Saturday 7 September 2013

अपूर्व लाखिया की ज़ंजीर में बंधे रामचरन

काम न आया संजय दत्त से हाथ मिलाना 
                    हर निर्देशक आनंद एल राज नहीं होता कि किसी धनुष को हिंदी दर्शकों का राँझना बना सके. अपूर्व लाखिया ऐसे निर्देशक नहीं। उन्होंने रामचरन को हिंदी  दर्शकों से introduce कराने के लिए चालीस साल पहले की फिल्म का रीमेक बनाया। उन्होंने एक पल नहीं सोचा कि सत्तर के दशक की कहानी आज के दर्शकों को क्यों कर पसंद आयेगी ! कहानी में फेरबदल  किया तो केवल यह कि विलेन  तेल माफिया था. बाकी कहानी पूरी की पूरी १९७३ की ज़ंजीर वाली घिसीपिटी थी. इस कहानी पर वह बढ़िया स्क्रीनप्ले बनवा कर नयापन ला सकते थे. मगर, स्क्रीनप्ले राइटर सुरेश नायर पुरानी ज़ंजीर से आगे नहीं सोच सके. अलबत्ता, माही गिल के किरदार से अश्लीलता भरने की कोशिश ज़रूर की गयी. देखा जाए तो अपूर्व लाखिया अमिताभ बच्चन से इतना प्रभावित थे कि उन्होंने पहले ही यह मान लिया कि अमिताभ बच्चन के किरदार को दूसरा कोई नहीं कर सकता है. इसलिए, उन्होंने अपना सबसे बेहतर चुनाव रामचरन को लिया तो लेकिन, उनके साथ कोई मेहनत नहीं की. ऐसा लगा जैसे साउथ के इस सुपरस्टार को कुछ भी करते रहने की छूट दे दी गयी थी. अपूर्व ने रामचरन को इंस्पेक्टर विजय खन्ना के किरदार में ढालने की कोई कोशिश नहीं की. रामचरन के हावभाव और चाल ढाल पुलिस वाले बिलकुल नहीं लगे. हालाँकि, उन्होंने खुद के सक्षम एक्टर होने का प्रमाण दिया. अपूर्व ने संजय दत्त को महत्त्व देते हुए रामचरन के किरदार को कर दिया. एक पल को यह नहीं सोचा कि हिंदी दर्शक हीरो को हीरो बनाते देखना चाहता है. संजय दत्त को महत्त्व देने में अपूर्व यह नहीं याद रख सके कि अगर संजय में दम होता तो वह अपनी फिल्म पोलिसगिरी को हिट करा ले गए होते। माला के किरदार में प्रियंका चोपड़ा ने दम भरने की कोशिश ज़रूर कि उनका आइटम पिंकी झटके दार भी था. मगर बेदम लेखन ने प्रियंका को भी बेदम कर दिया. आयल माफिया बना तेजा का चरित्र प्रकाश राज कर रहे थे. लेकिन, समझ नहीं आया कि उन्हें कॉमिक टच देने की क्या ज़रुरत पद गयी थी. साउथ की फिल्मों में रामचरण के अपोजिट विलेन खूंखार होता है और इसे प्ले करने वाला अभिनेता लाउड एक्टिंग करता है. निश्चित रूप से माही गिल ने अश्लीलता का दामन थाम, लेकिन वह सेक्सी नहीं लग सकीं। संजय दत्त जब आते हैं, अपनी पंच लाइनों से तालियाँ बटोर डालते हैं.
                फिल्म में निर्देशक अपूर्व लाखिया, स्क्रीनप्ले राइटर सुरेश नायर ने अपना काम अच्छी तरह से अंजाम नहीं दिया. उनकी इस गलती का खामियाजा ज़ंजीर २.० भोगेगी ही, बेचारे रामचरन के माथे पर असफलता का दाग भी लग गया है. फिल्म संगीत के लिहाज से भी कमज़ोर है. एडिटर चिन २ सिंह फिल्म एडिटिंग में चिंटू ही साबित होते हैं.
                यह फिल्म सिंगल स्क्रीन ऑडियंस के लिए थी. यह ऑडियंस फिल्म देखने भी गया. लेकिन बाहर निकला निराश हो कर. ऐसे निराश दर्शक की प्रतिक्रिया काफी खतरनाक होती है. इसलिए कोई शक नहीं अगर बॉक्स ऑफिस पर ज़ंजीर ज़ल्दी टूट जाये. अफ़सोस रामचरन तेजा।

