Saturday 12 October 2013

इस 'वॉर' को मत छोड़ना यार !

            http://www.hdwallpaper.org/wp-content/uploads/2013/10/war-chhod-na-yaar-movie-HD.jpg                           भारत पाकिस्तान के बीच तनाव और युद्ध का लम्बा रिश्ता रहा है. इसीलिए, इस तनाव की पृष्ठभूमि में हकीकत से लेकर बॉर्डर तक न जाने कितनी फ़िल्में रिलीज़ हो चुकी हैं. इन तमाम फिल्मों में मानवीय संबंधों के अलावा गोला बारूद वाली हिंसा का ही प्रदर्शन हुआ है. इसीलिए, जब फ़राज़ हैदर वॉर छोड़ न यार ले कर आते हैं तो लगता है कि वह भी इंडियन वॉर मूवीज की लिस्ट में अपना नाम लिखने आये हैं. अलबत्ता, फिल्म का टाइटल इसके कॉमेडी होने की और इशारा करता है. लेकिन, यह कॉमेडी किस स्तर की होगी, भारत पाक युद्ध संबंधों को किस मुकाम पर ले जायेगी, शंका इसी को लेकर बनी रहती है. फिल्म की शर्मन जोशी, सोहा अली खान, जावेद जाफरी, संजय मिश्र, मुकुल देव और मनोज पाहवा जैसी मामूली स्टार कास्ट के कारण फिल्म से बहुत अपेक्षाएं नहीं रहती. लेकिन, तारीफ करनी होगी फ़राज़ हैदर की कि उन्होंने भारत पाक संबंधों, दोनों देशों की सेनाओ और दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप, वेपन लॉबी, आदि को समेत कर एक ज़बरदस्त व्यंग्यात्मक फिल्म बना डाली है.
                    कहानी इतनी है कि एक चैनल की रिपोर्टर रुत दत्ता (सोहा अली खान) को भारत का रक्षा मंत्री (दिलीप ताहिल) एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के लिए बुलाता है. इस इंटरव्यू में वह बताता है कि तीन दिन बाद भारत पाकिस्तान के बीच वॉर छिड़ने जा रही है. वह रुत से सीमा पर जाने को कहता है, ताकि वह वहां पहुँच कर पब्लिसिटी पा सके. सीमा पर जाने के बाद रुत को भारत पाकिस्तान सैनिकों के बीच संबंधों के बारे में पता चलता है. वह भारतीय सेना के कप्तान राज (शर्मन जोशी) को हकीकत बताती है और युद्ध रोकने के लिए कहती है. लेकिन, राज साफ़ कर देता है कि वह पोलिटिकल लीडर्स के आदेश मानने के लिए बाध्य है. तब रुत खुद इस वॉर को रोकने की कोशिश करती है. वह इस कोशिश में कामयाब होगी. लेकिन, कैसे ? यही इस फिल्म का दिलचस्प पहलू है.
                      वॉर छोड़ न यार के निर्देशक फ़राज़ हैदर ही फिल्म के लेखक भी हैं. कहानी उन्होंने लीक से हट कर ली है. ट्रीटमेंट भी बढ़िया है. रील दर रील दर्शकों में उत्सुकता बनी रहती है. ११९ मिनट की इस फिल्म की स्क्रिप्ट में थोड़ी मेहनत और की जानी चाहिए थी. फिल्म के संवाद काफी व्यंग्यात्मक है. कहा जा सकता है कि ठीक राजनीतिज्ञों के दिलों पर कील ठोंकने वाले. दर्शक हँसता है और राजनीतिज्ञों की चालबाजियां