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Friday 16 June 2023

Prabhas और Om Raut के कमजोर राम का Adipurush !

 




निर्देशक #OmRaut की मर्यादापुरुषोत्तम राम के चरित्र पर फिल्म #Adipurush आज सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो गई. इस फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर सभी भाषाओँ में १०० करोड़ के आसपास कारोबार करने का समाचार है. इस फिल्म में राम #Prabhas, सीता  #KritiSanon, लक्षमण #SunnySingh और हनुमान #DevduttNage बने है. फिल्म के निर्माताओं में ओम राउत के साथ साथ #BhushanKumar #PrasadSutar और #KrishanKumar है. यह फिल्म २ घंटा ५९ मिनट लम्बी है.




फिल्म की समीक्षा

१- सबसे पहला सवाल तो यही है कि फिल्म की निर्माता चौकड़ी ने यह फिल्म बनाई ही क्यों ? राम की महिमा का वर्णन करने के लिए या रामायण का अपना संस्करण बनाने के लिए?





२- आदिपुरुष राम पर है. राम को ही सबसे कमजोर लिखा गया है. भावहीन चेहरा, धीरता गंभीरता गायब. पूरी फिल्म में राम रावण से पिटते दिखाए गए है. फिल्म के क्लाइमेक्स में तो वह १९६० के दशक की फिल्मों के नायकों की तरह खलनायक से मार खाते है और यकायक उसे मार डालते है.




३- सीता बनी कृति सेनन बिलकुल भावविहीन और अप्रभावशाली लगी है.




४- लक्षमण की भूमिका में सनी सिंह के करने के लिए कुछ भी नहीं था.




५- हनुमान बने देवदत्त जोकर की तरह लगे है. प्रभास ने हनुमान के चरित्र को बॉलीवुड का  घटिया हास्य अभिनेता बना कर रख दिया है.




६- सैफ अली खान के रावण को ओम राउत ने विशेष महत्त्व दिया है. इसलिए सैफ का रावण भारी पड़ता है. हालाँकि, सैफ अली खान इस चरित्र के बिलकुल अनुकूल नहीं.




७- ओम राउत, फिल्म आदिपुरुष के लेखक निर्देशक भी है. पर उन्होंने बेहद घटिया कथा और पटकथा लिखी है. किसी भी दृश्य में उनकी राम के प्रति श्रद्धा दिखाई नहीं देती. वह एक वीएफएक्स सज्जित फिल्म बनाने के चक्कर में बच्चों की खिलौना फिल्म बना डालते है.




८- फिल्म के वीएफएक्स तो घटिया हैं ही, ओम राउत ने वानर सेना को प्लेनेट ऑफ़ द एप्स के वानरों जैसा दिखाया है. कुछ दृश्य एवेंजरस की कॉपी हैं तो एक चरित्र गार्डियनस ऑफ़ द गैलेक्सी के ग्रूट जैसा है.




९- फिल्म का क्लाइमेक्स एवेंजरस फिल्मो जैसा बनाया गया है. इससे यह काफी लंबा और उबाऊ होने के साथ साथ प्रभावहीन बन गया है.




१०- आदिपुरुष को ऎसी फिल्म कहा जा सकता है जो अपने नायक को खा जाती है.

Sunday 11 June 2023

पृकृति से मानवीय संघर्ष की फिल्म #2018

 


मलयालम फिल्म 2018 ने सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मलयालम फिल्म के रूप में इतिहास रच दिया है. जूड एंथनी जोसेफ के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने न केवल दर्शकों का दिल जीता है बल्कि केरल में 'बाहुबली 2' द्वारा बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है।





इसके बाद भी फिल्म के नायक अभिनेता टोविनो थॉमस प्रसन्न नहीं है. उन्हें दुःख है कि जबकि फिल्म सिनेमाघरों पर कीर्तिमान कमाई कर रही है, निर्माताओं ने फिल्म को सोनी लाइव पर स्ट्रीम करवा दिया है. एक अभिनेता के लिए यह सचमुच बड़ा धक्का है कि उसकी फिल्म को अब कम दर्शक मिलेंगे तथा वह कम कमाई कर पाएगी.




२०१८ ने ५ मई २०२३ को रिलीज होने के बाद के मात्र २१ दिनों में १४६ करोड़ का शुद्ध व्यवसाय कर लिया है. फिल्म की ऎसी सफलता फिल्म की शक्तिशाली कहानी और कलाकारों के अभिनय को दर्शकों के प्यार का प्रमाण है।




फिल्म २०१८ केरल में २०१८ में आई विनाशकारी बाढ़ की कहानी का मार्मिक चित्रण करती है. उस समय इस आपदा से बचने के लिए सभी क्षेत्रों के लोग एक साथ आए थे। फिल्म विपरीत परिस्थितियों में मानवता के लचीलेपन और प्रकृति पर विजय को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित करती है। फिल्म के कलाकारों टोविनो थॉमस, इन्द्रांस, कुंचाको बोबन, अपर्णा बालमुरली, आदि के प्रभावशाली अभिनय ने फिल्म में मानवीय संघर्ष को जीवंत कर दिया है।

Wednesday 12 January 2022

अल्लू अर्जुन का टशन पुष्पा द राइज !

