Wednesday 12 June 2013

बॉक्स ऑफिस पर यह जवानी है दीवानी से मात खा गया यमला पगला दीवाना


यमला पगला दीवाना२  अपेक्षा के अनुरूप बिज़नेस क्यों नहीं कर सकी? इस फिल्म ने वीकेंड में २२ करोड़ का साधारण बिज़नेस ही किया? क्या फिल्म दर्शकों की अपेक्षा में खरी नहीं उतरी? फिल्म में धर्मेन्द्र और उनके दो बेटे बॉबी और सनी एक साथ थे. इस तिकड़ी की पिछली रिलीज फ़िल्में अपने और यमला पगला दीवान ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिज़नेस किया था। या फिर यमला पगला दीवाना को रणबीर कपूर और दीपिका पदुकोन की फिल्म यह जवानी है दीवानी की सफलता मार गयी? यह फिल्म सबसे तेज़ सौ करोड़ कमाने वाली फिल्म बन चुकी है. वास्तविकता यह है कि यमला पगला दीवाना२ दोहरे हमले का शिकार हुइ. 
कहा जा सकता है कि  यमला पगला दीवाना २ दर्शकों की अपेक्षा  में खरी नहीं उतरी. इस फिल्म की कहानी ख़ास नहीं थी. देओल्स का आकर्षण था. धर्मेन्द्र ने अपने दोनों बेटों के साथ अच्छा तालमेल बनाया था . पर सनी देओल का किरदार काफी कमज़ोर रहा . सनी के ढाई किलो के हाथ का जलवा देखने को नहीं मिल. हालाँकि संगीत सिवन ने सनी को लार्जर देन लाइफ एक्शन में दिखाया था. लेकिन इसकी इन्तहा दर्शकों के गले नहीं उतरी. सनी का बार बार अपनी चीख से लोगों को हवा में उड़ाना बेक फायर कर गया. पहली फिल्म की तुलना में फिल्म का संगीत भी कमज़ोर था. इसके बावजूद उत्तर में देओल्स की पकड़ ने फिल्म को वाश आउट  होने से बचा लिया. यमला पगला दीवाना २ का यह जवानी है दीवानी के पीछे पीछे रिलीज़  होना भी फिल्म के बिज़नेस को प्रभावित कर गया . सफल यह जवानी है दीवानी के प्रिंट उतरने की हिम्मत प्रदर्शकों को नहीं हुइ. दर्शकों ने भी यमला पगला के बजाय यह जवानी को देखने को प्राथमिकता दी.
यमला पगला दीवाना २ ने वीकेंड में 7.50, 6.50 और 8.50 करोड़ के कलेक्शन के साथ केवल 2२ करोड़ का वीकेंड ही निकाल पायी। वही यह जवानी है दीवानी पहले दिन यानि शुक्रवार को यमला पगला दीवाना से 50 लाख से पिछड़ी, लेकिन अगले दिन यानि शनिवार को यह जवानी ने छलांग लगायी और 10.25 करोड़ का कलेक्शन कर ले गयी. सन्डे को यह जवानी है दीवानी यमला पगला दीवाना २ से कोई सवा तीन करोड़ आगे थी. इस प्रकार से फिल्म ने यमला पगला दीवाना को पहले वीकेंड में पछाड़ दिया.



 