समझता हुआ उनकी बेबसी का मज़ा भी लेता है. फ़राज़ ने मस्त सीक्वेंस बनाये हैं. उन्होंने  जहाँ भारत पाकिस्तान के सैनिकों के बीच दोस्ती, हँसी मज़ाक और तनाव को दिखाया है, वहीँ पाकिस्तानी सैनिकों की दुर्दशा का भी व्यंग्यात्मक चित्रण हुआ है. वह कई दिनों  से मुर्ग मुसल्लम  उड़ाने की फिराक में हैं. उनकी बीमारी, बेबसी और भारत के आवाम के प्रति दोस्ती के ज़ज्बे का भी चित्रण हुआ है. फ़राज़ ने कहीं भी पाकिस्तान को सहानुभूति के काबिल नहीं बताया है, लेकिन इसका दोषी राज नेताओं को माना है. वह बताते हैं कि दोनों देशों के नेता वेपन लॉबी से कमीशन लेकर हथियार खरीदते हैं. अपने पुराने और सड़े हथियार बेचने के लिए उनकी बेचैनी का भी प्रदर्शन हुआ है. फ़राज़ ने चीनी सामान और हथियारों की धज्जियाँ उड़ा दी हैं. दर्शक इसे खूब एन्जॉय करता है.  पाकिस्तानी सैनिक प्रशासकों को मूर्ख दिखाना थोडा जमा नहीं . लेकिन, एक कॉमेडी फिल्म में यह सब चलता है . इस फिल्म का क्लाइमेक्स महत्वपूर्ण था. युद्ध कैसे ख़त्म होता है, वह अस्वाभाविक सा था, लेकिन जन भावना के अनुरूप था. फिल्म में भारत पाकिस्तान के सैनिकों को अन्त्याक्षरी खेलते दिखाया गया है. फ़राज़ ने फिल्म के क्लाइमेक्स इसका बहुत खूब उपयोग किया है. पाकिस्तान के सैनिक पहली बार अन्त्याक्षरी जीतते हैं, लेकिन भारत की फिल्म शोले के ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे गा कर. फिल्म देखते दर्शक तालियाँ बजाने को मजबूर हो जाते हैं.
                         फिल्म में सोहा अली खान और शर्मन जोशी अपना काम बखूबी अंजाम देते हैं. दलीप ताहिल भारत, पाकिस्तान, अमेरिकी प्रशासन और हथियारों के सौदागर की अपनी भूमिका को भिन्न रख पाने में सफल हुए हैं. पाकिस्तान के जनरल की भूमिका में मनोज पहावा खूब जमे हैं. संजय मिश्र एक बीमार सैनिक की भूमिका में दर्शकों को हंसा हंसा कर लोटपोट कर देते हैं. वह गज़ब के एक्टर हैं. पाकिस्तानी कप्तान कुरैशी के रोल में जावेद जाफरी ने स्वाभाविक अभिनय किया है. असलम केई नें माहौल के अनुरूप धुनें तैयार की हैं. सजल शाह का कैमरा युद्ध के दृश्यों को रोमांचक बना पाने में कामयाब हुआ है.
                         इस फिल्म को देखने के बाद मन में एक ख्याल आता है कि फ़राज़ हैदर के पास ज्यादा फाइनेंस होता तो वह अच्छा परिणाम दे सकते थे. वह इन ज्यादा पैसों से बड़ी कास्ट लेकर इतना अच्छा प्रभाव नहीं छोड़ सकते थे. लेकिन, फिल्म का तकनीकी स्तर ऊंचा हो जाता और फिल्म ज्यादा दर्शक बटोर पाती. अगर आप को स्वस्थ मनोरजन की दरकार है और  ऎसी फ़िल्में आगे भी बनते देखना चाहते हैं, तो वॉर छोड़ न यार मस्ट वाच फिल्म है.

