Friday 4 September 2015

भाइयों के कॉमेडी वर्ल्ड का 'वेलकम बैक'





सलमान खान के खाते में एक और सौ करोडिया फिल्म 'रेडी' २०११ में रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म के चार साल बाद निर्देशक अनीस बज़्मी एक बार फिर हाज़िर हैं, तो यकीन जानिये आपके लिए हंसने के मौके ही मौके हैं। अनीस  बज़्मी ने राजीव कौल के साथ कहानी लिखी है।  लेकिन, कहानी कुछ भी नहीं है।  २००७ के 'वेलकम' का २०१५ संस्करण।  अक्षय कुमार की जगह उनके दोस्त जॉन अब्राहम ने ले ली है। अनीस बज़्मी को कटरीना कैफ के बाद सोनाक्षी सिन्हा नहीं मिली तो श्रुति हासन को ले लिया।  मल्लिका शेरावत का किरदार अंकिता श्रीवास्तव के हत्थे चढ़ा है।  फ़िरोज़ खान नहीं रहे तो वांटेड भाई बन कर नसीरुद्दीन शाह आ गए।  शाइनी आहूजा को चरसी बना कर पेश कर दिया।  अक्षय नहीं हैं अनीस बज़्मी ने उनकी सास डिंपल कपाड़िया से काम चला लिया है।
अब बात फिल्म की ! सोचने का टाइम ही नहीं मिला।  हँसते हँसते बेहाल।  अनीस बज़्मी की आदत है कि वह कभी कभी तो सेट पर आ कर ही स्क्रिप्ट लिखते हैं। उनके सीन यकायक बदल सकते हैं।  उन्होंने अपने तीन साथियों राजीव कॉल, राजन अग्रवाल और प्रफुल्ल पारेख के साथ लिखी है।  चुन चुन कर सीन लिखे हैं।  बेशक कोई सर पैर नहीं ! लेकिन, अनीस की फिल्म में सर पैर क्यों खोजो।  हंसों भाई हंसों।  फिल्म का हर सीन हंसाता है।  एक से बढ़ कर एक हँसी के गोल गप्पे।  इन हंसी के गोल गप्पों में राज शांडिल्य ने बढ़िया मसाला पानी मिलाया है।  तभी तो हँसते हँसते आँखों से आंसू निकल सकते हैं।
रही बात अभिनय की तो नसीरुद्दीन शाह, नाना पाटेकर, अनिल कपूर और परेश रावल का जवाब नहीं।  क्या कॉमेडी टाइमिंगस हैं इन चारों अभिनेताओं की।  बिलकुल गंभीर बने हुए, ऊट पटांग सिचुएशन में भी यह चारों दर्शकों को पगला देते हैं। जॉन अब्राहम एक्शन सींस में अच्छे लगते हैं।  वैसे इस फिल्म से उन्हें फायदा होगा।  श्रुति हासन मोटी हैं, हिंदी डायलाग बोलने में कच्ची हैं और कॉमेडी की समझ भी नहीं है।  डिंपल कपाड़िया ने इस फिल्म को पैसा कमाने की खातिर ही किया होगा।  शाइनी आहूजा बेकार लगे।  अंकिता श्रीवास्तव बदसूरत हैं, संवादों के मामले में कच्ची हैं और अभिनय में अभी बच्ची हैं।  उन्हें अनीस और फ़िरोज़ नाडियाडवाला ने ग्लैमर बिखेरने के लिए लिया था, पर यह जब आती हैं कहानी को बिखेर देती हैं।
फिल्म के मूड के अनुरूप धूम धड़ाके वाला संगीत है।  फिल्म बुरा नहीं लगता।  कबीर लाल की फोटग्राफी फिल्म के थ्रिल और यूनाइटेड एमिरेट्स (दुबई और अबु धाबी) की रेगिस्तानी खूबसूरती को बखूबी उभारा है। फिल्म को एडिटर स्टीवन एच बर्नार्ड ने अपने शिकंजे में ऐसा कैसा है कि फिल्म अपने ट्रैक से भटकने नहीं पाती।  अरे हाँ ! सुरवीन चावला और संभावना सेठ का एक एक आइटम भी है।
अगर आप इस फिल्म को देखना चाहते हैं तो केवल हंसने के ख्याल से देखिये।

