Friday 31 May 2013

बॉक्स ऑफिस को दीवाना बना देगी यह जवानी

     
                  यह जवानी है दीवानी क्यों देखें? देखें तो क्यों, न देखें तो क्यों? इस पर बात करने से पहले सबसे बड़ी बात यह कि रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण की इस जवानी को ज़रूर देखें। यह आज के युवा की फिल्म है जो घूमना चाहता है, दौड़ना चाहता है, ऊँचाइयाँ छूना चाहता और गिरना भी चाहता है। पर फिल्म खालिस आज के युवा वाली नहीं, जैसी कुछ हफ्ते पहले रिलीज हिट फिल्म आशिक़ी 2 थी, जिसका युवा निराश, शराब में डूबा हुआ और लड़की से शादी से पहले सेक्स करने वाला। ठेठ आज के युवा की तरह, जो मिलते ही सेक्स और बिस्तर की बात ही करते हैं। कोंडोम और गर्भ निरोधक पर्स में जमे रहते हैं, न जाने कब ज़रूरत पड़ जाये। यह जवानी है दीवानी का बनी फ्लर्ट से इश्क को ज़्यादा बेहतर समझता है।
                       यह जवानी है दीवानी में आशिक़ी 2 के हीरो आदित्य रॉय कपूर भी हैं। इत्तेफाक ही है कि उनका   चरित्र अवि, आशिक़ी 2 के राहुल जैसा ही है- शराब पीने वाला, बिसतरबाज़ और कमोबेश अपनी कमजोरियों के लिए खुद को दोषी नहीं मानने वाला। अगर फिल्म अवि पर होती तो शायद आशिक़ी 2 का सेकुएल बन गयी होती। पर यह फिल्म भट्ट कैंप से नहीं, बल्कि धर्मा प्रॉडक्शन के करण जौहर की फिल्म है। यह बैनर कहीं न कहीं मूल्यों की बात करता है। अयान मुखर्जी फिल्म के डाइरेक्टर हैं, जिन्होंने वेक अप सिड बनाई थी। उनकी फिल्म का नायक कबीर थापर उर्फ बनी आज का युवा है। बनी आज का युवा है तो वह घूमना चाहता है, दौड़ना चाहता है, ऊँचाइयाँ छूना चाहता और गिरना भी चाहता है। बिल्ली यानि चशमिश पढ़ाकू नैना तलवार। हमेशा किताबों में डूबी रहने वाली। वह पढ़ाई से ऊब कर, अपने स्कूल के साथियों को मौज मजा लेते हुए देख कर, खुद भी एंजॉय करना चाहती है। इसलिए वह मनाली जाती है। स्टेशन पर मिलता है, बनी। बनी लड़कियों से फ्लर्ट करता है। लेकिन वह आज के लड़कों की तरह पहली मुलाकात में लड़कियों से सेक्स करना नहीं चाहता। नैना तलवार घरेलू प्रकार की है। अपना शहर, माता पिता और दोस्त परिवार उसकी प्राथमिकता हैं। बनी उसको देखता है। पर उससे फ्लर्ट नहीं करता। नैना पूछती है तो कहता है कि तुम फ्लर्ट के नहीं इश्क के काबिल हो। यही फर्क है आज के सेक्स के भूखे युवा से अलग इश्क को इबादत समझने वाला यह जवानी है दीवानी का बनी में।  मनाली में नैना  बिल्कुल बिंदास हो जाती है। वह उस लाइफ को एंजॉय करती है। वह बनी से प्रेम करने लगती है। वह उससे अपने प्रेम का इज़हार करना चाहती है कि बनी बताता है कि वह विदेश जा रहा है, अपना सपना पूरा करने के लिए। आठ साल बीत जाते हैं। बनी अपनी बेस्ट फ्रेंड की शादी में शामिल होने आता है। चारों दोस्त फिर मिलते हैं। बनी न जाने कब नैना से प्यार करने लगता है। वह उससे कहता है कि वह नैना से प्रेम करता है और शादी करना चाहता है। वह नैना से कहता है कि चलो, मैं तुम्हारा हाथ थाम कर दुनिया घूमना चाहता हूँ। नैना शहर, दोस्त, परिवार को तरजीह देती है। वह कहती है, हम कितनी भी कोशिश करें, कुछ न कुछ तो छूट ही जाता है। इसलिए जो सामने है उसे एंजॉय करो। बनी को एहसास होता है कि ऊँचाइयाँ  छूने   के उसके सपनों ने उसे पिता की मौत की खबर तक नहीं लगने दी थी। तब वह नैना से शादी कर अपने शहर में दोस्तों के बीच रहने का निर्णय लेता है।