Tuesday 8 October 2013

बॉलीवुड खबर (8 अक्टूबर 2013) वाया टिवीटर

1- सलमान खान और करीना कपूर के साथ बॉडीगार्ड बनाने वाले, साउथ के फिल्म डाइरेक्टर सिद्दिक, अपनी 2010 की सुपर हिट मलयाली  फिल्म वियतनाम कॉलोनी का हिन्दी रीमेक भी डाइरैक्ट करेंगे।
2- कंगना रनौट ने साफ किया है कि फिल्म क्वीन में उनकी भूमिका का Hollywood अभिनेत्री  Marilyn Monoroe की ज़िंदगी से कोई लेना देना नहीं है।
3- आयुष्मान खुराना एक अनाम फिल्म में महराष्ट्रियन वैज्ञानिक  शिवकर तलपड़े की भूमिका करेंगे। यह एक आत्मकथा फिल्म है ।
4- रितिक रोशन और करीना कपूर की फिल्म शुद्धि का बजट 150 करोड़ रखा गया है।
5- वूडी एलेन ने अपनी फिल्म ब्लू जसमीने को भारत में रिलीस करने से इंकार कर दिया है, क्योंकि, वह अपनी फिल्म में तंबाकू विरोधी नारा नहीं डालना चाहते थे।
6- फाइंडइंग फेनी फेर्नांडीस की शूटिंग में व्यस्त होने के कारण पैदा तारीखों की समस्या से अर्जुन कपूर के हाथ से दो बड़े प्रोजेक्ट निकल गए।
7- शाहरुख खान निर्देशक फरहान अख्तर की अगली फिल्म में एक गुजराती डॉन की भूमिका करेंगे।
8- आमिर खान की पत्नी की फिल्म धोबी घाट की मोनिका डोगरा फिल्म मस्तान में विवान शाह की प्रेमिका की भूमिका में होंगे।
9- दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की फिल्म राम लीला के विरुद्ध एक पीआईएल दायर की गयी है।
10-  फिल्म बॉस में संजय मिश्रा अक्षय कुमार के विश्वस्त त्रिलोक की भूमिका में होंगे।
11- आमिर खान धूम 3 का आक्रामक प्रचार करना नहीं चाहते।
12- फिल्म शहीद में एक संदेश- जुर्म करने वाले और जुर्म सहने वाले का कोई मजहब नहीं होता। मारता भी इंसान है और मरता भी इंसान है।
13- सलमान खान के पिता सलीम खान चाहते हैं कि सलमान खान की फिल्म का शीर्षक मेंटल के बजाय जय हो ही रखा जाये।



 

Sunday 6 October 2013

बॉलीवुड खबर (6 अक्टूबर) वाया टिवीटर

1- दिल्ली की पृष्ठभूमि पर सात  उचक्के की शूटिंग आज खत्म हो गयी। निर्देशक संजीव शर्मा की इस फिल्म में मनोज वाजपेयी और केके मेनन मुख्य भूमिका में हैं।
2- करण जौहर के धर्मा productions की फिल्म  'गोरी तेरे प्यार में' इमरान खान और करीना कपूर की मुख्य भूमिका है। लेकिन, इस फिल्म में श्रद्धा कपूर Imran खान की मंगेतर की महत्वपूर्ण भूमिका में है। फिल्म दिखाया गया है कि इमरान के माता पिता ने यह शादी तय की है।
3- रजनीकान्त की फिल्म कोचड़ाईयान का संगीत कल सोनी म्यूजिक साउथ द्वारा रिलीस किया जाएगा।
4- रज्जो की नायिका कंगना रनौट आज कॉमेडी नाइट विथ कपिल में अपनी हाजिर जवाबी का जलवा बिखेरेंगी। उनसे प्रभावित सिद्धू स्टेज पर नाचने चले आएंगे।
5- अपने अगले सिंगल का गीत प्रियंका चोपड़ा ही लिखेंगी।
6- भारत में अपने तौर की सफलता से खुश हो कर अंतर्राष्ट्रीय बैंड वन डाइरैक्शन राजा एक Bollywood सॉन्ग रेकॉर्ड करने की इच्छा प्रगट की है।
7- बुलेट राजा के निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने कहा है कि बुलेट राजा की यूएसपी सैफ आली खान हैं।
यह वही तिग्मांशु हैं जिनकी पिछली तमाम फिल्मों की यूएसपी रानी या बेगम हुआ करती थी।
पिछली फिल्म में तो सैफ की बहन सोहा अली खान थीं।

8- बूशान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में शाहाना गोस्वामी को मेरी Claire स्टार ऑफ एशिया बेस्ट एक्टर अवार्ड मिला है।
9- निर्देशक डेविड धवन अपने बेटे बरुन धवन की फिल्म मैं तेरा हीरो के सेट पर कमजोरी के कारण बेहोश हो कर गिर पड़े। इसके बाद फिल्म की कमान उनके बेटे ने सम्हाल ली।
10- सलमान खान ने खंडन किया है कि वह गंभीर रूप से बीमार है।
11- फिल्म बॉस के एक फाइट सीन के बीच बीच में अक्षय कुमार डांस करते नज़र आएंगे।
यह होगा अक्षय ब्रांड फाइट का डांसिंग तड़का। 

12-यशराज फिल्म्स के बैनर तले परिणीती चोपड़ा और आदित्य रॉय कपूर की फिल्म का नाम दावत-ए-इश्क़ रखा गया है।
13- एक ओर जहां बुद्धवार को 21.56 करोड़ का कलेक्शन दर्ज करने के बाद रणबीर कपूर की फिल्म बेशरम अगले तीन दिनों में 7.13, 5.68 और 5.94 का कलेक्शन कर गिरावट का नया कीर्तिमान स्थापित कर रही थीं, वहीं इसी दौरान इंद्रकुमार की अडल्ट कॉमेडी फिल्म ग्रांड मस्ती ने 100 करोड़ बना कर दर्शकों की बेशर्मी का कीर्तिमान स्थापित कर दिया। इस फिल्मे के सौ करोड़ बनाने में महिला दर्शकों की संख्या का खास योगदान था।
 

