Wednesday 29 October 2014

यश मिश्रा बने डॉन

भोजपुरी फिल्मो के एक्शन किंग यश मिश्रा अब डॉन बन गए हैं।  मगर यश के इस डॉन को इश्क़ का रोग लग गया है।  इसीलिए यह डॉन कहता फिर रहा है- हमका इसक हुआ है यारो ।  आप ठीक समझे यश मिश्रा अभी जिस फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं उसका नाम हमका इसक हुआ है यारों है तथा इसमे वह एक डॉन की भूमिका में हैं, जिसे फिल्म की हीरोइन अंजना सिंह से प्यार हो जाता है ।  अपने प्यार को पाने की चाहत में वो खुद को बदल देते हैं ।  आजकल हमका इसक हुआ है यारो की शूटिंग उड़ीसा में चल रही है।  फिल्म में यश और अंजना की रोमांटिक जोड़ी के अलावा भोजपुरी फिल्म जगत के कई मंझे हुए कलाकार मौजूद हैं।  पिछले साल ही दिलदार साँवरिया से भोजपुरी फिल्म जगत में कदम रखने वाले यश की यह आठवी फिल्म है।  हाल ही में उन्होंने एक साथ दो फिल्मो सपेरा और हीरो गमछावाला की शूटिंग पूरी की है। हमका इसक हुआ है यारो के बाद वह निर्देशक रवि कश्यप की फिल्म लागी तोहसे लगन की शूटिंग करेंगे ।  अपनी फिल्म हमका इसक हुआ यारों के बारे में यश कहते हैं, "हमका इसक हुआ है यारो के सारे तकनीशियन दक्षिण भारत और बंगला फिल्म जगत से हैं।  यह सभी अपने अपने क्षेत्र के माहिर हैं, जिसका फायदा मेरी फिल्म को अवश्य मिलेगा ।"

Tuesday 28 October 2014

फिल्म ज़िद के पोस्टर्स पर सिनेमा घरो में लगा सेंसर

सेंसर और मॉरल पोलिसिंग से त्रस्त बॉलीवुड को अब  नयी तरह की सेंसरशिप का सामना करना पड़ रहा है. इस सेंसरशिप की पहली शिकार अनुभव सिन्हा और मुश्ताक शेख निर्मित तथा बनारस मीडियावर्क्स के बैनर तले  बनी फिल्म ज़िद बनी  है।  यह फिल्म अगले महीने नवंबर में प्रदर्शन के लिए तैयार है ।  जब सिनेमाघरों में पब्लिसिटी के लिए  इस एरोटिक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म के पहले  पोस्टर को भेजा गया तो उन्होंने इस पोस्टर को लगाने से साफ़ मना  कर दिया।  क्योंकि, वह  किसी प्रकार के विवाद में फंसने को तैयार नहीं थे । इस सम्बन्ध में ऑल इंडिया डिस्ट्रीब्यूटर के इन्दर राज कपूर ने बताया, " जी हाँ, यह सही है कि हमने कुछ पब्लिसिटी मैटेरियल वापस कर दिया है, क्यूंकि वह कुछ ज्यादा ही बोल्ड और विवादित लग रहे थे।  वैसे इस बारे में हमने निर्माताओ से बात की है और जल्द ही इसका कोई हल निकल आएगा ।"  'ज़िद' से प्रियंका चोपड़ा की तीसरी कजिन मनारा बॉलीवुड में डेब्यू कर रही है।  यह एक बोल्ड विषय वाली फिल्म है।  मनारा ज़िद के पोस्टरों में पूर्णतया नग्न दिखाई गयी हैं। दिवाली की छुट्टियों के दौरान दर्शक अपने परिजनों और मित्रों के साथ सिनेमा घरो में आते है।  ज़िद के पोस्टर इन दर्शकों को रास नहीं आते ।  अब चूंकि त्यौहार का हफ्ता ख़त्म हो चूका है, इसलिए अब ज़िद के पोस्टर सिनेमाघरों में नज़र आने लगेंगे ।  मनारा और करणवीर शर्मा अभिनीत फिल्म ज़िद के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री हैं  । ​