यह जवानी है दीवानी युवाओं को उपदेश नहीं देती तो पतन की राह भी नहीं दिखाती। फिल्म यह नहीं कहती कि आप सपने मत देखो। लेकिन यह ज़रूर बताती है कि कुछ न कुछ तो छूट ही जाता है।  फिल्म बताती है कि कुछ ऐसे मूल्य हैं, जिनका भौतिकवादी युग में भी महत्व हैं। अयान ने इस घिसी पिटी उपदेश देती जैसी लगने वाली फिल्म को बेहद मनोरंजक ढंग से बिना अश्लील हुए बनाया है। फिल्म का कोई भी एक्टर मिडिल फिंगर नहीं दिखाता, हीरो अपनी हीरोइन से नहीं पूछता कि क्या उसने सेक्स किया है। वह उसे बिस्तर पर पटकने की कोशिश नहीं करता। दोनों इश्क को एहसास की तरह भोगते हैं, आँखों और हाव भाव से व्यक्त करते हैं। इसके बावजूद फिल्म युवा है, क्योंकि, फिल्म में वह पूरी मस्ती है जो आज का युवा करता है और करना चाहता है। बस सेक्स की डोज़ नहीं है।
फिल्म में रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में हैं। यकीन जानिए क्या खूब कैमिस्ट्रि है दोनों के बीच। दोनों अपनी आँखों और चेहरे से अपने इमोशन एक्सप्रेस करते हैं। रणबीर कपूर तो गजब की एक्टिंग करते ही हैं। दीपिका पादुकोण साबित करती हैं कि वह अपनी समकालीन सभी अभिनेत्रियों को पीछे छोड़ कर बहुत आगे जाने वाली हैं। वह खूबसूरत है, वह सेक्सी हैं पर यहाँ ग्लैमरस लगती हैं। उन्होने अपने ऊम्फ फैक्टर   को यूज करने की कोई कोशिश नहीं की है। रणबीर कपूर की तरह युवाओं के दिलों में बस जाती हैं दीपिका। फिल्म में दीपिका का एक डाइलॉग है, जो फिल्म के प्रोमोस में काफी चला है- अवि तुम समझते क्यों नहीं कि अगर मैं दो मिनट भी तुम्हारे पास रही तो मुझे प्यार हो जाएगा...फिर से। यकीन जानिए सिनेमाघर में बैठे दर्शक बेतहाशा तालियाँ बजाते हैं और स्वागत करते हैं दीपिका के निर्णय का। यह प्रमाण है कि दर्शकों को दीपिका-रणबीर chemistry खूब जमी। कल्कि कोएचलीन पहली बार अच्छी लगीं। आदित्य रॉय कपूर को थोड़ा एक्टिंग से काम लेना होगा, नहीं तो वह जल्द ही बासी हो जाएंगे। बाकी कलाकार ठीक ठाक हैं।
फिल्म निर्देशक की फिल्म है, लेखकों की फिल्म है। अयान मुखर्जी इस पुरानी लगने वाली कहानी को अपनी कल्पनाशीलता के सहारे बिल्कुल नए ढंग से पेश करते हैं। देशी विदेशी लोकेशन है, पर यह कहानी को भटकाती नहीं, चरित्रों को उभारती है। मनिकन्दन का कैमरा मुख्य चरित्र की ऊंचाई तक पहुँचने की इच्छा को पूरा सहयोग देता है। एडिटिंग काफी चुस्त है, इसलिए फिल्म तेज़ तर्रार बन पड़ी है।
प्रीतम युवाओं को पसंद आने वाला संगीत बनाते हैं। यंग आडियन्स को टार्गेट करने वाली फिल्मों की वह जान हैं। यह जवानी है दीवानी का संगीत युवाओं को जवानी का एहसास कराने वाला है।
फिल्म देखिये। युवा भी देखें और युवाओं के अम्मा अब्बा भी। युवा इसलिए देखें कि सपने देखने और पूरा कराने  ज़रूरी हैं, पर उतने ही ज़रूरी माता पिता और उनके एहसास भी। फिल्म में सेक्स उतना ज़रूरी नहीं, जितना इश्क। रणबीर कपूर के स्वाभाविक अभिनय के लिए फिल्म देखी जा सकती है। यों फिल्म केवल दीपिका पादुकोण के लिए भी देखी जा सकती है। फिल्म की शुरुआत में ही माधुरी दीक्षित का घाघरा आइटम डांस है। वैसे यह फिल्म में नहीं होता तो भी फिल्म चलती ही। लेकिन, यह आइटम बताता है कि माधुरी दीक्षित में आज भी तेज़ाब है।
कल दीपिका पादुकोण अपनी फिल्म की सफलता की मन्नत मनाने Mumbai के मशहूर सिद्धिविनायक मंदिर गयी थीं। आज उनकी  फिल्म को अच्छी ओपेनिंग मिली है। लेकिन, अगर दीपिका मंदिर नहीं भी जाती तो फिल्म को हिट होना ही था। सच जानिए फिल्म को देखने के बाद दर्शक जैसे रिसपोन्स दे रहे हैं, वह इस फिल्म को इस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म बनाने का संकेत कर रहे हैं। मार दी रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण ने हिट फिल्मों की हट्रिक्क एक साथ।