Thursday 3 October 2013

'कोचादीयान- द लिजेंड' भारत की होगी अन्तरराष्ट्रीय फिल्म


 
 भारत में बनी, अब तक की सबसे बड़ी फिल्म 'कोचादीयान- द लिजेंड' के मुख्य हीरो भारतीय सिनेमा के सम्राट 'रजनीकांत' और बॉलीवुड की सबसे बड़ी अभिनेत्रियों में से एक अभिनेत्री दीपिका एक साथ नजर आयेंगे । कह सकते हैं कि यह दोनों सितारे दुनिया को हिलाने की तैयारी में है। इस फिल्म के लिए Hollywood में खास उपयोग होने वाली तकनीको का  इस्तेमाल किया गया है,  जिसमे कटिंग मोशन पिक्चर और फोटोरेअलिस्टिक इन तकनीक का उपयोग किया गया है। इस तकनीक उपयोग कर  हॉलीवुड की फिल्म टिन -टिन, बियोवुल्फ़ और अवतार जैसी फिल्में बनाई गयी है। 'कोचादीयान- द लिजेंड' को भारत की ओर से अवतार जैसे फिल्मो को जवाब कहा जा सकता है । पूरी तरह से मोशन पिक्चर तकनीक से बनी यह फिल्म भारतीय सिनेमा के लिए मील का पत्थर साबित होगी।अवतार फिल्म के लिया जो करिश्मा जेम्स कैमेरून ने किया था  उससे कहीं ज्यादा बड़ा करिश्मा कोचादीयान- द लिजेंड होगी, क्योंकि, यह फिल्म सीमित समय और बजट में बनाई गयी है।
   निर्देशक सौंदर्या रजनीकांत आश्विन ने इस फिल्म को बनाने में उन्नत तकनीक का ही इस्तेमाल नहीं किया है , बल्कि कड़ी मेहनत भी की है। प्राचीन भारतीय कथानक पर आधारित होने के कारण इस फिल्म की स्टोरीलाइन पर खास ध्यान दिया गया है। 
    कोचादीयान- द लिजेंड को शूट करते समय मोशन पिक्चर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।  इस तकनीक में मानवीय मुद्राओं को चित्रित किया जाता है । इस तकनीक से ब्रैड पिट की वर्ल्ड वॉर जेड,पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन का निर्माण हुआ है।  इस हेतु लॉस एंजल्स से हॉलीवुड के टेकनिशयन्स की एक पूरी टीम को बुलाया गया। इस टीम ने अब्राहम लिंकन वैम्पायर और क्यूरियस केस ऑफ Benjamin बटन के लिए भी काम किया हुआ है। लंडन में शूटिंग के दौरान एक ही वक्त ९० कैमेरो का इस्तेमाल किया गया ।  किसी भारतीय फिल्म में "औरो ३डी" साउंड तकनीक का इस्तेमाल करनेवाली कोचादीयान- द लिजेंड तीसरी फिल्म होगी।
   इस फिल्म में अभिनेता के अभिनय के साथ तकनीक का बेमिसाल उपयोग किया गया है।इस में कलात्मक और भव्यसेट्स बनाये और  उन पर भव्य फाइट सीन फिल्माए गए।  इस के लिए निर्देशक को काफी समन्वय साधना पड़ा है।फिल्म में हर किरदार भव्य दिखने के लिए उनके कपड़ो से लेकर चहरे का खास ख्याल रखा गया है। कहा जा सकता है 'कोचादीयान- द लिजेंड' भारत की पहली विश्वस्तरीय फिल्म है।
   दक्षिण भारत के सुपर स्टार रजनीकांत इस फिल्म में बुराई के खिलाफ अच्छाई का साथ देने वाले एक सुपर हीरो बने है । अन्य भूमिकाओं में उनका साथ अभिनेत्री दीपिका पदुकोन , दक्षिण के स्टार आर.सरथकुमार और जेकी श्रॉफ दे रहे हैं।

Wednesday 2 October 2013

इतना भी 'बेशरम' नहीं...!