Friday 7 June 2013

देओल्स के लिए देख सकते हैं यमला पगला दीवाना 2


संतोष सिवन निर्देशित फिल्म यमला पगला दीवाना 2 को पूरी तरह से नकारना, देओल्स और संतोष सिवन के साथ बेईमानी होगी। हिन्दी फिल्मों में, खास तौर पर बड़े बजट और बड़े सितारों वाली फिल्मों में कहानी होती ही कहाँ है, जो यमला पगला दीवानी 2 में ढूँढी जाए। यह फिल्म 2011 में रिलीज यमला पगला दीवाना का सेकुएल है। कहानी वहीं से शुरू होती है यानि बनारस के बाप बेटा ठगों से उठ कर London आती है। पिछली यमला पगला दीवाना जहां ज़्यादा बनारस में शूट हुई थी, वही यह सेकुएल लंदन में ज़्यादा शूट हुआ है। इसलिए प्राकृतिक दृश्य देखने लायक है। धर्मेंद्र और बॉबी, अनु कपूर को ठगने लंदन आते हैं। सनी देओल अनु कपूर के लिए काम करते हैं। धर्मेंद्र और बॉबी, सनी को देख कर चौंक जाते हैं। सनी अपने तौर पर अपने पिता और भाई को सुधारने की कोशिश करते हैं। सुधार पाते हैं या नहीं, यह फिल्म देखने के बाद ही साफ होगा।
इस नदारद या कहिए की कूड़ा कहानी वाली फिल्म का खास आकर्षण देओल्स है। पिता धर्मेंद्र के साथ बेटों सनी और बॉबी की कैमिस्ट्रि खूब जमी है। वास्तविकता तो यह है कि जहां अपने और यमला पगला दीवाना में दोनों बेटे पिता से झिझकते हुए तथा बॉबी सनी से डरते हुए अभिनय करते नज़र आए थे। यमला पगला दीवाना 2 में  इन तीनों के बीच कोई झिझक नहीं है। तीनों एक दूसरे के सामने बेधड़क अभिनय करते हैं। इसी कारण से तीनों के अभिनय में काफी स्वाभाविकता है। धर्मेंद्र ने साबित किया है कि वह पुराना चावल क्यों हैं। फिल्म धर्मेंद्र के बाद पूरी तरह से सनी देओल पर टिकी है। वह अपने पुराने अवतार में है या यों कहिए सुपर अवतार में हैं। उनके ढाई किलों के घूंसों से ही उनके दुश्मन हवा में नहीं उड़ते, बल्कि, उनकी फूँक से भी दूर जा गिरते हैं। पीटर  हेन्स के एक्शन सनी को नए एक्शन करने के मौके देते हैं। सनी ने अपने एक्शन से तालियाँ भी खूब बटोरी हैं। खास तौर पर क्लाइमैक्स के एक्शन सींस बहुत बढ़िया है। बॉबी को बस ठीक ठाक कहा जा सकता है। सिंगल स्क्रीन के दर्शक नेहा शर्मा की एंट्री पर सीटियाँ मारते हैं, इसका मतलब यह है कि दर्शकों को उनमे ऊंफ नज़र आयी। अनुपम खेर बोर करते हैं। उनके साथ, उनके चमचे बने जॉनी लीवर और सुचेता खन्ना को देख कर खीज पैदा होती है। क्रिस्टीना अखीवा हिन्दी ठीक कर लें तो हिन्दी फिल्मों में उनकी दुकान चल सकती है।
जसविंदर बाथ ने पटकथा में नयापन लाने की भरसक कोशिश की है। अलबत्ता उनके लिखे संवाद साधारण हैं। फॉटोग्राफर नेहा परती ने सनी के एक्शन को खूब उभारा है। राजू सिंह का पार्श्व संगीत फिल्म के साथ न्याय करता है। चिराग जैन अगर अपनी कैंची थोड़ी बेरहम बना पाते तो फिल्म की रफ्तार थोड़ा तेज़ हो जाती। फिल्म की लंबाई कुछ ज़्यादा है। अब इसे देओल्स का जलवा ही कहा जाएगा कि दर्शक 155 मिनट की फिल्म देखते समय भी ऊबता नहीं।   
अगर दर्शक यमला पगला दीवाना 2 को नहीं देखेंगे तो कुछ खोएँगे नहीं। लेकिन अगर देओल्स के फैन हैं तो यमला पगला दीवाना 2 देखी जा सकती है। मलाल नहीं होगा। वैसे देओल्स की इस फिल्म को रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण की पिछले शुक्रवार रिलीज फिल्म यह जवानी है दीवानी से नुकसान उठाना पड़ सकता है।

Thursday 6 June 2013

क्या दीवानी की मौजूदगी में दर्शकों दीवाना बना पाएंगे यमला पगला देओल्स !