Thursday 30 May 2013

नहीं रहे बांगला फिल्मों के ऋतु


                     
 हिन्दी फिल्मों या यों कहें कि  बॉलीवुड  फिल्मों के कारण क्षेत्रीय फिल्मों को वह महत्व नहीं मिल पाता, जो उन्हे मिलना चाहिए या यों कहें उनकी कमोबेश उपेक्षा की जाती है। बंगला फिल्मों के  प्रतिष्ठित निर्देशक ऋतुपर्णों घोष को आजीवन यही दुख रहा।  पिछले साल ऑस्कर अवार्ड्स में इंडिया एंट्री के लिए रीजनल फिल्मों की उपेक्षा करते हुए हिन्दी फिल्म बर्फी को भेजे जाने पर उन्होने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। आज जब कि ऋतुपर्णों घोष का देहांत हो चुका है तो खुद वह और उनकी फिल्में इस बात का प्रमाण है कि रीजनल फिल्मों की हिन्दी फिल्मों के सामने उपेक्षा हमेशा होती रही है। घोषदा ने जितनी फिल्में बनायीं, उन्हे पूरे विश्व में चर्चा मिली । उनकी फिल्मों दहन, उत्सब, चोखेर बाली, रेनकोट, दोसोर, द लास्ट लेयर, शोएब चरित्रों कल्पोनिक और अबोहोमन को सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले। लेकिन, इन फिल्मों में से कितनों को हिन्दी बेल्ट में हिन्दी दर्शकों द्वारा देखा गया? चोखेर बाली ऐश्वर्या राय के कारण चर्चा में आई। रेनकोट को भी ऐश्वर्या राय और अजय देवगन जैसे हिन्दी के कलाकारों और हिन्दी में बनी होने के कारण सीमित दर्शकों ने देखा। रेनकोट उनकी पहली हिन्दी फिल्म थी। द लास्ट लेयर अमिताभ बच्चन, प्रीती जिंटा और अर्जुन रामपाल और विदेशी चर्चा के कारण हिन्दी बेल्ट में चर्चा के योग्य समझी गयी। लेकिन, बाकी फिल्में? ज़ाहिर है कि बॉलीवुड की घिसी पिटी मसाला फिल्मों को हाउसफूल पर हाउसफुल भीड़ मुहैया करने वाले हिन्दी दर्शकों ने ऋतुपर्णों घोष की कलात्मक और उद्देश्यपूर्ण फिल्मों को क्यों नहीं देखा। घोषदा के लिए दुख की बात यह थी कि फिल्म फ़ैडरेशन ऑफ इंडिया ने ओस्कर्स के लिए हिन्दी फिल्मों के सामने उनकी फिल्मों को इस योग्य नहीं समझा।
ऋतुपर्णों घोष ने अपने कैरियर की शुरुआत एडवर्टाइजिंग से शुरू की थी।  हिरेर अंगटी उनकी पहली बंगला फिल्म थी। अबोहमान के लिए उन्हे बेस्ट डाइरेक्टर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इसके बाद उन्होने कुल आठ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किए।  उन्होने अपने फिल्म कैरियर में 20 फिल्में लिखीं।  एक उड़िया फिल्म से वह पहली बार स्क्रीन में नज़र आए। उनकी फिल्मों दहन और रेन कोट को कार्लोवी वरी इंटरनेशनल  फिल्म
फेस्टिवल  में  तथा चोखेर बाली और अंतरमहल को लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नामित किया गया था।


Wednesday 29 May 2013

युवा दर्शकों को दीवाना बना लेने वाली है यह जवानी !