Thursday 3 September 2015

जैकी चैन के साथ ' योग' नहीं कर रही कैटरीना कैफ

जून में यह खबर आम हुई थी कि कैटरीना कैफ इंडो-चाइना कोऑपरेशन से बनाई जा रही फिल्म 'कुंग फू योग' में जैकी चैन की नायिका होंगी।  लेकिन लगता है कि इस खबर की पुष्टि कैटरीना कैफ से नहीं कराई गई थी। यह ठीक वैसा ही था, जैसे मई में अपनी फिल्म 'पीके' लेकर चीन गए  आमिर खान के जैकी चैन के साथ 'कुंग फू योग' करने की खबर फ़ैल गई थी। अब यह बात दीगर है कि आमिर खान ने इस खबर का भारत वापस आते  ही खंडन कर दिया।  कुछ ऐसा ही कटरीना कैफ के साथ भी हुआ कि वह 'कुंग फू योग' में चीनी यूनिवर्सिटी में भारतीय प्रोफेसर की भूमिका कर रही हैं, जो एक चीनी पुरातत्ववेत्ता जैकी चैन की, जो मगध काल में राजा बिंबसार के ख़ज़ाने की खोज करना चाहता है, मददगार की भूमिका कर रही हैं ।  मगर, अब इस खबर का भी आमिर खान की तरह कैटरीना कैफ ने भी खंडन कर दिया है ।  उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में  कहा, "डिस्कशन हुआ था।  लेकिन, मुझे यहाँ मुंबई में रहना है। मुझे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की फिल्मों में काम करना है। मैंने तो कभी इस ऑफर की बात नहीं की। जब आप कोई फिल्म नहीं कर रहे हो तो उसके बारे में बात ही क्यों करो ?" वैसे इस खबर में काफी सच्चाई मालूम पड़ती है कि कैटरीना कैफ रांझणा और तनु वेड्स मनु सीरीज की फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल राज की अगली फिल्म में शाहरुख़ खान के साथ  काम करने जा रही हैं।  दरअसल, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स की सफलता के  दौर में आनंद एल राज के दिमाग में ग्रामीण पृष्ठभूमि पर एक बौने की कहानी पर फिल्म बनाने की योजना थी।  वह इस फिल्म में किसी बड़े सितारे को लेना चाहते थे। उनकी पहली पसंद सलमान खान थे।  सलमान खान ने स्क्रिप्ट सुनी भी।   लेकिन, बात नहीं बनी।  फिर फिल्म शाहरुख़ खान को मिल गई।  अब आनंद राज की फिल्म में कैटरीना कैफ के होने की खबर आ गई है।  अगर आनंद एल राज की फिल्म  में शाहरुख़ खान और कैटरीना कैफ साथ आते हैं तो यह फिल्म 'जब तक है जान' के  बाद इस जोड़ी की दूसरी फिल्म होगी।  अब देखने वाली बात होगी कि खान और कैफ की जोड़ी आनंद की फिल्म में बनती है या नहीं ?  इसके लिए तब तक इंतज़ार करना होगा ,  जब कैटरीना कैफ स्कॉटलैंड से सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ अपनी फिल्म 'बार बार देखों' की तथा शाहरुख़ खान आइसलैंड से रोहित शेट्टी की फिल्म 'दिलवाले' की शूटिंग से वापस आ जाएँ।