 


अल्लू अर्जुन की एक्शन फिल्म पुष्पा द राइज पार्ट १ को अमेज़न प्राइम वीडियो पर हिंदी में देखना चाहता था. लेकिन, अल्लू अर्जुन के स्टारडम ने मुझे १४ जनवरी तक इंतज़ार करने नहीं दिया. इसलिए मैंने पूरी फिल्म तेलुगु भाषा में इंग्लिश सब टाइटल के साथ एक झटके में देख डाली.


फिल्म की कहानी लाल चन्दन की लकड़ी की तस्करी पर एक ट्रक ड्राईवर के चन्दन तस्कर बनने की इस कहानी में अल्लू अर्जुन छाये हुए हैं. उनका क्या टशन है. हर हावभाव तालियाँ बटोरू है. दाढ़ी पर नीचे से ऊपर को हाथ फेरना, पांव पर पांव रख कर बैठना, दांतों के बीच तलवार दबाना, विशिष्ट तरीके से नृत्य करना और चलाना दर्शकों को निगाह हटाने से रोकता है.


फिल्म का हर दृश्य बेहद दिलचस्प है. इसीलिए फिल्म जंगल में फिल्माए जाने के बावजूद बोर नहीं करती. तेज़ रफ़्तार एक्शन दर्शकों की सांसे रोक देता है. चन्दन के तस्करों का पुलिस से दो हाथ आगे रहना बड़ा दिलचस्प लगता है.


अल्लू अर्जुन के एक्शन दृश्य ख़ूब है. उनकी संवाद अदायगी लाउड होने के बावजूद चरित्र को जीवंत करती है. बाकी कलाकार उन्हें बढ़िया सहयोग देते है.


पुष्पा की प्रेमिका श्रीवल्ली की भूमिका में रश्मिका मंडाना सेक्सी लगी है. पुष्पा के दोस्त केशव की भूमिका में जगदीश प्रताप बंदरी प्रभावित करते हैं. लगभग फिल्म के अंत में एसपी भंवर सिंह शेखावत की भूमिका में फहद फाजिल छा जाते हैं. पुष्पा और भंवर सिंह का टकराव तनाव पैदा करता है. फिल्म के दूसरे हिस्से में यह दोनों कमाल कर सकते है.


सुकुमार का निर्देशन कल्पनाशील और दिलचस्प है. फिल्म की जान बैकग्राउंड म्यूजिक है. कैमरा का सञ्चालन फिल्म को हैरत अंगेज़ ऊँचाई तक ले जाता. एक्शन दृश्य खतरनाक और दर्शनीय बन पड़े है. 


इस फिल्म के बाद अल्लू अर्जुन बॉलीवुड अभिनेताओं के लिए बड़ी चुनौती बन गए है . उनके सामने कोई खान या कुमार फीका नज़र आता है. #alluarjun #pushpa #pushpahindi #rvcjmovies @alluarjun @rashmika@fahadhfaassil

Wednesday 8 December 2021

ईसाई अत्याचार को हिन्दू अत्यचार दिखाती जय भीम



तमिल फिल्म जय भीम २ नवम्बर २०२१ से #PrimeVideo से स्ट्रीम हो रही है. यह फिल्म अपने विषय के कारण काफी चर्चा में है.



तमिलनाडु की सत्य घटना पर फिल्म जय भीम एक गर्भवती जनजातीय महिला की अपने पति की खोज की है, जिसे कुछ दिन पहले पुलिस ने कथित रूप से चोरी के अपराध में पकड़ा था. महिला की खोज एक मानवाधिकारवादी वकील तक जा पहुंचती है. वह वकील इस मामले को न केवल हाई कोर्ट तक ले जाता है, बल्कि दोषी पुलिस वालों को सजा भी दिलवाता है.



इस फिल्म में सूर्या का वकील चंद्रू की भूमिका में अभिनय बेमिसाल है. बाकी के चेहरे भी सशक्त अभिनय कर ले जाने वाले है. हिंदी दर्शकों के लिए एक जाना पहचाना चेहरा प्रकाश राज का है, जो डी आई जी पुलिस बने हैं.



इसमें कोई शक नहीं कि जय भीम बिना किसी भाषणबाजी और दोषारोपण के जातिगत अत्याचार का दिल दहला देने वाला चित्रण करती है. परन्तु समकालीन तमिल सिनेमा की विसंगतियां हैं.