इस शुक्रवार रिलीज होने जा रही फिल्म यह जवानी है दीवानी की सफलता के लिए फिल्म की नायिका दीपिका पादुकोने व्रत उपवास रख रहीं हैं तथा उनके सिद्धि विनायक मंदिर जाने की भी खबर है। दीपिका यह सब किस लिए कर रही हैं? क्योंकि, किसी फिल्म की सफलता या असफलता का दारोमदार किसी एक एक्टर या एक्ट्रेस पर नहीं होता, बल्कि यह एक टीम वर्क है। वैसे अगर यह जवानी है दीवानी हिट हो गयी तो दीपिका पादुकोण कॉकटेल और रेस 2 के बाद लगातार तीसरी हिट फिल्म देने वाली अभिनेत्री  बन जाएंगी। मगर, दीपिका का उपवास महज इसी कारण से नहीं। दीपिका पादुकोण फिल्म के प्रति काफी उत्साहित हैं। यह उनकी पसंदीदा फिल्म में से एक है। दीपिका को लगता है कि यह जवानी है दीवानी अच्छी बन पड़ी फिल्म है।  उन्होने इसके लिए काफी मेहनत भी की है। इसलिए, उनका फिल्म की सफलता के लिए उत्साह में उपवास रखना स्वाभाविक है।
यह जवानी है दीवानी के हिट होने की प्रार्थना तो कई लोग कर रहे होंगे। करण जौहर भी, जो फिल्म के निर्माता हैं। अयान मुखर्जी भी, जो फिल्म के निर्देशक हैं। इस फिल्म के बाद वह अपनी पहली दोनों फिल्में हिट बनाने वाले निर्देशक बन जाएंगे। रणबीर कपूर भी, जो फिल्म के हीरो  हैं। यह फिल्म उन्हे बरफी के बाद एक वास्तविक हिट फिल्म का हीरो बना देगी। कल्कि कोएचलीन और आदित्य रॉय कपूर भी, जो फिल्म के को-स्टार हैं। आदित्य तो आशिक़ी 2 के बाद इस साल लगातार दूसरी हिट फिल्म दे सकेंगे।
फिल्म का हिट और फ्लॉप का गणित बहुत आसान नहीं। आजकल कोई फिल्म केवल बॉक्स ऑफिस के बूते पर सफल होने का इत्मीनान नहीं रखती। बहुत से ऐसे रास्ते हैं, जिनसे किसी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर दर्शक न बटोर पाने के बावजूद घाटे का सौदा नहीं समझा जाता। इस लिहाज से यह जवानी है दीवानी को रिलीज से पहले ही हिट क्या 100 करोड़ कमा लेने वाली फिल्म बताया जा रहा है। करण जौहर ने, यह जवानी है दीवानी के वितरण अधिकार 55 करोड़ में बेच लिए हैं। उन्होने सैटिलाइट राइट्स 28 करोड़ में बेचे हैं। सात करोड़ म्यूजिक राइट्स बेच कर मिल गए हैं। ओवरसीज डिस्ट्रीबूटर्स ने 11 करोड़ पहले ही दे दिये हैं। विडियो और अन्य राइट्स बेच कर करण जौहर को 2.5 करोड़ वैसे ही मिल जाने हैं। इस प्रकार से यह जवानी है दीवानी सौ करोड़ से ज़्यादा तो फिल्म रिलीज होने से पहले ही कमा चुकी है।
इसके बावजूद तमाम निगाहें 31 मई के यह जवानी है दीवानी के बॉक्स ऑफिस आंकड़ों पर लगी होगी। कहा जा रहा है कि क्या यह जवानी है दीवानी का पहले दिन का कलेक्शन 15 करोड़ तक हो सकेगा? इसकी उम्मीद काफी है। हालांकि, फिल्म में आशिक़ी 2 के आदित्य रॉय कपूर भी हैं, लेकिन इस फिल्म को पहचान रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण की फिल्म की तरह ही मिली है। इसलिए फिल्म की अच्छी ओपेनिंग रणबीर कपूर की फिल्म की अच्छी ओपेनिंग मानी जाएगी, न कि आदित्य रॉय कपूर की। जहां तक यह जवानी है दीवानी को बढ़िया ओपेनिंग का सवाल है, फिल्म के लिए समय पूरी तरह से अनुकूल है। आईपीएल खत्म हो चुका है। छुट्टियों का समय है। युवा पीढ़ी पढ़ाई से उबर कर छुट्टी के मूड में है। वैसे पिछले चार सालों का इतिहास गवाह है कि जून में रिलीज फिल्में बॉक्स ऑफिस पर चाँदी बटोरती हैं। 2010 में रणबीर कपूर की कैटरीना कैफ और अन्य के स्टार्स के साथ फिल्म राजनीति रिलीज हुई थी। 4 जून 2010 को रिलीज इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 94 करोड़ कमाए। 3 जून 2011 को सलमान खान और असिन की अनीस बजमी निर्देशित एक्शन कॉमेडी रेडी रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने बढ़िया ओपेनिंग लेकर 3 इडियट्स का
वीकेंड रेकॉर्ड भी ध्वस्त कर दिया। फिल्म ने कमाए कुल 122 करोड़। 2012 में 1 जून को अक्षय कुमार प्रभूदेवा के निर्देशन में एक्शन कॉमेडी राउडि राठोर में नज़र आए। इस फिल्म ने सभी रेकॉर्ड ध्वस्त करते हुए 2012 की तीसरी सबसे ज़्यादा कलेक्शन करने वाली फिल्म होने का सम्मान प्राप्त किया। इस लिहाज से रणबीर कपूर तथा अन्य की फिल्म यह जवानी है दीवानी के बढ़िया ओपेनिंग लेने तथा 100 करोड़ से ज़्यादा कमाई केवल बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन से करने की उम्मीद की जा रही है।
यह संभव है। फिल्म की हाइप ज़बरदस्त बन गई है। फिल्म का संगीत चार्ट बस्टर है। छोटे पर्दे पर फिल्म के प्रोमोस और सिनेमाघरों में ट्रेलर दर्शकों को आकर्षित कर रहे हैं। दीपिका पादुकोण सेक्सीएस्ट बेस्ट हैं। रणबीर कपूर हमेशा की तरह युवा दिलों की धड़कन बनने को बेकरार नज़र आ रहे हैं। आदित्य रॉय कपूर और कल्कि कोएचलीन की जोड़ी रणबीर दीपिका की जोड़ी को सपोर्ट कर रही है। इससे यह उम्मीद करना बेमानी नहीं कि यह जवानी है दीवानी भारतीय युवाओं को अपना दीवाना बना लेगी।