Wednesday 2 September 2015

& टीवी पर ५ सितम्बर से दो नए शो

इस शनिवार ५ सितम्बर से & टीवी पर दो नए शो डील या नो डील और एजेंट राघव क्राइम ब्रांच  प्रसारित होने जा रहे हैं।  'डील या नो डील' एक गेम शो है।  इसे  परिवार के सदस्यों के साथ ही खेल जायेगा।  इस शो में २६ फैमिली मेंबर हैं।  इतने ही ब्रीफ केस भी।  भारी रकम लगी हुई है जीतने के लिए। इस शो के शुरूआती एपिसोड में ही २६ ब्रीफ़केस दिखाए जायेंगे।  इन  ब्रीफकेसों में नंबर पड़े होंगे।  हर ब्रीफ़केस में अलग अलग रकम भरी होगी।  हर बैग को परिवार के सदस्य या उनके निकट मित्र पकड़े होंगे।  चूंकि, किसी  को भी  नहीं मालूम है कि किस ब्रीफ़केस में कितनी रकम भरी है, यह दिमाग को थका दी  वाला काम है कि ज़्यादा से ज़्यादा रकम जीतने के लिए किस बैग को चुना जाये।   बैग की रकम की जानकारी गेम छोड़ कर जाने की शर्त पर ही बताई जा सकती है। यह  शो रोनित रॉय पेश कर रहे हैं।
'डील या नो डील' के तुरंत बाद अपराध रहस्य थ्रिलर शो 'एजेंट राघव- क्राइम ब्रांच' प्रसारित होगा।  राघव सिन्हा क्राइम ब्रांच का अफसर है।  वह हत्या और अपराध के  कठिन से कठिन मामलों को सुलझा सकता है।  अन्य पुलिस अधिकारीयों से अलग  राघव में अपराध की जगह को देखा कर अपनी कल्पना में परिस्थितियों का जोड़ घटाना कर अपराध की परिस्थितियों और  अपराधी को पकड़ने में मददगार सूत्र  ढूंढ लेता है।  राघव एक मनोविज्ञानी और हिप्नोथेरोपिस्ट परिवार में पैदा  हुआ था। उसने छोटी उम्र में ही अपने पिता से सूत्र खोज निकालने की तकनीक सीख ली थी।  राघव का दुखद पहलू भी है।  उसके पिता की हत्या कर दी गई थी।  वह उस दुःख से उबर नहीं पाया है।  इसीलिए वह किसी भी हालत में अपराधी को ढूंढ निकाल लाना चाहता है।  उसकी इन्ही  खासियतों के कारण क्राइम ब्रांच में तैनात किया गया है।  एजेंट राघव का किरदार शरद केलकर कर रहे हैं।