तमिल फिल्मों में ज़्यादातर मुख्य चरित्र क्रिस्चियन होते है. यह चरित्र बहुत कम बुरे दिखाए जाते  हैं. यहाँ तक कि तमिल फिल्म निर्माता वास्तविक चरित्रों को भी ईसाई से बदल कर हिन्दू कर  देते हैं. जय भीम में ऐसा ही किया गया है.



वास्तव में जनजाति युवाओं पर अत्याचार करने वाला पुलिस अधिकारी ईसाई था, जय भीम में यह हिन्दू है. ऎसी की कुछ दूसरी फिल्मों में भी किया गया है.



जय भीम हिंदी को लेकर भी विवाद में घिरी थी. इस फिल्म में प्रकाश राज का चरित्र एक अपराधी को हिंदी बोलने के कारण झापड़ मारता है. 



आरोप लगा कि यह झापड़ हिंदी का विरोध के लिए था. जबकि निर्माताओं की ओर से सफाई दी गई कि चूंकि वह अपराधी सवालों का जवाब न देने के ख्याल से करता है, इसलिए उसे डी आई जी झापड़ मारता है.



बहरहाल विवाद अपनी जगह पर और फिल्म की गुणवत्ता अपनी जगह पर. यह फिल्म विषयगत प्रभाव छोड़ पाने में सफल होती है. 

Wednesday 17 November 2021

भारतीय दर्शकों के लिए है #Red Notice

 


#RedNotice ओटीटी प्लेटफार्म @netflix सबसे बड़ी ओपनिंग लेने वाली @netflixfilm बन गई है. यह फिल्म ५ नवम्बर को दुनिया के चुनिन्दा सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी. १२ नवम्बर से इस फिल्म का नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम किया जाना शुरू हुआ. भारतीय दर्शकों के लिए यह फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगु में डब कर प्रदर्शित की गई है.


रेड नोटिस को खालिस मसला फिल्म कहा जाना उपयुक्त होगा. फिल्म में @therock @vancityreynolds और @gal_gadot के चरित्रों जॉन हार्टले, नोलन बूथ और द बिशप के इर्दगिर्द बुनी गई है. यह तीनों ही चरित्र दिलचस्प और मजाकिया हैं. हालाँकि कहानी में कुछ नयापन नहीं. पर रोचक प्रसन्न, हलके फुल्के एक्शन और हास्य संवादों के कारण दर्शक बंधा रहता है. इन तीनों ने काम भी खूब किया है.


फिल्म का निर्देशक @rawsonthurber रोचकता बनाए रखी है. क्योंकि वह फिल्म के लेखक भी है. मिचेल एल सेल और जूलियन क्लार्के की कैंची ने फिल्म की रोचकता कम नहीं होने दी है.


भारतीय दर्शकों के लिए फिल्म का बड़ा आकर्षण भारतीय रक्त वाली अभिनेत्री @rituarya हैं, जो फिल्म  में इन चोरों का पीछा कर रही पुलिस अधिकारी उर्वशी दास की भूमिका में बढ़िया काम कर ले जाती है.


इस फिल्म को देखने के बाद दर्शकों को कतई अफ़सोस नहीं होगा.

Sunday 30 May 2021

कोरोना काल में Amazon Prime Video पर बहुत डराएगा यह Host


रॉब सैवेज द्वारा निर्देशित फिल्म होस्ट को पूरी तरह से 2020 में लॉकडाउन के दौरान शूट किया गया था. इस फिल्म को पहले अमेरिका में रिलीज़ किया गया. इसे रॉटेन टोमाटोज़ पर १०० प्रतिशत की समीक्षा मिली. भारत में, यह फिल्म कुछ दिन पहले ही अमेज़न प्राइम वीडियो पर पहले अंग्रेजी में रिलीज़ हुई है. अब यह फिल्म शुक्रवार २७ मई से तेलुगु और हिंदी में रिलीज़ हुई है.



कोरोना काल में फिल्म होस्ट परफेक्ट होस्ट जैसी लगती है. इस फिल्म में रहस्य है, भय है और भूत होने का एहसास भी है. फिल्म की खासियत है इसका फॉर्मेट. इस फिल्म में कैमरा खुद कहीं नहीं चलता. विडियो चैटिंग के लिए एकत्र दोस्तों का लैपटॉप, आई फ़ोन ही चलता फिरता डराता है. यह तकनीक फिल्म को काफी अलग और दर्शकों में डरावना प्रभाव पैदा करने वाली है.