Tuesday 28 May 2013

फास्ट अँड फ्यूरियस 6 की स्पीड से ध्वस्त इश्क इन पेरिस !


जैसा कि मैंने अपने इस ब्लॉग में लिखा था, Hollywood की फिल्म फास्ट अँड फ्यूरियस 6 ने इंडियन बॉक्स ऑफिस पर Bollywood की फिल्मों का कत्ले आम कर ही दिया। विन डीजल, पॉल वॉकर, Dwayne Johnson और मिशेल रोड्रिगुएज अभिनीत और Justin लिन निर्देशित फास्ट अँड फ्यूरियस 6 ने साथ रिलीज तीन हिन्दी फिल्मों इश्क इन पेरिस, हम हैं रही कार के और ज़िंदगी 50 50 को बॉक्स ऑफिस पर ध्वस्त कर दिया। इत्तिफाक़ की बात यह थी कि यह तीनों हिन्दी फिल्मे एक्ट्रेस से पहचानी जाने वाली थीं। इश्क़ इन पेरिस प्रीति जिंटा की फिल्म थीं, हम हैं रही कार के में अदा शर्मा प्रोमिनेंट थीं। ज़िंदगी 50 50 तो फिफ्टी फिफ्टी क्या हंडरेड परसेंट वीणा मालिक की सेक्स अपील पर निर्भर थीं। लेकिन तीनों फिल्में पहले दिन ही औंधे मुंह गिरी। उम्मीद थी कि प्रीति जिंटा की फिल्म अच्छी ओपेनिंग ज़रूर लेगी, लेकिन इस 15 परसेंट की ओपेनिंग ही मिल सकी। वीणा मालिक और अदा शर्मा की फिल्मों को तो दर्शकों ने मुड़ कर देखने की ज़रूरत ही नहीं समझी। यही कारण था कि जहां इश्क्क़ इन पेरिस को 1.25 करोड़ का वीकेंड मिला, वही हम हैं रही कार के तथा ज़िंदगी 50 50 को लाख की डिजिट पा कर ही संतोष करना पड़ा। जबकि, इन तीनों फिल्मों को मीलों दूर छोड़ते हुए फास्ट अँड फ्यूरियस 6 ने 21.55 करोड़ का वीकेंड निकाल लिया। यह हॉलीवुड की किसी फिल्म का दूसरा सबसे अच्छा वीकेंड हैं। यह फिल्म 29 जून 2011 को रिलीज द अमेजिंग स्पाइडर मैन के 29.10 करोड़ के वीकेंड को परास्त नहीं कर पायी।