हैप्पी न्यू ईयर के कलेक्शन पर विवाद


शाहरुख़ खान की दिवाली पर रिलीज़ फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के कलेक्शन पर विवाद शुरू हो गया है . ख़ास तौर पर दक्षिण से फिल्म के तेलुगु संस्करण के कलेक्शन को चुनौती दी जा चुकी है. दरअसल, शनिवार को ही हैप्पी न्यू ईयर के प्रोडुसरों ने यह दावा किया था कि हैप्पी न्यू ईयर ने पहले दिन ४४.९७ करोड़ का बिज़नेस किया है. इस फिल्म के हिंदी वर्शन के ४२.६२ करोड़, तेलुगु वर्शन के १.४३ करोड़ और तमिल वर्शन के ९२ लाख कलेक्ट करने का दावा किया गया था. बॉलीवुड के ट्रेड पंडितों के इस फिगर को सही बताने पर दक्षिण के ट्रेड एक्सपर्ट हैरान हैं. आंध्र बॉक्स ऑफिस का दावा है कि तेलुगु हैप्पी न्यू ईयर को पूरे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुल १४३ स्क्रीन्स तक नहीं मिल सके थे. ऐसे में यह फिल्म पहले दिन १४३ लाख का नेट कलेक्शन कैसे कर सकती है. वेबसाइट का दावा है कि ४६० स्क्रीन्स में रिलीज़ तेलुगु फिल्म पूजा तक बढ़िया भीड़ बटोरने के बावजूद १४३ करोड़ का नेट कलेक्शन नहीं कर सकी. व्यंग्य किया जा रहा है कि अपनी फिल्मों के कलेक्शन को लेकर लम्बी लम्बी छोड़ने के मामले में बॉलीवुड ने टॉलीवुड(तमिल) और कॉलीवुड (तेलुगु) फिल्म इंडस्ट्री को भी पीछे छोड़ दिया है. हालाँकि, फिल्म के तमिल संस्करण ने अच्छा बिज़नेस किया था, लेकिन, फिल्म को इतने कम स्क्रीन मिले थे कि वह चेन्नई एक्सप्रेस, धूम ३ और कृष ३ का रिकॉर्ड तोड़ पाने में नाकामयाब रही है.

Sunday 26 October 2014

रणवीर सिंह ने किराये पर क्यों लिया अपार्टमेंट ?

खबर है कि अभिनेता रणवीर सिंह ने गोरेगांव में एक अपार्टमेंट किराए पर लिया है।  लेकिन, इस खबर से कुछ ज़्यादा झांकने की ज़रुरत नहीं।  रणवीर ने यह अपार्टमेंट अपनी रियल लाइफ प्रेमिका दीपिका पादुकोण के साथ मौज मस्ती मनाने लिए नहीं लिया है।  रणवीर सिंह मुंबई के ट्रैफिक जाम  से परिचित हैं।  इस समय वह  संजयलीला भंसाली की फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' से पूरी तरह से इंवॉल्व हो गए हैं।  उन्होंने फिल्म में बाजीराव की भूमिका  में स्वाभाविकता लाने के लिए अपने सर के बाल भी मुंडा दिए हैं।  वह शूटिंग से पहले और पैक अप  के बाद अपनी पहले की फिल्मों की शूटिंग की तरह सेट पर हंसी मज़ाक और प्रैंक नहीं करते, बल्कि, नितांत एकांत में चले जाते हैं और पूरी तरह से रोल में घुसे रहते हैं।  इससे उनकी लव बर्ड दीपिका पादुकोण चिंतित हो जाते हैं।  रणवीर सिंह ने इसी इन्वॉल्वमेंट की तहत गोरेगांव में फिल्मसिटी के नज़दीक एक अपार्टमेंट ५ हफ़्तों के लिए किराए में लिया है।  बताते चलें कि  बाजीराव मस्तानी की शूटिंग फिल्म सिटी में ही चल रही है।  रणवीर नहीं चाहते थे कि  मुंबई से गोरेगांव  जाते और वापस आते अपना समय ट्रैफिक जाम में खराब करें। कमिटमेंट हो तो रणवीर जैसा !