छः मित्र, समय बिताने के लिए विडियो चैटिंग के माध्यम से एकत्र होते है. वह इसमे शामिल कर लेते हैं एक ऎसी महिला को जो आत्मा बुला सकती है. नए अनुभव के लिए सभी दोस्त इसे मान लेते हैं. जैसे जैसे कहानी आगे बढाती जाती है, भय का माहौल बनाता चला जाता है. ख़ास बात यह है कि एक्टरों के चेहरों पर भय से ही दर्शक भय महसूस करता है. यही कारण है कि एक समीक्षक को लिखने पर मज़बूर होना पडा कि इसे देखने के बाद शायद आप हफ़्तों तक न सोयें.

Friday 28 May 2021

क्लाइमेक्स हैक्ड कर देता है फिल्म हैक्ड



#Zee5 पर निर्देशक विक्रम भट्ट की थ्रिलर फिल्म हैक्ड का प्लॉट बॉंधे रखता है।


फिल्म एक हैकर की एक मैगजीन में काम करने वाली समीरा खन्ना के प्रति आसक्ति की कहानी है। फिल्म की पटकथा रिया आनन्द, राजकुमार जंघारे और संदीप प्रभु ने दिलचस्प लिखी है। पर झोल भी कम नहीं हैं ।


यह साफ़ करने की कोशिश नहीं की गई है कि लोगो के छोटे मोटे काम करने वाला हैकर महंगे उपकरण कैसे खरीद पाता है? यही फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है।


फिल्म में टीवी के मशहूर चरित्र अक्षरा को करने वाली अभिनेत्री हिना खान ने समीरा उर्फ़ सैम की भूमिका की है । उन्होंने अक्षरा की इमेज को भाड़ मे झोंकते हुए कामुकता का प्रदर्शन किया है। 


फिल्म मे हैकर विवेक की भूमिका गुजराती अभिनेता रोहन शाह ने की है । वह रह रह कर डर के शाहरुख़ खान की याद दिला रहे थे । उनका मेकअप भी शाहरुख़ खान की ही फिल्म फैन के चरित्र गौरव चन्दन की याद दिला देता है  


फिल्म को बेमन से समेटने विक्रम भट्ट हिना खान के चरित्र के हाथों से हैकर की हत्या करवा कर कहानी को बिखेर देते है। 

Thursday 13 May 2021

निराश करती है Salman Khan की Radhe Your Most Wanted Bhai

 


प्रभुदेवा ने निर्देशन में, सलमान खान की ईद वीकेंड पर प्रदर्शित फिल्म राधे योर मोस्ट वांटेड भाई से बेहद उम्मीदें थी. यह फिल्म कोरोना वायरस के कारण सिनेमाघरों के पूरी तरह से न चलने के कारण २० करोड़ तक नहीं कमा पाएगी, यह तो सलमान खान ने भी कह दिया था. लेकिन, ईद के मौके पर खाड़ी देशों में सलमान खान की फिल्म को बढ़िया दर्शक मिले. हिंदुस्तान में तो इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफार्म जी२ और जी प्लेक्स पर देखने के लिए दर्शक टूट पड़े. फिल्म को इतने दर्शकों ने देखना चाहा कि कहते हैं कि जी५ की साईट ही क्रेश कर गई.

बहरहाल, जो लोग राधे योर मोस्ट वांटेड भाई को ओटीटी पर देख सके, उनका भला, जो नहीं देख सके, उनका भी भला. अगर देख भी लिया तो कौन सा अपने बाल नहीं नोच रहे. नहीं देखा तो कुछ नोच भी लिया तो क्या ? इतनी कूड़ा फिल्म को किसी त्यौहार के मौके पर देखना, त्यौहार का माहौल खराब करने जैसा है. ड्रग माफिया के मुंबई के युवाओं को बर्बाद करने की राधे योर मोस्ट वांटेड भाई की कहानी बासी और रद्दी है. उतना ही रद्दी प्रभुदेवा का निर्देशन है. फिल्म की स्क्रिप्ट ने तो दिमाग का दही कर दिया. बेसिर पैर के घिसे पिटे दृश्य उकता देते हैं.



इस फिल्म को दर्शक सलमान खान के कारण देखना चाहेंगे. लेकिन, सच मानिए उन्हें काफी अफ़सोस होगा. अब सलमान खान चुक चुके हैं. वह बाप का रोल करना चाहें भी तो नहीं कर सकेंगे, क्योंकि शादी न करने के कारण बच्चों का कोई अनुभव नहीं है. अभिनय उनको पहले ही नहीं आता था. बुढापे की मार से चेहरा काफी मरम्मतशुदा हो चुका है. उन्हें देख कर ७० साल के रजनीकांत की याद रह रह कर आती है. रजनीकांत भी थकी हुई मुद्रा में एक्शन करने का मोह नहीं छोड़ पाते. लेकिन, ५६ साल के सलमान खान का यो रजनीकांत हो जाना उनके प्रशंसकों को निराश करेगा.