यहाँ दो प्रश्न उभर कर आते हैं। क्या हॉलीवुड की फिल्मों का क्रेज़ बढ़ा है? जी हाँ, हॉलीवुड की फिल्में और उनके सुपर स्टार बॉलीवुड के सुपर स्टार्स को दिन में तारे दिखा रहे हैं। हॉलीवुड की फिल्मों को दर्शक मिल भी रहे हैं। जारी प्रिंटों की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण हैं। फास्ट अँड फ्यूरियस 6 को 1200 प्रिंटों में रिलीज किया गया। इतने प्रिंट्स में कभी बॉलीवुड की बड़ी फिल्में ही रिलीज हुआ करती थीं। फास्ट अँड फ्यूरियस 6 इतने ज़्यादा प्रिंटों में रिलीज के बावजूद 75 परसेंट तक का कलेक्शन करने में सफल हुई। इस फिल्म को Saturday और सनडे में इंक्रीज़ मिला। शनिवार को फास्ट अँड फ्यूरियस 6 के दर्शक 10 प्रतिशत बढ़े तो सनडे में यह इंक्रीज़ 7 प्रतिशत और ज़्यादा हो गयी। इस प्रकार से फास्ट अँड फ्यूरियस 6 ने पहले दिन 6.02 करोड़, दूसरे दिन 6.63 और सनडे को 7.05 करोड़ का कलेक्शन किया। इस फिल्म का पैड प्रीव्यू भी बहुत उत्साह जनक 1.85 करोड़ का हुआ। ज़ाहिर है कि यह आंकड़े हॉलीवुड फिल्मों की भारत में लोकप्रियता को बयान करने वाले हैं। पहले दिन फास्ट अँड फ्यूरियस 6 से अधिक बिज़नस करने वाली हॉलीवुड की दो फिल्में स्पाइडर मैन 4 और आइरन मैन 3 ही हैं। इन फिल्मों ने पहले दिन क्रमशः 8 करोड़ और 6.75 करोड़ कमाए।

दूसरा प्रश्न यह है कि क्या फास्ट अँड फ्यूरियस 6 से प्रीति जिंटा की फिल्म इश्क इन पेरिस को नुकसान  झेलना पड़ा?  प्रीति जिंटा के समर्थक कहना चाहेंगे कि अगर फास्ट अँड फ्यूरियस का छटा संस्करण न होता तो इश्क इन पेरिस का बिज़नस ज़्यादा होता। लेकिन यह कपोल कल्पना ही है। प्रीति जिंटा की फिल्म एक खराब कहानी, खराब अभिनय वाली, खराब बनी  फिल्म थी। इसे तो सोलो रिलीज पर भी पिटना ही था। कुछ लाख का कलेक्शन घटने या बढ़ने से कुछ खास फर्क नहीं पड़ता।


Monday 27 May 2013

सिल्क स्मिथा न बन सकी 'मेंटल' सना खान



कहना ही पड़ेगा बेचारी साना खान! हिन्दी फिल्म यही है हाइ सोसाइटी से अपने करियर का आगाज करने वाली सना खान को पहली ही फिल्म के सुपर फ्लॉप हो जाने के बाद दक्षिण की ओर रुख करना पड़ा। वहाँ तमिल फिल्म ई में उनके अभिनय की सराहना हुई। लेकिन, इसके बाद रिलीज सना की तमाम हिन्दी और तमिल तेलुगू फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर सस्ते में निबट गईं। सना ने बॉम्बे तो गोवा और धना धन गोल में आइटम करने के बाद हल्ला बोल में छोटा रोल मिला। हिन्दी फिल्मों में खास सफलता नहीं मिली। फिर सना खान को

बिग बॉस 6 में प्रतिभागी के रूप में देखा  गया। इस शो ने जैसे सना खान की किस्मत  बदल दी। इस शो के होस्ट सलमान खान ने, जो आम तौर पर औरतों पर ज़्यादा मेहरबान रहते हैं, सना को अपनी फिल्म मेंटल के लिए चुन लिया। हालांकि, फिल्म में सलमान खान की नायिका डेज़ी शाह हैं, लेकिन सलमान के ऑपोज़िट रोल पा लेने से ऐसा लगा कि सना खान की किस्मत का सितारा चमक गया। अब वह जल्द ही दक्षिण से उत्तर की ओर तेज़ी से बह निकालेंगी। पर सना अँड सलमान प्रोपोसेस गॉड डिस्पोजेज़ जैसा हो गया। सना खान पर एक पंद्रह साल की लड़की के अपहरण का आरोप लगा। मुंबई पुलिस उनकी खोज में निकल पड़ी। सना खान को सिर पर पैर रख कर फरार होना पड़ा। एक बारगी जब ऐसा लग रहा था कि सलमान खान की फिल्म पा कर सना खान का हिन्दी फिल्मों में कैरियर नए सिरे से परवान चढ़ेगा कि सना सलमान प्रोपोसेस, गॉड डिस्पोसेस की