डेढ़ सौ टीवी सितारों का एक रियलिटी शो

क्या हिंदी रियलिटी टीवी शो का चेहरा बदलने जा रहा है ! कम से कम टेलीविज़न सोप ओपेरा क्वीन एकता कपूर का तो यही दावा है ।  वह एक शो 'बॉक्स क्रिकेट लीग' लांच करने जा रही हैं ।  सनी अरोरा के साथ बनाया जा रहा यह शो क्रिकेट पर स्पोर्ट्स रियलिटी शो है ।  इस शो में टेलीविज़न की १५० हस्तियां क्रिकेट का मुक़ाबला करेंगी ।  इन टेलीविज़न सेलिब्रिटीज में अभिनेता और अभिनेत्रियां दोनों शामिल होंगे । इस शो का दिलचस्प फॉर्मेट यह है कि  इन १५ सेलिब्रिटीज को आठ टीमों में बांटा गया है ।  इस लीग में प्रत्येक टीम में महिला सदस्य भी होगी । लेकिन, वह पैविलियन  में बैठ कर मैदान में खेल रहे अपने पुरुष साथियों का उत्साह बढ़ाने के लिए चीयर नहीं कर रही होंगी । बल्कि, एकता कपूर कहती हैं, "बॉक्स क्रिकेट लीग क्रिकेट, सेलिब्रिटीज और ड्रामा का फ्यूज़न है । हमने इस शो के लिए क्रिकेट के नियमों को थोड़ा तोडा मरोड़ा  है । महिला सेलिब्रिटी भी मैदान पर अपने पुरुष साथियों के साथ क्रिकेट खेल रही होंगी । जब औरतें मैदान पर हो तो कुछ अभूतपूर्व होना ही है।" बीसीएल की खासियत यह भी है कि इसमे जहाँ मैदान पर क्रिकेट का रोमांच होगा, वहीँ परदे के पीछे का सास-बहु टाइप का षडयंत्र यानि 'लॉकर रूम ड्रामा' भी होगा। बकौल सीईओ बालाजी टेलीफिल्म्स समीर नायर, "लीग का इरादा एंटरटेनमेंट रियलिटी शो का चेहरा बिलकुल बदल देना है।  अब तो हमारे ब्रांड से स्टार पावर भी जुड़ गयी है।" 

गुरमीत चौधरी की 'खामोशियाँ'

विक्रम भट्ट की फिल्म 'खामोशियाँ' उनकी परंपरा की होते हुए भी थोड़ी अलग है।  कश्मीर की पृष्ठभूमि पर खामोशियाँ इरोटिक लव ट्रायंगल है।  इस फिल्म में भयावनी हवेली भी है, भय और रोमांच भी है।  कश्मीर की गहरी घाटियों और ऊंचे पहाड़ों पर  चिनार के पेड़ों के बीच शूट इस फिल्म कोई इमरान हाशमी, रणदीप हुडा या कुणाल खेमू मुख्य भूमिका में नहीं है।   खामोशिया से टीवी स्टार गुरमीत चौधरी फिल्म डेब्यू कर रहे हैं।  फिल्म से जुड़े एक शख्स का कहना था कि  गुरमीत इस फिल्म की वन मैन  आर्मी है। फिल्म को त्रिकोण बनाने के  लिए अली फज़ल और सपना पब्बी को लिया गया है।  सपना पब्बी को टीवी दर्शक अनिल कपूर के सीरियल '२४' में अनिल कपूर की पुत्री किरण राठोड़ के रूप में पहचानते हैं ।  भट्ट कैंप गुरमीत चौधरी को भारत के ह्यू जैकमैन की तरह प्रचारित करने जा रहा है।  टीवी पर राम की भूमिका से मशहूर गुरमीत अच्छे डांसर भी हैं।  वह एक डांस रियलिटी के विजेता हैं।  इस फिल्म का निर्देशन मोहित सूरी के सहायक रहे करण दारा कर रहे हैं। फॉक्स स्टार स्टूडियोज और विशेष फिल्म्स की खामोशियाँ अगले साल १ मई को रिलीज़ होगी।
सपना पब्बी

Friday 24 October 2014

इतना भी "हैप्पी (नहीं है) न्यू ईयर"