आज जब बॉलीवुड की फ़र्स्ट फॅमिली कपूर्स की पाँचवी पीढ़ी के रणबीर कपूर की फिल्म यह जवानी है दीवानी एक सौ करोड़ क्लब में प्रवेश कर गयी है, कल देओल फॅमिली की पहली और दूसरी पीढ़ी के धर्मेंद्र, उनके दो पुत्र सनी देओल और बॉबी देओल की फिल्म यमला पगला दीवाना 2 रिलीज हो रही है। यह फिल्म 2011 में रिलीज इस बाप बेटा तिकड़ी की फिल्म यमला पगला दीवाना का सेकुएल है। यमला पगला दीवाना अब तक 85 करोड़ से ज़्यादा कमा चुकी है। पहले भाग की सफलता को देखते हुए ही देओल्स ने फिल्म का सेकुएल बनाने की सोची थी। अब यह बात दीगर है कि इस दौरान फिल्म की एक्ट्रेस बदल गयी, डाइरेक्टर की कुर्सी पर संतोष सिवन बैठ गए ।
यहाँ यह बड़ा सवाल है ही कि क्या यमला पगला दीवाना की तरह इस फिल्म का सेकुएल भी हिट होगा? क्या यमला पगला दीवाना 2 भी यह जवानी है दीवानी की तरह दर्शकों को अपना दीवाना बनाते हुए 100 करोडिया क्लब में शामिल हो पाएगी?
यमला पगला दीवाना 2 में धर्मेंद्र, सनी देओल और बॉबी देओल तीसरी बार एक साथ हैं। इन तीनों की पहली दो फिल्में अपने और यमला पगला दीवाना बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थीं। इसलिए इस तीसरी फिल्म के हिट होने में शक की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। लेकिन, इस पर शक की गुंजायश के बड़े कारण भी है। धर्मेंद्र में अब पहले वाली बात नहीं रही। उनका ही मैन अब अतीत की बात हो चुका है। वह कॉमेडी के उस्ताद हैं। लेकिन फिल्म के प्रोमो उनकी कॉमेडी को बासी बताते हैं। सनी देओल का ढाई किलो का मुक्का भी अब उतना वजनदार नहीं रहा। अगर फिल्म पूरी तरह से उन पर टिकी होती तो एक्शन से भरपूर होती, उनका ढाई किलो का मुक्का दसियों खलनायकों को हवा में उड़ा रहा होता। फिल्म में भी जब वह चीखते हैं तो सामने खड़े लोग हवा में उड़ने लगते हैं, लेकिन यह सब देखने में बचकाना लगता है। इसके बावजूद वह फिल्म को सपोर्ट करते लगते हैं। अब कितना कर पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी। बॉबी देओल फिल्म को कोई फायदा नहीं पहुंचा सकते, फिल्म उनको फायदा  ज़रूर  पहुंचा सकती है। तभी तो देओल्स को अपने बीच एक बंदर की ज़रूरत भी महसूस हुई।   ऐसे में सब कुछ संतोष सिवन के निर्देशन और जसविंदर बाथ की पटकथा पर डिपेंड करेगा। अगर दोनों चुस्त रहे तो फिल्म सफल हो सकती है। कितनी सफल होगी, यह बाद की बात है।
लेकिन, यमला पगला दीवाना 2 और देओल्स की राह इतनी आसान नहीं होगी। उनकी राह पर रोड़ा बनेगा कपूर फॅमिली का पांचवा चिराग रणबीर कपूर  और उनकी फिल्म यह जवानी है दीवानी। यह फिल्म न केवल पहले हफ्ते में सौ करोडिया बन चुकी है, बल्कि इसका क्रेज़ बना हुआ हुआ है। हर वर्ग का दर्शक इस फिल्म को देखने का इच्छुक है और देख भी रहा है। सोमवार से फिल्म लगातार स्टैडि जा रही है। इसके बिज़नस में खास गिरावट नहीं हो रही है। अगर यह फिल्म ऐसे ही रोज दस दस करोड़ कमाती रही तो यमला पगला दीवाना 2 को दर्शकों को अपना दीवाना बनाने में तकलीफ होगी। इतना ही नहीं यह जवानी है दीवानी के क्रेज़ के कारण यमला पगला दीवाना 2 को पर्याप्त स्क्रीन मिलने में भी परेशानी होगी। इस फिल्म को मल्टीप्लेक्स में सुबह के शो नहीं मिल पा रहे हैं। यह टाइम स्लॉट यूथ के लिए होता है। इसमे यह जवानी है दीवानी ही जवान हो रही है।
यह जवानी  है दीवानी की कड़ी चुनौती के बावजूद यमला पगला दीवाना 2 के पक्ष में बात यह है कि यमला पगला दीवाना का genre यह जवानी है दीवानी से भिन्न है। यमला पगला दीवाना 2 और देओल्स का दर्शक रणबीर कपूर और उनकी फिल्म यह जवानी है दीवानी के दर्शकों से बिल्कुल अलग है। इसलिए देओल्स कपूर परिवार की पाँचवी पीढ़ी के सामने खड़े रह सकते हैं। लेकिन किस हद तक यह देखने वाली बात होगी।

