
इरादा के लिए दिव्या दत्ता को श्रेष्ठ सह अभिनेत्री चुना गया। नर्गिस दत्त पुरस्कार धप्पा को मिला। मॉम के बैकग्राउंड म्यूजिक के लिए ए आर रहमान श्रेष्ठ साबित हुए। फिश करी मछेर झोल को श्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म चुना गया। 
फिल्म पुरस्कारों के लिए फिल्मों का चुनाव शेखर कपूर के नेतृत्व में १० सदस्यों वाली जूरी द्वारा किया गया। यह पुरस्कार ३ मई को भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिए जायेंगे।  

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