दिशा पाटनी ने सोशल मीडिया पर अपने शरीर की कुछ इतनी प्रदर्शन कर दी है कि उनकी सेक्स अपील में को अपील नहीं रह गई है. अभिनय उनको आता नहीं. मुंह चिढा कर डायलाग बोलने को वह अभिनय बताती हों तो बात दूसरी है. वह खुद को इस प्रकार की भूमिका से रोके, अन्यथा वह बहुत ज़ल्द फिल्म इंडस्ट्री से बाहर होने जा रही है.



जैकी श्रॉफ, ने सलमान खान के सीनियर पुलिस ऑफिसर की भूमिका की है. कहा जा सका है कि वह अपना नाम डुबोते जा रहे हैं. इतनी घटिया भूमिका करना उनकी कौन सी मज़बूरी है. अब तो उनका बेटा टाइगर अच्छा कमा रहा है. दिशा को उसकी बीवी बना दें, वह भी सेटल हो जायेगी और दो कमाई भी घर आने लगेंगी. जग्गू दादा को इस प्रकार की भूमिका करने की ज़रुरत नहीं होगी. हेल्लो चार्ली के बाद, राधे योर मोस्ट वांटेड भाई ऎसी दूसरी फिल्म है, जिसमे जैकी श्रॉफ ने बेहद निराश किया है.

रणदीप हूडा, ध्यान आकृष्ट करते हैं. पर ड्रग माफिया राना की उनकी भूमिका हॉलीवुड फिल्म एक्सट्रैक्शन में उनके चरित्र सजू राव का विस्तार लगती है. पर वह इस भूमिका में फबे हैं.



राधे योर मोस्ट वांटेड भाई से दक्षिण की तमिल और तेलुगु फिल्मों की अभिनेत्री मेघा आकाश ने सलमान खान की साथी पुलिसकर्मी की भूमिका की है. उनका हिंदी फिल्म डेब्यू सूरज पंचोली की एक अन्य सुपर फ्लॉप फिल्म सॅटॅलाइट शंकर से हुआ था. अब राधे में उनकी ऎसी छोटी और बेकार सी भूमिका उनकी मज़बूरी बयान करती है.

फिल्म में ढेरों कलाकारों को बर्बाद किया गया है. कोई भी चरित्र प्रभावित नहीं कर पाता. फिल्म का गीत संगीत बेकार है. अल्लू अर्जुन की फिल्म डीजे उर्फ़ दुव्वाडा जग्गनाथम का गीत सीटी मार शामिल किया गया है. यह गीत सलमान खान की डांसिंग की पोल खोलने वाला है.

Tuesday 15 December 2020

क्रिकेट की उत्तेजना को भी ठंडा कर देने वाली तोरबाज़ !


निर्देशक गिरीश मलिक की फिल्म तोरबाज़ के ख़त्म होने के बाद, यही सवाल मन में उठता है कि उन्होंने यह फिल्म क्यों बनाई. फिल्म के प्रचार से ऐसा लगता था कि यह फिल्म बच्चों के मानव बम बनाए जाने के कथानक पर है. पर फिल्म में पूरा ध्यान बच्चों के क्रिकेट पर रहा. यह फिल्म @Netflix पर स्ट्रीम हो रही है.


अगर, फिल्मकार की इच्छा क्रिकेट के माध्यम से शरणार्थी अफगानी बच्चो को मानव बम बनने रोकने की थी तो इसे ज़्यादा उभरा जाना चाहिए था. फिल्म देख कर ऐसा लगा  कि फिल्मकार तालिबान से डरा हुआ है. इस कारण से क्रिकेट भी बेजान हो जाता है.


फिल्म में, संजय दत्त ने मेडिकल प्रोफेशनल नासेर की भूमिका की है, जो काबुल में भारतीय दूतावास में तैनाती के दौरान अपने बेटे और बीवी को खो चुका है. नासेर की इस त्रासदी का ख़ास खुलासा नहीं किया गया है. फिल्म में नर्गिस फाखरी एनजीओ चलाने वाली आयशा  की भूमिका में है. राहुल देव और कुछ दूसरे एक्टर आतंकवादी की भूमिका में है. सभी एक्टरों ने अपना फ़र्ज़ निबाहा भर है. कतई प्रभावित नहीं कर पाते.


ढीली पटकथा और प्रभावहीन निर्देशकीय कल्पनाशीलता वाली इस फिल्म के कारण उनका अभिनय बेजान हो जाता है. फिल्म का कोई पक्ष जिक्र करने लायक नहीं है. यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है.

बॉलीवुड के एक्टरों ने दुर्गामती को मारा !


शायद, मैंने गलती यह की कि दुर्गामती देखने से पहले भागमती देख ली. परन्तु, अगर आप दुर्गामती देखना चाहते हैं, तो उससे पहले भागमती कतई मत देखे. क्योंकि, अगर आपने भागमती देख ली है तो फिल्म दुर्गामती का आकर्षण और रहस्य ख़त्म हो जाता है. हर रील पूरी तरह से कॉपी है.