यह फॅमिली के साथ देखने वाली मनोरंजक फिल्म है- कपिल शर्मा

कॉमेडी की दुनिया में बुलंदियों पर पहुंच चुके कपिल शर्मा अब बड़े पर्दे पर भी नजर आने वाले हैं। कॉमेडी के बलबूते देश-विदेश में घर-घर पहचान बनाने में सफल रहे कपिल को निर्देशक अब्बास-मस्तान ने अपनी आगामी फिल्म "किस किसको प्यार करूं" से रूपहले पर्दे पर बेहतरीन मौका दिया है। कपिल शर्मा को उनका पहला ब्रेक ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ से मिला। इसके साथ ही वह फेम शो ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ से काफी प्रसिद्ध हुए। इस शो से पहले कपिल शर्मा 9 रियलिटी टीवी शो जीत चुके थे। इस मल्टीटेलेंटेड एक्टर नें अपने प्रतिभाशाली हुनर से काॅमेडी सर्कस के सभी छः सीजन जीते। आईकाॅनिक काॅमेडियन बनने के बाद अब कपिल शर्मा अपनी पहली फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं’ से लोगों को आश्चर्यचकित करने को तैयार है। 
हमें अपने छोटे परदे से लेकर बड़े पर्दे की अब तक की जर्नी के बारे में कुछ बताइए?
मैं हमेशा से एक स्टैंड अप काॅमेडियन व गायक बनना चाहता था। मैं एक अभिनेता बनूंगा ये मैंने कभी नहीं सोचा था। इसके साथ ही मुझे एक शो मिला जिसका नाम स्टार या राॅकस्टार था इस शो के जरिए मैंने अपने गायक बनने का सपना पूरा किया। इसके बाद मैंने गायक बनने के लिए कभी अपना लक नहीं आजमाया तो मैने स्टैंड अप काॅमेडी करना शुरू कर दिया। अगर मैं सीधे ही एक्टर बन गया होता तो मुझे विशवास नहीं होता। मैं पिछले 11-12 सालों से काम कर रहा हूं इसलिए अब मैं कैमरे के अनुकूल हो गया हूं और इसी वजह से फिल्म में काम करना मेरे लिए काफी मददगार साबित हुआ।
इस फिल्म में मैं एक ऐसे व्यक्ति का रोल निभा रहा हूं जो एक अच्छा इंसान है। उसकी डिक्शनरी में ना शब्द है ही नहीं और तो और वह हमेशा ही दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता है। इसी सहायक व्यवहार की वजह से उसकी शादी तीन औरतों के साथ हो जाती हैं, यहा तक की उसकी एक गर्लफ्रैंड भी होती हैं। फिल्म की कहानी इन्हीं स्थितियों व उनसे निपटनें की कहानी पर आधारित हैं।
इस फिल्म की खासियत यह है कि लोग जैसा मुझे देखना चाहते हैं, वैसा ही लुक मुझे दिया गया है। इसके अलावा पहले लोगों को आशंका थी कि अब्बास-मस्तान की फिल्म है तो मर्डर-मिस्ट्री टाइप ही होगी, लेकिन फिल्म का प्रोमो आते ही हमारे चाहने वालों के जहन से वह शंका भी क्लीयर हो गई। इस फिल्म को भी ऑडियंस का भरपूर प्यार मिलेगा, क्योंकि यह हमारे शो की तरह ही फैमिली के साथ देखने वाली मनोरंजक फिल्म है।
चार हीरोइनों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
इसकी खूबसूरती यही है कि बंदा न चाहते हुए भी चार हीरोइनों को साथ लेकर चलता है। हकीकत तो यह है कि बंदा चाहता नहीं है कि उसकी तीन बीवी और एक गर्लफ्रेंड हो, लेकिन वह जानबूझकर कुछ नहीं करता, बस उसके साथ एक्सिडेंटली ऐसा होता जाता है। अब जब हो ही रहा है तो वह किसी का दिल भी नहीं तोडऩा चाहता है। अपने प्यार को संभालने के साथ ही तीनों बीवियों को वह कैसे हैंडल करता है जैसा अनुभव मेरे लिए खास रहा। साथ ही इस फिल्म की यही खासियत और खूबी भी है।
यह मेरी पहली फिल्म हैं और इस फिल्म में मेरी 4 हीरोइनें हैं व अब्बास-मस्तान द्वारा इसे निर्देशित किया गया है। इस फिल्म में मैंने काम करने का भरपूर आनंद लिया है। असल में ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ शो को शूट करना काफी तनावपूर्ण रहता है कभी-कभी तो हमें 16-18 घंटे दिन-रात शूट करना पड़ता है इस कारण अगर मुझे कमर दर्द व पीठ दर्द की दिक्कत भी होती है तो पेनकिलर की मदद से शूट जारी रखना पड़ता हैं। यहा तक कि शो के आखिरी पल में भी स्क्रिप्ट में भी बदलाव करने पड़ते हैं पर फिल्मों की शूटिंग