फराह खान से अच्छी फिल्म की उम्मीद करना बेकार है।  वह मनोरंजक फिल्म बनाने का दावा करती हैं। पर आज दीवाली के दूसरे दिन रिलीज़ उनकी शाहरुख़ खान, दीपिका पादुकोण,  अभिषेक बच्चन, सोनू सूद, बोमन ईरानी और विवान शाह की फिल्म हैप्पी न्यू  ईयर आखिर के चालीस मिनटों में ही मनोरंजन करती लगती है, जब घटनाएँ तेज़ी से घटती है, इमोशन के रंग और देश भक्ति का तिरंगा बुलंद होता है।  अन्यथा यह पूरी फिल्म इंटरवल से पहले तीस  मार खान के आस पास रहती है. बेहद सुस्त रफ़्तार से एक एक चरित्र का  परिचय देती है।  फिल्म शुरू होने के करीब एक घंटे बाद दीपिका पादुकोण 'मोहिनी मोहिनी' की पुकार के बीच अपने शरीर के तमाम विटामिन प्रदर्शित करती आती हैं।  वह फिल्म में बार डांसर बनी हैं, लेकिन, किसी बड़े नाईट क्लब जैसे माहौल में कैबरेनुमा डांस करती प्रकट होती है।
कहानी बस इतनी है कि  छह लूज़र्स यानि असफल वर्ल्ड डांस कम्पटीशन की आड़ में ३०० करोड़ के हीरे लूटने के  लिए दुबई के अटलांटिस द  पाम जाते हैं।  इन लोगों में चार्ली अपने पिता का बदला लेने के लिए यह डकैती डालना चाहता है।  इसमे चार्ली की मदद उसके पिता के मित्र और साथ काम करने वाले करते हैं।  बेहद बकवास सी फिल्म की कहानी को बचकाने तरीके से आगे बढ़ाती हैं फराह खान।  फिल्म में देखे जाने योग्य अगर कुछ है तो भव्यता।  फराह ने सेट्स पर जम  कर पैसा बहाया है।  यही सेट्स ही दर्शकों को आकर्षित करते हैं।  दुबई को होटल अटलांटिस द  पाम के खूबसूरत दृश्य इस होटल और फिल्म की खूबसूरती है।  पूरी फिल्म की शूटिंग और फिल्म का प्रीमियर भी इसी होटल में हुआ है।
कहानी की लिहाज़ से कूड़ा इस डकैती फिल्म में पुलिस फराह खान के निर्देशन की तरह नदारद रहती हैं।  हालाँकि, धूम ३ से अलग इस फिल्म में हीरो की चोरी करते दिखाया गया है। दर्शकों की इसमे दिलचस्पी रहती है।  फराह खान ने कई हिंदी फिल्मों, अपनी पहले की फिल्मों के दृश्यों और संवादों का सहारा लेकर मनोरंजन करने की  कोशिश की है। वह विशाल डडलानी  और अनुराग कश्यप के समलैंगिक जजों के चरित्रों के जरिये घटिया हास्य पैदा करने की असफल कोशिश करती हैं। इसके बावजूद फिल्म घिसटते हुए चलती है।  रफ़्तार दूसरे अर्ध में ही आती है, जब छह लूज़र्स डकैती डालने जाते हैं।  ख़ास तौर पर आखिर के चालीस मिनट में दर्शक खुद को अब तक की फिल्म से अलग माहौल में पाता है। इसी हिस्से में फिल्म मनोरंजक भी लगती है।
अभिनय के लिहाज़ से हर एक्टर लाउड अभिनय करता है ।  शाहरुख़ खान के हिस्से में जो इमोशनल सीन आये थे, वैसे सीन वह काफी कर चुके हैं।  यह पहली फिल्म है, जहाँ हॉलिडे क्राउड के बीच भी दीपिका पादुकोण बहुत कम तालियां और  सीटियां पाती हैं। वह अपना सब कुछ दिखा देने के बावजूद अपने लिए कुछ ख़ास नहीं जुटा पातीं। फिल्म की नवीनता यही है कि  पहली बार हीरो नहीं हीरोइन कहानी को मोड़ देती है। सोनू सूद ने खुद को बेकार कर दिया है।  चार्ली उन्हें उभरने नहीं देता।  अभिषेक बच्चन से अभिनय कराने की करामात  फराह कैसे दिखा सकती थीं।  सो नहीं  दिखा पायीं।  दोहरी भूमिका के बावजूद अभिषेक उभर नहीं पाते।  बोमन ईरानी लाउड थे, लाउड  हैं और लाउड रहेंगे।  विवान शाह को अपने पप्पा नसीरुद्दीन शाह और ममा रत्ना पाठक शाह से अभिनय के ककहरे सीखने चाहिए।
विशाल-शेखर का संगीत तेज़ धुनों वाला है. फिल्म में अच्छा लगता है।  हो सकता है कि दीपिका पादुकोण पर फिल्माया मनुआ लागे गीत कुछ दिनों तक लोगों की जुबान पर रहे।  मानुष नंदन की फोटोग्राफी बढ़िया है।  मयूर पूरी के संवाद ठीक ठाक हैं।  मादर…छोड़ न यार जैसे संवाद कई बार दोहराये गए हैं।  फिल्म की पटकथा एल्थिया कौशल के साथ फराह खान ने लिखी है।  ऐसा लगता है अटलांटिस पहुँच कर ही पटकथा लिखी गयी है. फिल्म के काफी दृश्य ओसन  ११ और सीरीज की याद ताज़ा कर देते हैं।
अगर आप तीन घंटा लम्बी इस फिल्म के शुरू के १३६ मिनट मिनट आखिर के ४० मिनटों की खातिर झेलना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपकी है।  लेकिन, यह तय है कि  खान की यह फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के आसपास तक नहीं। हैप्पी  न्यू  ईयर को मैं हूँ न और ओम शांति ओम के बाद सबसे कमज़ोर और तीस मार खान के बात एक और बोर फिल्म कहना ठीक होगा। इसलिए दिवाली के बावजूद उतनी  सफल होने नहीं जा रही।  सोमवार से फिल्म में ज़बरदस्त ड्राप आएगा।