देसी रोमांस का बैंड बजाती फिल्म शुद्ध देसी रोमांस

परिणीती के कमीज़ के बटन खोलते सुशांत 
                  मनीष शर्मा बैंड बाजा बरात और लेडीज वर्सेज रिक्की बहल के बाद शुद्ध देसी रोमांस लेकर आते हैं, तो उनके प्रशंसक दर्शकों को उम्मीद बधती है कि उन्हें एक अच्छी मनोरंजक फिल्म देखने को मिलेगी. लेकिन, मनीष शर्मा अपनी पहले की फिल्मों की सफलता से इतने आत्म मुग्ध हो गए कि उन्होंने अपनी पहले की दोनों फिल्मों का कुछ न कुछ डाल लिया. बैंड बाजा बरात में मैरिज प्लानर की कहानी थी तो शुद्ध देसी रोमांस में शादी की बरात में अच्छे कपडे पहन कर अंग्रेज़ी बोलने वाले किरदार है. फिल्म के दौरान जब रघु शादी के मंडप पर लड़की छोड़ कर भाग जाता है और परिणीती पर डोरे डालने लगता है तो लेडीज वर्सेज रिक्की बहल की याद ताजा हो जाती है. हाँ, तो फिल्म की बात हो रही थी. अब होता यह है कि शादी की बरात में नाचने वाले ऐसे ही एक किरदार रघुराम की शादी की बरात जा रही है. उसमे शामिल होने के लिए अल्ट्रा मॉडर्न गायत्री आती है. ऐन शादी के वक़्त रघु को पेशाब लगती है और वह टॉयलेट से भाग खड़ा होता है. अगले ही सीन में रघु से गायत्री मिलती है. दोनों चालू पीस हैं.  गायत्री तीन चार लड़कों के साथ पहले भी सो चुकी है. वह और रघु भी एक साथ सोते है. दोनों शादी की दहलीज़ तक पहुंचते हैं कि इस बार गायत्री को पेशाब लगती है और वह टॉयलेट से फरार हो जाती है. अब रघुराम को मिलती है तारा। इस बार रघु उसकी और आकर्षित होता है. एक शादी में गायत्री भी मिल जाती है. दो लड़कियों की जद्दो जहद में फंसे रघु की फिल्म का अंत भी बाथरूम में होता है.
                      फिल्म  में कहानी नदारद है. मनीष शर्मा ने एक लड़का, दो लड़की, एक बाथरूम, एक बारात, धकाधक चुम्बन चाटन और सेक्स दृश्यों के सहारे दो घंटे से ज्यादा की फिल्म बना डाली है. यह सब सिचुएशन  और संवादों के सहारे इतनी बार दिखाया जाता है कि फिल्म का अंत इसी पर ख़त्म होता देख कर दर्शक  निराशा से भर उठता है. यशराज फिल्म्स से इतनी अधकचरी फिल्म की अपेक्षा नहीं की जाती। निर्माता आदित्य चोपड़ा को यह समझना होगा कि संवाद के सहारे बनी कोई फिल्म बिना दूल्हे की बारात जैसी होती है. एडिटर नम्रता राव अगर अपनी कैंची चलाती तो फिर पहले पेशाब प्रसंग के अलावा रिपीट हुए कोई दृश्य नहीं बचते. मनु आनंद का छायांकन जयपुर के खूबसूरत दृश्यों को दर्शकों के सामने लाता है. सचिन जिगर का संगीत यादगार नहीं कहा जा सकता. केवल एक दो धुनें ही ठीक बनी हैं. अभिनय की बात की जाए तो सुशांत को उनकी भोली शक्ल और पवित्र रिश्ता वाली इमेज के कारण लिया जाता है. सुशांत अपनी हर फिल्म में पवित्र रिश्ता के मानव को दोहराते हैं. परिणीती चोपड़ा भी सीमित प्रतिभा की अभिनेत्री है। इसलिए वह गायत्री के चरित्र को आराम से कर ले जाती हैं. वाणी कपूर को बहुत मौके नहीं मिले। पर वह अपने ग्लैमर से आकर्षित करती हैं. सबसे बढ़िया और स्वाभाविक काम उन बाथरूमों का रहा है, जो नेचुरल नज़र आते हैं.
                        शुद्ध देसी रोमांस छोटे शहरों और कस्बों के युवाओं की मानसिकता को ध्यान में रख कर बनायी गयी है. निर्देशक मनीष शर्मा जानते हैं कि  यह दर्शक घटिया और भद्दे शब्दों वाले संवादों पर तालियाँ और सीटियाँ बजाता है. उसे लौंडिया का लपक कर चुम्बन चमेटने  वाला हीरो रास आता है. जब हीरो हेरोइन को बिस्तर दे मारता है तो यह युवा कुर्सियां तोड़ने को तैयार हो जाता है. फिल्म में यही कुछ इफरात में है.
                         अगर  आप छोटे कस्बे वाली मानसिकता वाले दर्शक है और केवल संवादों के सहारे फिल्म देख सकते हैं तो यह फिल्म आपके ही लिए बनी है. 
                    