Tuesday 4 June 2013

बॉलीवुड टैप डांसिंग के ऑस्कर


1970 में अर्जुन हिंगोरनी की धर्मेंद्र, बबीता और प्राण अभिनीत फिल्म कब? क्यों? और कहाँ? में गो गो डांस गीत की स्वतंत्र रूप से choreography करने वाले ऑस्कर उंगेर आजीवन डांस को समर्पित रहे।  भारतीय  नौसेना के एंटि एयरक्राफ्ट गनर रहे ऑस्कर समुद्र यात्रा के दौरान नाच गा कर समय काटा करते थे। तेरे घर के सामने के एक गीत की रीहर्सल के दौरान अपने दोस्त के साथ सेट पर गए ऑस्कर को इत्तेफाक से ही तब के श्रेष्ठ डांस डाइरेक्टर सूर्य कुमार के सामने एक कठिन डांस स्टेप आसानी से करने का मौका मिल गया। यह शुरुआत थी नेवी के गनर की डांस मास्टर बनने की।  डांस मास्टर कमल के इस शिष्य ने नया ज़माना, ऐलान और भाई हो तो ऐसा में सहायक नृत्य निर्देशक की भूमिका निबाहने के बाद फिल्म बड़ा कबूतर और धर्मात्मा की स्वतंत्र कोरियोग्राफी की। Vijay के साथ मिलकर उन्होने विकास और अरुणा देसाई की फिल्म शक़ का नृत्य निर्देशन किया। इस जोड़ी की धूम मचा करती थी।  उन्होने इंकार, फांसी, लहू के दो रंग, दो और दो पाँच, कुदरत, क्रोधी, खुदा कसम, झूठा सच, कालिया, अंदर बाहर, आदि बड़ी फिल्मों की नृत्य रचना की। उनके इशारे पर Amitabh बच्चन, विनोद खन्ना, जैकी श्रोफ़्फ़, अनिल कपूर,रेखा, हेमा मालिनी,  आदि ने ठुमके लगाए। इंकार के मूंगड़ा मूंगड़ा गीत में Helen को कमर का लोच दिखने का गुर ऑस्कर ने ही सिखाया था। उन्होने गोविंदा को भी टिप्स दीं। अरमान फिल्म का रंभा हो हो हो, ज़ीनत अमान पर कुर्बानी का आप जैसा कोई तथा इल्ज़ाम में गोविंदा का आई एम अ स्ट्रीट डांसर उनके सदाबहार डांस नंबर थे। फिरोज खान की फिल्मों के वह रेगुलर choreographer थे।  उन्होने अपने 27 साल लंबे कैरियर में 103 फिल्मों का नृत्य संयोजन किया। लेकिन, जैसा की होता है। समय बदलता है, दर्शक बदलते हैं, इसके साथ ही दर्शकों की पसंदगी बदलती है, सरोज खान, फराह खान, आदि के आने के बाद विजय ऑस्कर के स्टेप्स का जादू खत्म होता चला गया। उन्होने आखिरी बार फिल्म खोया खोया चाँद के लिए कोरियोग्राफी की। उनकी अंतिम इच्छा रितिक रोशन के लिए स्टेप्स तैयार करने की थी। वह अपनी डांस अकादेमी में युवाओं को डांस के स्टेप्स सिखाया करते थे। उनकी इच्छा अपने किसी शिष्य को बॉलीवुड में  टैप डांसिंग का  अपना कमाल दिखाते हुए देखने की थी।   लेकिन, उनकी यह इच्छा अधूरी ही रह गयी। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। 