शिकार हो गईं। हालांकि, टिवीटर पर सलमान खान सना के पक्ष में ट्विटिया रहे हैं। लेकिन लगता नहीं कि इस इमेज वाली साना को कोई दूसरा फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों में लेना चाहेगा। बेचारी गरीब सना के कैरियर के आटे को गीला कर दिया, उनकी बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित तमिल फिल्म के फ्लॉप होने ने । दक्षिण की seductress सिल्क स्मिथा के जीवन पर Bollywood की फिल्म द dirty पिक्चर बनाए जाने के बाद दक्षिण में भी अपनी सिल्क स्मिथा पर फिल्म बनाने की होड लग गयी। दक्षिण की सिल्क स्मिथा बनने के लिए बॉलीवुड की कुछ एक्ट्रेस भी तैयार थी। लेकिन छींका फूटा सना के भाग्य से। उन्हे ओरु नडिगाईं डायरी मिल गयी। सना खान को भरोसा था कि यह फिल्म उनके ऊंफ फेक्टर को उभारेगी ही, उन्हे सक्षम अभिनेत्री भी साबित करेगी। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ। सना खान न तो दर्शकों को अपील कर पायीं, न ही अपनी अभिनय प्रतिभा का कायल बना पायीं। सना खान की दक्षिण की सिल्क स्मिथा बनने की तमन्ना यों ध्वस्त हो गयी। अब सना खान न तो बॉलीवुड की रहीं, न टॉलीवुड की।


Saturday 25 May 2013

फास्ट अँड फुरिऔस 6 यानि आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा!


आज से दो दिन कम 13 साल पहले यानि 22 जून 2001 को फास्ट अँड फुरिऔस सीरीज की पहली फिल्म द फास्ट अँड द फुरिऔस रिलीज हुई थी। रोब कोहेन द्वारा निर्देशित तथा वीं डीजल और और पॉल वॉकर अभिनीत मोटर कार रेसिंग पर आधारित इस फिल्म की रफ्तार का जादू दुनिया भर के दर्शकों पर कुछ ऐसा चढ़ा कि 38 मिल्यन डॉलर में बनी इस फिल्म ने 144.53 मिल्यन डॉलर की कमाई कर डाली। इसके बाद से अब तक फास्ट अँड फुरिऔस सीरीज की पाँच फिल्में - 2 फास्ट अँड 2 फुरिऔस, द फास्ट अँड द फुरिऔस- टोक्यो ड्रिफ्ट, फास्ट अँड फुरिऔस और फास्ट फाइव रिलीज हो चुकी हैं। इन पांचों फिल्मों ने पूरी दुनिया में अपनी तेज़ रफ्तार कारों का जादू चलाते हुए पूरे विश्व में अरबों रुपये की कमाई कर डाली है। इस सीरीज की छठी फिल्म फास्ट अँड फुरिऔस 6 आज रिलीज हुई है।
इस फिल्म में एक बार फिर रफ्तार का जादू बरकरार है। विन डीजल, पॉल वॉकर, Dwayne Johnson, जोरदाना Brewster, मिशेल रोड्रिगुएज, ल्यूक एवान्स, आदि हॉलीवुड के दर्जनों छोटे बड़े सितारों से भरी इस फिल्म में सांस रोक देने वाले स्टंट हैं, इमोशन है, दिल को छूने वाले संवाद हैं और एक चुस्त कहानी और पटकथा है। Justin लिन का शानदार और कल्पनाशील निर्देशन है। होब्स, टोरेट्टों और उसके साथियों को भाड़े के हत्यारों के सरगना और उसके गिरोह का खात्मा करने के लिए उनके अपराधों की माफी प्रस्ताव देता है। टोरेट्टों और उसके साथी होब्स के प्रस्ताव को मान लेते हैं। इसके साथ ही शुरू होता है बड़ी बड़ी गाड़ियों की रफ्तार का रोमांच और इंसानी साहस और खतरों का सामना करने की क्षमता का सांस रोक देने वाला प्रदर्शन। इस फिल्म को दर्शक पूरे 130 मिनट तक सांस रोके देखता रहता है। इस दौरान इन जाँबाज पुरुषों के साथ उनकी महिला सहयोगियों के हैरतअंगेज स्टंट उन्हे तलैया बजाने के लिए मजबूर कर देते हैं। फास्ट अँड फुरिऔस 6 में वह सब कुछ है, जो एक आम दर्शक चाहता है। खास तौर पर भारतीय दर्शकों के लिए बिंदास सेक्स अपील की डोज़ है।
इस फिल्म के एक निर्माता अभिनेता विन डीजल भी हैं। क्रिस मॉर्गन ने तेज़ रफ्तार स्क्रीनप्ले के जरिये निर्देशक जस्टिन लिन की दर्शकों पर पकड़ बनाए रखी है। Stephen एफ विंडोन का कैमरा फिल्म की लोकेशन को दिखाने के साथ उसकी रफ्तार से भी परिचित कराता है। लुकास विडाल का म्यूजिक फिल्म के दृश्यों में रफ्तार कायम रखता है। ग्रेग द'औरिया, Kelly मत्सुमोटों और Christian वैगनर की तिकड़ी ने अपनी कैंची के जरिये फिल्म को सुस्त नहीं पड़ने दिया है।
फास्ट अँड फुरिऔस 6 रफ्तार के सौदागरों की फिल्म है, जो युवा दर्शकों को पसंद आएगी। अगर आप खुद को युवा समझते हैं तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं। यह देखने वाली बात होगी कि फास्ट अँड फुरिऔस सीरीज की यह छटीं फिल्म वर्ल्ड वाइड बॉक्स ऑफिस पर  कितनी कमाई करती है। लेकिन यह तो तय है कि इंडियन बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म Bollywood की फिल्मों का कत्लेआम करने जा रही है।  