 

Thursday 5 September 2013

राजा के लिए छोड़ा राजकुमार ने बॉक्स ऑफिस


प्रभुदेवा निर्देशित फिल्म रेम्बो राजकुमार की रिलीज़  टाल  दी गयी है. पहले २९ नवम्बर को रिलीज़ होने जा रही यह फिल्म अब ६ दिसम्बर को रिलीज़ होगी. इस फिल्म की रिलीज़ २९ नवम्बर को बुलेट राजा की रिलीज़ से टकराने के कारण टालना पड़ा।  बुलेट राजा का निर्देशन तिग्मांशु धुलिया ने किया है. शाहिद कपूर  की फिल्म की रिलीज़ इसलिए नहीं टाली गयी कि सैफ अली खान की फिल्म से नहीं टकराना चाहती थी. बल्कि, इस लिए टाली गयी क्योंकि यह दोनों फिल्मे निर्माता कंपनी इरोस की थी. इन दोनों में फिल्मों की हीरोइन सोनाक्षी सिन्हा हैं. कोई भी निर्माण संस्था और एक्ट्रेस नहीं चाहेगी कि उसकी दो फ़िल्में एक ही दिन रिलीज़ हो कर एक दूसरे को नुकसान पहुंचाए। 'राजकुमार' ने 'राजा' के लिए मैदान छोड़ दिया है तो देखें बॉक्स ऑफिस की गद्दी पर कौन काबिज होता है.
                                           

क्या दक्षिण से मिलने जा रहा है बॉलीवुड को सुपर स्टार !

चालीस साल पहले रिलीज़ प्रकाश मेहरा की सुपर हिट फिल्म ज़ंजीर ने अमिताभ  बच्चन को सुपर स्टार बना दिया था. उस समय अमिताभ बच्चन ३१ साल के थे.  बताते हैं कि उस समय तक अमिताभ बच्चन १३ सुपर फ्लॉप फ़िल्में दे चुके थे. उनके बॉम्बे से लुटिया पुटिया बटोर लेने की नौबत आ गयी थी. ज़ंजीर से उन्होंने हिंदी दर्शकों को अपने आकर्षण में कुछ इस तरह बाँधा कि उतार चढ़ावों के बावजूद उनकी दूकान चल रही है. अब चालीस साल बाद अपूर्व लाखिया की ज़ंजीर फिल्म की रीमेक फिल्म ज़ंजीर २.० रिलीज़ हो रही है. यह फिल्म उन्होंने चालीस साल पहले की ज़ंजीर के निर्देशक प्रकाश मेहरा के बच्चों से अनुमति लेकर इस फिल्म का रीमेक किया है. कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है. इस लिहाज़ से ज़ंजीर २.० के हीरो रामचरन तेज बॉलीवुड के सुपर स्टार बनने जा रहे हैं. अमिताभ बच्चन १९७३ की ज़ंजीर के समय ३१ साल के थे. जबकि, रामचरन इस समय २८ साल के हैं. उन्होंने तेलुगु फिल्मों में २००७ से अपना फिल्म
करियर शुरू किया था. वह अब तक चिरुथा, मगधीरा, ऑरेंज, रचा और नायक जैसी हिट सुपर हिट फ़िल्में दे चुके हैं. वह बॉलीवुड की एक सुपर हिट फिल्म से अपने हिंदी फिल्म करियर की शुरुआत कर रहे हैं.  बॉलीवुड की सबसे सफल  अभिनेत्रियों में से एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा फिल्म में उनकी नायिका हैं. एक एक्शन फिल्म से रामचरन ज़बरदस्त शुरुआत सकते हैं. फिल्म में वह अपनी अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन कर हिंदी दर्शकों को अपना कायल बना सकते हैं।  उन्हें याद होगा कि अभी उनके तमिल काउंटरपार्ट धनुष ने रान्झाना में केवल अपनी अभिनय प्रतिभा के ज़रिये हिंदी दर्शकों को अपना प्रशंसक बनाया।