 

अबीर का यों चले जाना


मौत कब दबे पाँव पास आ जाती है और एक ज़िंदा शरीर को दबोच कर मुर्दा कर देती है, अबीर गोस्वामी इसका ताज़ातरीन उदाहरण है। इस टीवी एक्टर को क्या पता था कि वह जिस सेहत के लिए जिम में वर्कआउट कर रहा है, वह उसको बिल्कुल खत्म कर देगी। ट्रेड मिल पर दौड़ रहे अबीर को हार्ट अटैक ने वहीं दबोच लिया। उन्हे अस्पताल ले जाया गया। पर वह बच नहीं सके। मुश्किल से 34 साल के थे अबीर। यह उम्र तो अभी जवान होने की होती है। इस उम्र में कोई खाक मरता है। फिर तीन साल पहले ही तो अबीर ने शादी की थी। अच्छी ख़ासी ज़िंदगी चल रही थी। हिन्दी टीवी सिरियल कुसुम और प्यार का दर्द है काफी लोकप्रिय हुए थे। होटल किंगडम, छोटी माँ, बदलते रिश्तों की दास्तां और घर आजा परदेशी में भी उनके काम को सराहा गया। टीवी दर्शकों में अबीर की फ़ैन फॉलोइंग बन गयी थी। उन्होने एक बांगला फिल्म में षयांतनी घोष के साथ काम किया था। षयांतनी से ही उनकी आखिरी बार रात 11 बजे बात हुई थी। उन्होने पिछले साल ही अपना ऑपरेशन करा कर रक्त कैंसर से छुटकारा पाया था। लगता था कि सब ठीक हो जाएगा। पर मौत को शायद यह मंजूर नहीं था। एक दिन पहले ही ऋतुपर्णों घोष की मृत्यु पर टिवीटर पर शोक व्यक्त करने वाले अबीर को क्या पता था कि दूसरे दिन ही उनके लिए ट्वीट किए जाएंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