Friday 24 May 2013

बोर इश्क इन पेरिस


इश्क इन पेरिस के जरिये अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने अपने सर पर निर्माता और लेखिका के दो ताज और पहन लिए। लेकिन क्या प्रीति जिंटा के इश्क इन पेरिस से निर्माता और लेखक बनने को ताज कहा जा सकता है? बेशक कहा जाएगा, लेकिन कलंक का ताज। इश्क इन पेरिस बना का प्रीति जिंटा ने यह साबित कर दिया कि प्रीति अब तक बतौर अभिनेत्री जितनी समझदार साबित होती थीं, इश्क इन पेरिस बना कर उन्होने  उसका कचरा कर दिया। उन्होने यह फिल्म निर्देशक प्रेम सोनी के साथ लिखी कहानी पर ही बनाई है। कहानी क्या है, इस कहानी से वह कहना क्या चाहती हैं, यह शायद खुद प्रीति भी नहीं बता सकें। बेहद बकवास कहानी है। एक लड़का और एक लड़की मिलते हैं पेरिस में। एक पूरी रात वह पेरिस के रोमैन्स में बिताते हैं। वह खाते, पीते, घूमते और फिल्म बनाते हैं, पर सेक्स नहीं करते। क्योंकि, लड़की भी शादी नहीं करना चाहती और लड़का भी। कहानी जितनी बकवास लग रही है, उतनी ही इसकी लिखाई भी है। न स्क्रिप्ट  चुस्त हैं और न ही स्क्रीनप्ले में नवीनता है। सब कुछ बेहद बासी और उबाऊ है। कभी शक्ति सामंत ने एन ईवनिंग इन पेरिस के जरिये भारतीय दर्शकों को पेरिस की रंगीन रातों के बारे में बताया था। प्रीति जिंटा और प्रेम सोनी मिल कर इस रंगीनीयत को बदरंग कर देते हैं। प्रेम सोनी की जितनी सपाट और भाव विहीन फिल्म मैं और मिसेज खन्ना थी, उतनी ही सपाट और भाव विहीन इश्क इन पेरिस हैं।
प्रीति जिंटा ने इश्क की मुख्य भूमिका की है। यकीन मानिए, इतना बेजान इश्क अगर लैला मजनू या  रोमियो   जूलिएट  का होता तो शायद यह जोड़ियाँ अमर नहीं हो पातीं। प्रीति जिंटा के चेहरे से बुढ़ापा साफ झलकने लगा है। उनकी सेक्स अपील में वह बात नहीं रही, जो दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच लाती थी। वह तेरा नाम था  जैसी उबाऊ फिल्म से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले गौरव चानना ने इश्क इन पेरिस में अपना नाम रेहान मालिक रखा है। उन्हे रियल लाइफ में नाम बदलने की क्या सूझी, यह तो गौरव उर्फ रेहान ही जाने। लेकिन इश्क इन पेरिस भी उनकी पहली फिल्म जितनी उबाऊ है तथा उनका अभिनय उसी जगह ठहरा हुआ है। वह अजीबोगरीब मुंह बनाने  को ही अभिनय  समझते हैं।
सलमान खान फिल्म में एक डांस नंबर में हैं। नहीं भी करते तो कोई फर्क नहीं पड़ता। बाकी किसी भी कलाकार का जिक्र न करना अपना और पाठकों का समय बचाना ही होगा।