                       होगा क्या यह तो बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों द्वारा तय किया जाएगा।  फिलहाल तो यह सोचा ही जा सकता  है कि दक्षिण आ रहा है एक सुपर स्टार !
 

हिंदी फिल्मों में 'गुरु' महिमा



हिंदी फिल्मों में गुरु नाम  वाले केवल एक अभिनेता हुए गुरुदत्त. ९ जुलाई १९२५ को बेंगलुरु में जन्मे गुरुदत्त का नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था. उन्होंने बाजी, जाल, मिस्टर एंड मिसेज ५५, प्यासा और कागज़ के फूल जैसी फिल्मों का निर्देशन किया. वह एक संवेदनशील अभिनेता थे. १० अक्टूबर १९६४ को उन्होंने आत्महत्या कर ली.
२००७ में रिलीज़ मणिरत्नम की फिल्म गुरु ने  अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्य रॉय की अब तक ढाई अक्षर प्रेम के और उमराव जान जैसी फ्लॉप फिल्मों की जोड़ी को हिट बना दिया। अब यह बात दीगर है कि धीरू भाई अम्बानी के जीवन पर गुरु के  ऐश-अभिषेक जोड़ी की फिल्म रावण फ्लॉप हो गयी. दिलचस्प तथ्य यह है कि रावण का निर्देशन गुरु मणि रत्नम ने ही किया था.
१९८९ में श्रीदेवी की उमेश महरा निर्देशित फिल्म गुरु रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में उनके जोड़ीदार मिथुन चक्रवर्ती थे. इस फिल्म को  बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिली थी. इसी फिल्म के दौरान मिथुन चक्रवर्ती और श्रीदेवी की शादी की अफवाह उडी और फोटो प्रकाशित हुए.
दक्षिण के सुपर स्टार धनुष हिंदी फिल्म रान्झाना की सफलता के बाद दक्षिण के अभिनेताओं के हिंदी गुरु बन गए हैं. वह आज कल तमिल फिल्मों के मशहूर अभिनेता भारत को हिंदी उच्चारण सिखा रहे हैं. भारत फिल्म जैकपोट से बॉलीवुड में डेब्यू करेंगे।
अभिनेता सलमान खान आज कल ब्राजील की मॉडल ब्रूना अब्दुल्ला के गुरु बने हुए हैं. वह मेंटल फिल्म में सना खान और डेज़ी शाह के हीरो हैं, लेकिन उनका पूरा ध्यान फिल्म में एक छोटा रोल कर रही ब्रूना अब्दुल्ला को हिंदी सिखाने में लगा हुआ है. ब्रूना ने अब तक कैश, आई हेट लव स्टोरीज़. देसी ब्वॉयज़, हिम्मतवाला और एक तमिल फिल्म बिल्ला-2 में अभिनय किया है.
भगवान दादा को  बॉलीवुड का डांस गुरु  कहा जा सकता है. चालीस और पचास के दशक में उनके नाचने के ख़ास अंदाज़ ने धूम मचा दी थी. दर्शक उनका डांस देखने के लिए ही फिल्म देखने जाते थे. अमिताभ बच्चन को लम्बी टांगों के कारण डांस करने में परेशानी होती थी. इसलिए उन्होंने भगवान् दादा वाला अंदाज़ अपनाया। अमिताभ भगवान् दादा को अपना डांसिंग गुरु कहते थे. बाद में किसी न किसी फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, ऋषि कपूर और गोविन्द ने भी भगवान् दादा स्टाइल में डांस किया।
सुना है कि अनिल शर्मा देओलों धर्मेन्द्र, सनी देओल और बॉबी देओल को लेकर एक फिल्म मास्टर बनाने हैं.
 