           
रणबीर कपूर की फिल्म  बेशरम की, सलमान खान की फिल्म दबंग से तुलना करना बेमानी होगी। सलमान खान को लेकर, उनकी लोकप्रिय इमेज के हिसाब से फिल्में बनायीं जाती हैं। रणबीर कपूर की इमेज सलमान खान की इमेज से बिल्कुल अलग है। या यह कह सकते हैं कि रणबीर कपूर खुद को एक्टर स्टार के बतौर प्रस्तुत करना चाहते हैं। सलमान खान को अभी एक्टिंग आना बाकी हैं। उनके पास मैनरिज़म है बस। इस लिहाज से दबंग और बेशरम की तुलना तो बिल्कुल भी नहीं की जा सकती। दबंग खालिस एक्शन फिल्म थी, बेशरम साठ के दशक की छौंक वाली हास्य नायक वाली फिल्म। अलबत्ता इन दोनों फिल्मों के निर्देशक अभिनव सिंह कश्यप के काम की तुलना ज़रूर की जा सकती है। जब अभिनव ने सलमान खान के साथ फिल्म दबंग बनाई थी, तब उन के काम की काफी प्रशंसा की गयी थी। उन्होने सलमान खान को बिल्कुल नयी इमेज में ढाला था। हल्की मूंछों वाला चुलबुल पांडे हिट हो गया। इसी दौरान अभिनव, सलमान और फिल्म के निर्माता अरबाज़ खान के बीच के मतभेद भी सामने आए। लगा कि सलमान खान और उनके भाई अभिनव को फिल्म की सफलता का थोड़ा श्रेय भी नहीं देना चाहते। वहीं, अभिनव दबंग  को खुद का चमत्कार समझ रहे थे। अरबाज़ ने बाद में बिना अभिनव के और सलमान खान को लेकर इस फिल्म का सेकुएल दबंग 2 हिट करवा दिया। इसलिए, पूरी निगाहें बेशरम पर थी कि अभिनव बेशरम से साबित करेंगे कि दबंग की सफलता उनके विजन   की सफलता थी। लेकिन, आज जब कि बेशरम रिलीस हो चुकी है, यह कहा जा सकता है कि अभिनव कश्यप बिल्कुल साधारण फिल्मकार हैं। उन्होने न केवल पुरानी धुरानी साठ  के दशक वाली, हीरोइन से एक तरफा प्यार करने वाले टपोरी चोर की कहानी ली है, बल्कि, उसे भी उसी पुराने ढर्रे पर फिल्माया है। कहाँ नज़र आता है आजकल ऐसा चोर। रणबीर के किरदार बबली द्वारा पहने गए भयंकर रंगीन शर्ट और पैंट तथा उस पर बेहूदा सा चश्मा और स्कार्फ, कोफ्त पैदा करता है। अब तो रणबीर की तरह सड़क छाप गुंडे तक नहीं रहते। दर्शकों में खीज पैदा करने वाले हीरो से हीरोइन पटे तो कैसे और पटे भी तो दर्शकों के गले से कैसे उतरे। कोढ़ में खाज कहिए या करेले पर नीम चढ़ा कहिए, फिल्म की घटिया स्क्रिप्ट और स्क्रीन प्ले ने सब गुड गोबर कर दिया। क्योंकि, कहानी तो दबंग की भी घटिया थी। मगर कथा पटकथा ने सब सम्हाल लिया था। इस मामले में राजीव बरनवाल के साथ अभिनव कश्यप बिल्कुल फ़ेल साबित होते हैं। वह एक भी सीन ऐसा नहीं लिख पाये, जिसे देख कर दिल में उत्साह पैदा हो। अभिनव ने फिल्म में आधा दर्जन गीतों  की लाइन लगा दी है। लेकिन, संगीतकार ललित पंडित  केवल लव की घंटी गीत को ही कर्णप्रिय बना पाये हैं। बाकी गीत बस ठीक ठाक ही हैं। फिल्म के संपादक प्रणव धीवर को कैंची का प्रयोग करना चाहिए था, लेकिन वह कैंची केवल हाथ में पकड़े रहे बस। फिल्म की कहानी की तरह फिल्म के संवाद भी बासी हैं। मधु वन्नीएर का कमेरा चटख रंगो को समेटने में लगा रहा। शाम कौशल के स्टंट बढ़िया बने हैं।