प्रमुख चरित्रों के लिए हिंदी दर्शकों के पहचाने अभिनेता अभिनेत्रियाँ लिए गए हैं. भागमती अनुष्का शेट्टी की जगह दुर्गामती भूमि पेढनेकर ने ले ली है. ईश्वर प्रसाद जयराम के बजाय अरशद वारसी बने हैं. सीबीआई अधिकारी की भूमिका में आशा शरद के बजाय माही गिल हैं तथा उन्नी मुकुन्दन के शक्ति दुर्गामती में अक्षय कुमार के साले करण कपाडिया बने हैं. यही चारों एक्टर दुर्गामती को भागमती के मुकाबले कमज़ोर बनाते हैं.



भूमि पेढनेकर जब जब ओवरएक्टिंग करती हैं, ठीक लगती हैं. जैसे ही वह सामान्य होती है, अपना प्रभाव खो बैठती हैं. अक्षय कुमार ने जाने क्या सोच कर अरशद वारसी को ईश्वर प्रसाद की भूमिका में लिया ! शायद जॉली एलएलबी का सीक्वल हड़पने का पश्चाताप किया. माहि गिल को अभी ठीक से हिंदी बोलना तक नहीं आया है. वह संवाद अदायगी में पंजाबीपन  पीटती लगती हैं. शक्ति की भूमिका से भागमती को जीतनी शक्ति मुकुन्दन के कारण मिलती थी, उतनी शक्ति करण कपाडिया दुर्गामती भूमि को नहीं दे पाते.



स्पष्ट रूप से इन बॉलीवुड सितारों के अभिनय की तुलना तेलुगु के एक्टरों के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती एसीपी की भूमिका के लिए मुरली शर्मा के बजाय जीशुआ सेनगुप्ता को लिया गया है. वह सशक्त कड़ी हैं. लेखक- निर्देशक जी अशोक ने अपनी ही फिल्म भागमती को फ्रेम दर फ्रेम दोहरा दिया है. उन्होंने भागमती की कमजोरियां दुर्गामती में दूर करने की कोई कोशिश नहीं की है. वैसे अगर आपने मूल भागमती नहीं देखी है और देखना भी नहीं चाहते तो दुर्गामती को देख सकते हैं. उकताएंगे नहीं. फिल्म मनोरंजन करेगी. 

Wednesday 18 November 2020

क्या ज़बरदस्त है हंसल मेहता की छलांग !



अमेज़न प्राइम विडियो पर, १३ नवम्बर से स्ट्रीम हंसल मेहता की फिल्म छलांग हरियाणा के अर्धसरकारी स्कूल के पीटी मास्टर महेंदर सिंह हूडा उर्फ़ मोंटू की है, जो बच्चों को सिखाने के लिए प्रेरित होता है  नीलू को पाने और हेड पीटी मास्टर आई एम् सिंह से मुकाबले के कारण.

इस फिल्म को तुर्रम खान से छलांग बनाने के ज़िम्मेदार @ZeishanQuadri, @luv_ranjan और @aseem_arora हैं. क्या बेहतरीन स्क्रिप्ट लिखी है. संवाद तो लाजवाब है. कहानी कहने का ढंग बेहद चुटीला है. दर्शक बोर नहीं हो सकता. हर चरित्र दिलचस्प, परफेक्ट और सपोर्टिव.

संगीतकार @Hiteshsonik लव रंजन के साथ उनकी पहली फिल्म से ही जुड़े हुए हैं. वह इस फिल्म में भी उनका सहयोग करते हैं. ख़ास तौर पर बैकग्राउंड म्यूजिक तो खूब बन पडा हैं. कहानी का थ्रिल बनाए रखता है. हितेश, सोनिक- ओमी जोड़ी के राज सोनिक के बेटे हैं और सुनिधि चौहान के पति.

अभिनय के मामले में @Rajkummar छाये हुए हैं. वह अपने बेपरवाह और लम्पट चरित्र को ज़िम्मेदार बनाते हुए बखूबी निभाते हैं. इसमें कोई शक नहीं कि राजकुमार राव और हंसल मेहता की जोड़ी जादू कर देती है. छलांग में यह जादू छलांग भरता लगता है.

@NushratBharucha चौंकाती है. वह ग्लैमरहीन अंदाज़ में खूब फबी है. एक्टिंग बिंदास करती हैं. नीलू जीवंत नज़र आती है. नुशरत को इस प्रकार की भूमिकाओं में रूचि दिखानी चाहिए. ग्लैमर बहुत दिन नहीं चलता.