'निःशब्द' चली गयी जिया खान


सोमवार को जब मुंबई की रात जवान हो रही थी, ठीक उसी समय एक खूबसूरत चेहरा अपना जीवन समाप्त कर रहा था। निःशब्द से चर्चा में आई जिया खान ने अपने जुहू स्थित घर में गले पर अपने ही दुपट्टे का फंदा डाल कर आत्महत्या कर ली। अभी 20 फ़रवरी को जिया खान ने अपनी 25वीं सालगिरह मनाई थी।  उनका फिल्म कैरियर  2007 में  अमिताभ  बच्चन के ऑपोज़िट फिल्म निःशब्द से शुरू हुआ था। इस फिल्म के लिए उन्हे फिल्मफेयर के  श्रेष्ठ  देबू के लिए नामित किया गया था। इस फिल्म से जिया ने अपनी खूबसूरती, सेक्स अपील और अभिनय क्षमता से हिन्दी दर्शकों को परिचित कराया था।
निश्चित रूप से ब्रिटिश इंडियन नफीसा खान जब अपना नाम बदल कर मुंबई आई थी तो उसकी आँखों में भी मुंबई का पूरा आकाश नापने के सपने थे। बिग बी के साथ फिल्म एक सुनहरा अवसर था। पर यह फिल्म फ्लॉप हो गयी। 2008 में उन्हे आमिर खान के साथ फिल्म गाजिनी में देखा गया। इस फिल्म में वह सेकंड लीड में एक लेडी डॉक्टर की भूमिका कर रही  थीं। फिल्म Bollywood की पहली सौ करोडिया फिल्म बनी। यह बॉलीवुड की त्रासदी है कि यहाँ फिल्म की सफलता का पूरा फायदा हीरो को ही होता है। गाजिनी का पूरा फायदा आमिर खान को हुआ। कुछ फायदा फिल्म की नायिका असिन को हुआ, जो दक्षिण फिल्म की बड़ी अभिनेत्री थीं। जिया खान के भाग्य में गुमनामी ही आयी। हालांकि, इस फिल्म में भी उन्होने खुद के सक्षम अभिनेत्री होने का प्रमाण दिया। इसके बावजूद उनकी दूसरी फिल्म हाउसफुल रिलीज होने में दो साल लग गए। इस फिल्म में भी वह लीड में नहीं थीं। इसके बाद जिया की कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई। हालांकि, उन्होने फिल्म पाने के लिए हरचंद कोशिश की। यहाँ तक कि अपने नाम जिया खान को रद्द कर मूल नाम नफीसा खान पर आ गईं। लेकिन, इसके बावजूद बॉलीवुड की नफीसा नहीं बन सकीं जिया खान।
मुंबई की फिल्म नगरी की त्रासदी है कि यहाँ खूबसूरत चेहरों की गोस्सिप बनाई जाती है। जिया की भी बनाई गयी.। उन्हे आमिर खान से जोड़ा गया। हाउसफुल  के दौरान अक्षय कुमार से उनके रोमैन्स के किस्से उड़े। लेकिन, फिल्म तब भी नहीं मिली। इस खूबसूरत चेहरे में कितना दर्द भरा रहा होगा कि जिया ने इसे खत्म करते समय एक मिनट भी नहीं सोचा। जिया ही क्या, बॉलीवुड या मुंबई में न जाने कितनी हसीन शक्लें आती हैं, एक्टर या मोडेल बनने। उनका शोषण होता है। कुछ इसे सहन कर अपनी कोई पोजीशन बना ले जाती हैं। लेकिन, ज्यादातर निराश हो कर ड्रग और शराब में डूब जाती है और एक दिन नशे का शिकार हो कर फूटपाथ पर मारी पायी जाती हैं, किसी अपने के हाथों मार दी जाती हैं या जिया खान की तरह फांसी लगा लेती हैं।
 जिया खान ने फांसी लगा ली। एक जीवन समाप्त हो गया। हो सकता है कि बॉलीवुड कि कुछ सेलेब्रिटी टिवीटर पर शोकपूर्ण  ट्वीट दर्ज कर दें। इसके बाद जिया खान को बिल्कुल याद नहीं किया जाएगा। क्योंकि, उनका क्या योगदान था बॉलीवुड को। छह सालों में केवल तीन फिल्में ही तो की थीं जिया खान ने। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