Tuesday 3 September 2013

गैंग्स ऑफ़ घोस्ट के खास गाने के शूट लिए नए लोकेशन की तलाश


 गैंग्स  ऑफ़ घोस्ट की यूनिट को फिल्म के एक ख़ास गीत के लिए मुंबई में ख़ास लोकेशन की तलाश है. पहले इस गीत की शूटिंग मुंबई की कुख्यात शक्ति मिल्स में होनी थी. बरसों से वीरान पड़ी इस मिल में पिछले दिनों एक मागज़ीने की महिला फोटोग्राफर के साथ जघन्य बलात्कार से बॉलीवुड भी आहत हुआ है. इसीलिए, निर्देशक सतीश कौशिक ने यह निर्णय लिया कि हम इस घटना का विरोध करते हुए अपनी फिल्म की शूटिंग लक्ष्मी मिल में नहीं करेंगे। अब गैंग्स  ऑफ़ घोस्ट के गैंग को तलाश है उपयुक्त लोकेशन की. क्या किसी की निगाह में शक्ति मिल्स  मिल्स जैसी वीरान मिल है?
 लेकिन ध्यान रहे कि वह जगह बलात्कारियों और अपराधियों की चारागाह नहीं होनी चहिये. गैंग्स ऑफ़ घोस्ट से प्रियंका चोपड़ा और परिणीती चोपड़ा की कजिन मीरा चोपड़ा का डेब्यू होने जा रहा है.
 

Monday 2 September 2013

रजनीकांत की फिल्म कोचदैइयान का ट्रेलर गणेश चतुर्थी के दिन रिलीज़ होगा


                          
इंडियन सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म कोचदैइयान  का ट्रेलर ९ सितम्बर को गणेश  चतुर्थी के दिन रिलीज़ होगा. रोबोट के बाद रिलीज़ होने वाली रजनीकांत की यह फिल्म है. इस ३डी फिल्म का निर्देशन रजनीकांत की बेटी सोन्दर्य ने किया है. फिल्म के ट्रेलर की रिलीज़ के बारे में सोन्दर्य ने अपने ट्विटर अकाउंट में लिखा, ''(आइ ऍम) एक्साइटेड टु announce  'कोचदैयान' टीज़र विल रिलीज़ दिस सितम्बर ९.'' यह भारत की पहली मोशन कैप्चर टेक्नोलॉजी फिल्म है. इस टेक्नोलॉजी पर हॉलीवुड की अवतार और टिन टिन  जैसी फ़िल्में बनायी गयी

डबिंग करते हुए रजनीकांत 
हैं. मूल रूप से तमिल में बनायी गयी इस फिल्म को हिंदी के अलावा तेलुगु और मलयालम में डब कर रिलीज़ किया जायेगा। इस फिल्म में रजनीकांत की दोहरी भूमिका है. तथा दक्षिण के शरद कुमार, शोबना, आदि पिनिसेत्टी और नासर जैसे मशहूर कलाकारों के अलावा हिंदी फिल्मों की सबसे सफल अभिनेत्री दीपिका पदुकोन और अभिनेता जेकी श्रॉफ महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नज़र आयेंगे। इस फिल्म को  जापानी, इतालियन और स्पेनिश भाषाओँ में डब कर वर्ल्डवाइड रिलीज़ किया जयेगा. फिल्म के बजट के बारे में बताया जा रहा है कि इस फिल्म के निर्माण में १०० करोड़ से अधिक का खर्च हो चूका है.