@Mdzeeshanayyub की जब फिल्म में एंट्री होती है तो रंग जमता लगता है. मोंटू का किरदार, उनके आईपी सिंह के कारण ही उभरता है. पर फिल्म के क्लाइमेक्स तक पहुंचते ही, वह फीके लगने लगते हैं. फिल्म ख़त्म होते होते वह ऑफ कलर हो जाते हैं. बेहद निराशाजनक अंत होता है उनके किरदार का.

छलांग को बेहद दिलचस्प होना ही था. सतीश कौशकी, शौरभ शुक्ल, इला अरुण, जतिन सरना, नमन जैन, सुपर्ण मारवाह, राजीव गुप्ता, बलजिंदर कौर, गरिमा कौर, आदि प्रतिभाशाली एक्टर, अपने किरदारों को रोचक और प्रभावशाली बना जाते हैं. हर एक्टर अपने रोल में एकदम फिट. जैसे टेलर मेड.

अमूमन हंसल मेहता की फ़िल्में काफी सुस्त रफ़्तार होती है. कभी बेहद उबाऊ. परन्तु, छलांग में उन्होंने सुस्ती पीछे छोड़ कर रोचकता की छलांग लगाईं है. उनकी कल्पनाशीलता चरम पर नज़र आती है. यह फिल्म सोद्देश्य फिल्म कही जा सकती है.

इस प्रकार की फ़िल्में सिनेमाघरों में ज़रूर प्रदर्शित की जानी चाहिए ताकि दूसरे फिल्मकार भी जाने कि दर्शक क्या चाहता है! मैं एक बार फिर छलांग की लेखक तिकड़ी की प्रशंसा करूंगा, जिन्होंने अपना काम ज़बरदस्त किया.


Monday 22 June 2020

बिल्लू के एकतरफा प्रेम की चमन बहार


सारेगामा इंडिया कीनेटफ्लिक्स पर १९ जून से स्ट्रीम हो रही फिल्म चमन बहार दिलचस्प फिल्म है।  छत्तीसगढ़ के वन विभाग में चौकीदार की नौकर से उकताया बिल्लू पान की दूकान खोल लेता है। शहर से दूर खुली उस दुकान में कोई पान खाने नहीं आता।  उसका समय तब  बदलता  है, जब उसकी दूकान के  सामने सड़क पर एक परिवार रहने आ जाता है।  उस घर में एक सूंदर लड़की भी है।  उस लड़की की सुंदरता की खबर शहर के लड़कों को लगाती है तो वह बिल्लु की पान की दूकान में पान और पान मसाला खाने आने लगते हैं।  उसकी दूकान में भीड़ जुटने लगती है। बिल्लू को खुश होना चाहिए कि उसकी बिक्री बढ़ गई है।  लेकिन.,वह दुखी है कि जिस लड़की के लिए  इतने लोग पान खाने आते  हैं, वह उससे प्रेम करने लगता है।  उसे सब अच्छा नहीं लग रहा।

अपूर्व धर बड़गैयान की लिखी और निर्देशित फिल्म चमन बहार में दिलचस्प कथानक है। अपूर्व की बतौर लेखक और निर्देशक यह पहली फिल्म है।  वह अपना काम बखूबी कर ले जाते हैं।  फिल्म के कथानक पर उनकी पकड़ है।  वह अपने कैमरे के साथ दर्शकों को भी घुमा ले जाते हैं।

तमाम तरह की घटनाओं का मजमा बिल्लू की दूकान के बाहर जुटाया गया है कि एक घर, एक गुमटी और कुछ देहाती किरदारों के बावजूद फिल्म को देखते हुए ऊब नहीं लगती।  फिल्म को अपने कंधे पर ढो कर ले जाते हैंबिल्लू की भूमिका में अभिनेता जितेंदर कुमार।  जितेंदर काफी घुटे हुए अभिनेता हैं।  बहुत से टीवी सीरियल और दिलचस्प फ़िल्में कर रखी हैं। वह अपने बिल्लू में समा जाते हैं। सूंदर लड़की रिंकू की भूमिका में रितिका बड़ियानी हैं। वह सूंदर लगती हैं।  पर उन्हें कुत्ते के साथ कैटवाक  से ज़्यादा मौके नहीं मिले हैं।  रितिका ने अक्षय कुमार  की फिल्म एयरलिफ्ट के अलावा कुछ म्यूजिक वीडियो किये हैं। बाकी कलाकार भी अपने रोल में जमे हैं।


फिल्म कितनी दिलचस्प है, इसका अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि नेटफ्लिक्स पर यह फिल्म सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म ड्राइव को पछाड़ कर नंबर १ पर बनी हुई है। 