                  बेशरम रणबीर कपूर के स्टारडम को ज़ोर का झटका दे सकती है। यह जवानी हे दीवानी की सौ करोडिया सफलता के बाद रणबीर बड़े हीरो बनने के जो  सपने  देख रहे होंगे, बेशरम से उन्हे नुकसान पहुंचेगा । पल्लवी शारदा को दर्शक माइ नेम इज खान, दस तोला, लव ब्रेक अप्स और ज़िंदगी में देख चुके हैं। वह रणबीर से उम्र में बड़ी लगती हैं। वह कहीं प्रियंका चोपड़ा की झलक भी देती हैं। अब यह कहना ज़रा मुश्किल हे कि जावेद जाफरी  को अभिनव ने बर्बाद किया या जावेद ने खुद ही खुद को चोटिल कर लिया। वह लाउड अभिनय करने के बावजूद जोकर से अधिक नहीं लगे। फिल्म का बड़ा आकर्षण ऋषि कपूर और नीतू सिंह कपूर की जोड़ी   हो सकती थी। लेकिन, यह दोनों रियल लाइफ पति पत्नी भी जम नहीं सके। बमुश्किल तमाम उन्हे देख कर हंसी आती हे। फिल्म में उभर कर आते हैं रणबीर के दोस्त टीटू के रूप में अभिनेता अमितोष नागपाल। वह बेहद सहज अभिनय करते हैं। हिन्दी फिल्मों में हास्य अभिनेता को वह एक दर्जा दिलवा सकते हैं।
                    फिल्म का एक संवाद 'न सम्मान का मोह, न अपमान का भय' अभिनव कश्यप पर मुफीद बैठता हे। क्योंकि, उन्होने फिल्म ही ऐसी बनायी ।  
                     




  

Tuesday 1 October 2013

'बेशरम' के साथ रे...राजकुमार'


                               प्रभु देवा के निर्देशन में बनी शाहिद कपूर और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्ल्म रे.....राजकुमार के ट्रेलर की प्रशंसकों को अरसे से प्रतीक्षा थी । फिल्म  का ट्रेलर 3.42 मिनट  का यह ट्रेलर यू ट्यूब पर आज रिलीस हो गया । इस ट्रेलर को देख कर आप कह सकते हैं कि प्रभु देवा ने ज़बरदस्त मासला फिल्म बनाई है। शाहिद कपूर ने अपनी मसल्स दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सोनाक्षी सिन्हा हमेशा की तरह शोख लगी हैं। यह ट्रेलर कल से थेयट्रेस में भी देखा जा सकेगा। इसे रणबीर कपूर की फिल्म बेशरम के साथ रिलीस किया जा रहा है। शाहिद के प्रशंसकों को याद होगा की रणबीर की बहन करीना कपूर के साथ शाहिद कपूर का रोमैन्स लंबे समय तक सुर्खियों में रहा था। रणबीर कपूर और शाहिद कपूर ने कभी एक साथ कोई फिल्म नहीं की। अलबत्ता, फिल्मकार राजकुमार संतोषी इन दोनों अभिनेताओं को लेकर सलमान खान और आमिर खान की एक साथ फिल्म अंदाज़ अपना अपना का सेकुएल बनाना चाहते हैं। वैसे शाहिद कपूर  फिल्म फटा
पोस्टर निकला हीरो के बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से लुढ़क जाने के बाद उम्मीद नहीं है की यह फिल्म बन पाएगी। लेकिन, कल इन दोनों का साथ उस समय नज़र आएगा, जब रणबीर कपूर की फिल्म बेशरम के साथ शाहिद कपूर की फिल्म रे...राजकुमार का ट्रेलर रिलीस होगा। बेशरम 3600 से ज़्यादा प्रिंट्स में रिलीस की जा रही है। इस फिल्म को ज़बरदस्त रेसपोनसे मिलने की उम्मीद की जा रहा है। इसलिए बेशरम के साथ रे...राजकुमार को बहुत ज़्यादा दर्शकों के सामने अपनी खासियत रखने का मौका मिलेगा। वैसे भी रणबीर कपूर और शाहिद कपूर का भारतीय युवा दीवाना है। ज़ाहिर है की बेशरम के साथ रे...राजकुमार का ट्रेलर उसके लिए सोने पर सुहागा जैसा होगा। 
 

गांधी जयंती पर 'बेशरम'

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