Monday 3 June 2013

बॉलीवुड का नया सुपर स्टार रणबीर कपूर

            
 फिल्म यह जवानी है दीवानी की समीक्षा करते समय मैंने अंत में लिखा था कि फिल्म को दर्शक जैसा रेस्पोंस  दे रहे हैं, उससे यह फिल्म इस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित होने जा रही है। ठीक वैसा ही हुआ। बीस करोड़ की लागत में बनी यह जवानी है दीवानी बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म बन गयी है, जिसने 60 करोड़ का वीकेंड मनाया है। फिल्म की रिलीज के दिन तक यही अनुमान किया जा रहा था कि फिल्म को जैसी हाइप मिली है, उससे यह फिल्म 15 करोड़ की ओपेनिंग ले लेगी तो इस साल की बड़ी हिट फिल्मों में शुमार हो जाएगी। हालांकि फिल्म 12-14 करोड़ के बीच ओपेनिंग लेने का ही अनुमान था। लेकिन, यह जवानी है दीवानी ने तमाम अनुमानों को पछाड़ते हुए 19.45 करोड़ की ओपेनिंग ले ली। उस समय यह जवानी है दीवानी सलमान खान की फिल्म दबंग 2  से पीछे थी। अमूमन, पहले दिन बड़ी ओपेनिंग ले लेने वाली बड़ी फिल्मों का शनिवार थोड़ा गिरता है। दबंग 2 का दूसरा दिन भी कमजोर गया था। लेकिन यह जवानी है दीवानी ने सलमान खान की दबंगई की भी हवा निकाल दी। जवानी का दूसरा दिन यानि शनिवार 20 करोड़ से ऊपर गया । इस प्रकार से यह जवानी है दीवानी ने दबंग 2 को 50 लाख से पीछे धकेल दिया। यहाँ यह बताते चलें कि दबंग 2 के कुल 3500 प्रिन्ट जारी किए गए थे, जबकि यह जवानी है दीवानी केवल तीन हजार प्रिंट्स में ही रिलीज की गयी थी।  सनडे को फिल्म का बिज़नस 23 करोड़ को पार कर गया। यह जवानी है दीवानी का वीकेंड बिज़नस एक था टाइगर, दबंग 2, रा1, बॉडीगार्ड तथा कुछ अन्य बड़ी फिल्मों के बिज़नस आंकड़ों को पीछे छोड़ गया। इन सभी फिल्मों ने आगे चलकर 100 करोड़ का क्लब बनाया। अब अगर दर्शकों पर यह जवानी है दीवानी का जादू वीक डेज़ में बरकरार रहा तो इस फिल्म बिज़नस आगे रिलीज होने वाली फिल्मों के लिए बड़ी चुनौती बन जाएगी।  देखते ही देखते यह शोर मच गया कि बॉलीवुड को नया सुपर स्टार मिल गया। यह सलमान खान के अब तक के रेकॉर्ड को तोड़ना ही नहीं था, बल्कि सलमान खान और अन्य तमाम खान सितारों के सुपरस्टारिज़्म को गंभीर चुनौती और खतरे का संकेत भी था। यह जवानी है दीवानी के रिलीज के 72 घंटे बीतते बीतते यह तय हो गया कि रणबीर कपूर सभी खानों को पीछे छोड़ते हुए नए सुपर स्टार बन गए हैं।
यह जवानी है दीवानी की बड़ी सफलता हाइप की सफलता नहीं है। हाइप तो पहले दिन या बहुत हुआ वीकेंड तक ही रहती है। हाइप वाली फिल्मे दिन ब दिन ज़्यादा बिज़नस नहीं करतीं। यह फिल्म का टेम्पो था। कलाकारों की कैमिस्ट्रि थी, जिसने दर्शकों को मुग्ध कर लिया। यह फिल्म हर प्रकार से अच्छी बन पड़ी फिल्म है। यह पहली फिल्म है, जो युवाओं के लिए होने के बावजूद अश्लील संवादों और हाव भाव वाली नहीं तथा इस कारण से पूरे परिवार के देखने योग्य है। रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण ऐसे स्टार बन कर उभरे हैं, बॉलीवुड  जिन पर भरोसा कर सकता है। रणबीर कपूर किसी भी अभिनेत्री के स्वीकार्य हीरो हैं और दीपिका हीरोइन। यह दोनों साथ साथ होंगे तो सुहागा होगा ही।
अब बड़ा खतरा खान अभिनेताओं के लिए है। वह अपनी घिसिपीटी मैनरिज़म के जरिये दर्शकों की जेब को चूना नहीं लगा सकते। उन्हे अपने अभिनय को सुधारना होगा, ऐसी फिल्में करनी होंगी, जो दर्शकों को मनोरंजन करने के साथ साथ संदेश भी दे।