Saturday 3 March 2018

अनुष्का शर्मा को रामसे ब्रदर्स की बहन साबित करने वाली परी

निर्माता और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा की फिल्म परी की होली के मौके पर दर्शकों को बेसब्री से प्रतीक्षा थी।  यह कहा जा रहा था कि फिल्म भारत की हॉरर फिल्मों के लिहाज़ से मील का पत्थर साबित होगी।  अनुष्का शर्मा ने एक हॉरर फिल्म करके, हॉरर को ए-ग्रेड की अभिनेत्रियों का जॉनर बना दिया है।  लेकिन, अब जबकि फिल्म रिलीज़ हो चुकी हैं, परी कोई मील का पत्थर नहीं साबित होती।  बेशक अनुष्का शर्मा  हॉरर फिल्म की नायिका बन कर हिम्मत का काम करती हैं, लेकिन हुमा खान, कृतिका देसाई, नीलम मेहरा का  श्लील संस्करण ही साबित होती है।  फिल्म  की शुरुआत ही अजीबोगरीब है।  परमब्रत चटर्जी और रिताभरी चक्रवर्ती के चरित्र  छत पर कॉफ़ी पीते नज़र आते हैं।  कहानी का सूत्र पकड़ने का अजीबोगरीब तरीका।  अगले सीन में फिल्म ढर्रे पर आती है, जब तेज़ बारिश के बीच जा रही अर्नब की विंड स्क्रीन से एक औरत  आ टकरती है। इस औरत के साथ सामने आता है, अनुष्का शर्मा की रुखसाना का चरित्र।  इसके बाद कहानी बांगलादेश और कोलकत्ता के बीच घूमती रहते है।  धीरे धीरे खुलासा होता है कि रुखसाना अरैबिक कहावतों के शैतान इफरित की संतान है।  इन शैतानों को  ख़त्म करने वाला क़यामत समूह है, जिसका मुखिया एक आँख वाला प्रोफेसर क़ासिम है।  कहानी का अंत होता है इस  सन्देश के साथ कि प्यार शैतान को भी इंसान बना देता है देता है।  क्योंकि, अनुष्का शर्मा और परमब्रत चटर्जी के बीच एक चुम्बन से उपजी कामुकता का नतीजा अनुष्का शर्मा की संतान शैतान नहीं, इंसान है, हालाँकि, वह सामान्य इंसानों के  बच्चे की तरह नौ महीने में नहीं, एक महीने में पैदा हुई है।   अभिषेक बनर्जी और प्रोसित रॉय की कथा-पटकथा में ऐसे ढेरों सूत्र है, जो बिना स्पष्ट किये छोड़ दिए गए हैं या दिखा दिए गए हैं। 
प्रोसित रॉय के निर्देशन की केवल यही खासियत है कि वह धीमी गति से गति से कहानी चलाते हैं।  उनकी कल्पनाशीलता में खून, विकृत चेहरे और घाव ही डरावनी फिल्म होती है।  साउंड के ज़रिये डराने की कोशिश की गई है।  लेकिन, रामगोपाल वर्मा की भूत से बहुत पीछे हैं।  कुछेक दृश्य बहुत अच्छे बन पड़े हैं, मसलन पोस्टमॉर्टम हाउस से बिल्लियों की तरह छलांग मारते हुए रुखसाना का अर्नब के घर पहुँचना,   रुखसाना का अर्नब  के चरित्र का गला पकड़ लेनाअर्नब और उसकी मंगेतर पियाली के  चुम्बन के बीच रुखसाना का खिड़की की छत से झांकना, आदि आदि।  ज़्यादातर फिल्म अँधेरे में  खून से सनी हुई है।  अनुष्का के चेहरे को घावों से भरकर डरावना बनाया गया है।
जहाँ तक अभिनय पक्ष की बात है अनुष्का शर्मा अनुष्का शर्मा ही लगाती है, चोट खाई हुई।  परमब्रत चटर्जी ने अभिनय की अपनी शैली में स्वाभाविक अभिनय किया है।  क़ासिम की भूमिका में रजित कपूर छा गए हैं।  पियाली की भूमिका में रिताभरी चक्रवर्ती असहज लगाती हैं।  मानसी मुल्तानी का असली चेहरा तो बहुत कम नज़र आता है।  वह साउंड और मेकअप के बीच डरा ले जाती है।   
जिश्नु चटर्जी का कैमरा अँधेरे में  भटकता रहता है।   केतन सोढा का बैकग्राउंड म्यूजिक डराता है, लेकिन कुछ नई नहीं पुरानी शैली में।  फिल्म १३४ मिनट लम्बी है।  मानस मित्तल को इस पर जम कर  कैंची  चलानी चाहिए थी। 

 नॉट अ फेयरी टेल टैग लाइन वाली यह परी फिल्म एनएच १० और फिल्लौरी की फिल्म निर्माता अनुष्का शर्मा को रामगोपाल वर्मा नहीं, मोहन भाखरी की श्रेणी में लाने वाली है यानि दो कदम पीछे।


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