की बात करे तो यह पूरी तरह से अलग है फिल्मों में, एक शाॅट देने के बाद अपने वैनिटी वैन में आराम कर दूसरे शाॅट के तैयार होने का इंतजार कर सकते है। इसके साथ ही स्क्रिप्ट, डायलाॅग्स पहले से मिल जाते हैं जिसे शाॅट शुरू होने से पहले बस एक बार पढ़ने की जरूरत होती है। ‘काॅमेडी नाइट्स विद् कपिल’ शो में मेरे अधिक जिम्मेदारी है के कारण मुझ पर काफी दबाव रहता है। वही फिल्म में हर कोई अपने रोल को अच्छे से जानता है जिससे दबाव सिर्फ एक पर नहीं रहता सब में बराबर में बट जाता हैं। फिल्म की शूटिंग की वजह से मेरी जिंदगी में काफी सुधार आया। 
एक कॉमेडियन के लिए रोमांस करना कितना मुश्किल रहा?
 नहीं-नहीं... ऐसा तो कुछ नहीं है। राजस्थान में एक पेपर ने छाप दिया था कि मुझे शूटिंग के दौरान पसीना आया, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था। वहां पर गर्मी इतनी थी कि मुझे पसीना आ रहा था। वैसे भी यह तो अच्छी चीज है। हमें टीवी शोज में ऐसा करने का मौका नहीं मिल पाता है, जबकि इस फिल्म में रोमांस करने का भरपूर मौका मिला।
इस फिल्म को साइन करने का कारण क्या रहा?
हकीकत तो यह है कि पहले मुझे तीन फिल्में करनी थीं, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा संभव नहीं हो सका। वैसे भी टीवी पर प्रसारित हो रहे मेरे शो की वजह से मेरा किचन तो सेफ है। इसलिए अब मैं भी फिल्म भी ऐसी करना चाहता हूं, जो लोगों को पसंद आए। जैसे- ये तीन बीवियों और एक गर्लफ्रेंड वाला कॉन्सेप्ट नया है, कुछ इस तरह का ही। पहले तो मैं काम करता था, लेकिन अब मुझे कॉमेडी शो एक जिम्मेदारी लगने लगी है, क्योंकि इस शो से मुझे लोगों का भरपूर प्यार मिला है। इसी सिलसिले में जब मैं अब्बास-मस्तान से मिला तो उन्होंने कहा कि यह फिल्म मेरे पास काफी समय से पड़ी थी, क्योंकि मुझे इसके लिए एक कॉमेडी पर्सन चाहिए था, जिसकी टाइमिंग सटीक हो। फिर उन्होंने कहा कि मैं आपके शो का फैन हूं और यह फिल्म मुझे तुम्हारे साथ ही करनी है। यह बात सुनते ही मैंने सोचा कि इतने बड़े डायरेक्टर को मुझ पर भरोसा है तो भला मैं उन्हें न कैसे कर सकता हूं। बस, इस तरह से मैंने फिल्म का साइन कर लिया।
अब फिल्म के बारे में कुछ बताइए?
इस फिल्म में मेरा नाम शिव राम किशन। मां ने मेरा नाम रखा है कि बेटा मुंबई में जाकर कुछ अच्छा करेगा और धार्मिक प्रवृत्ति का रहेगा। उसने मुंबई आकर इतनी तरक्की कर ली है कि वह एक बड़ी कंपनी का सीईओ बन गया है। बस, इसी नाम का फायदा उठाते हुए मैं तीन बीवियों और अपनी गर्लफ्रेंड को हैंडल कर पाता हूं।
क्या आपने कभी सोचा था कि आप इस मुकाम पर पहुंच पाएंगे, किसके जैसा बनना चाहते थे आप?
किसी के जैसा तो बनना भी ठीक नहीं होगा। दरअसल, आज लोग एक चीज को बार-बार एक जैसे अंदाज और फ्लेवर में देख जरा भी पसंद नहीं करते। दुनिया में कुछ नया करने के लिए आपको लोगों से हटकर कुछ अलग करने की जरूरत होती है। इसके लिए इंडस्ट्री से मैंने काफी कुछ सीखा भी है। जब भी मैं बच्चन साहब को देखता हूं कि वे पर्दे पर कॉमेडी और रोमांस के साथ ही एक्शन भी करते हैं तो लगता है कि एक इंसान चाहे तो भला क्या नहीं कर सकता... खैर, अब्बास-मस्तान से भी बहुत कुछ सीखने को मिला। वे जितना दिखने में भोले लगते हैं, हकीकत में वैसे हैं नहीं। एक शॉट में जब मुझे हीरोइन के साथ दिखाना था तो वे ही बोलने लगे कि ऐसे नहीं, थोड़ा और खींचो, फिर बाहों में समेटकर गले से लगाओ.. बड़े ही छिपे रुस्तम हैं वे।
आपने फिल्म में गाने गाए हैं?
इस फिल्म में मैंने दो गाने गाये है। जिसमें से एक गाना क्लब पर आधारित हैं और डा. जीसस द्वारा इसका संगीत दिया गया है। ये गाना खासतौर पर मेरे युवा फैंस के लिए हैं। इस गाने का लिरिक्स काफी फैंस है मुझे विश्वास हैं कि लोगों को यह गाना जरूर ही पसंद आएगा। मेरा दूसरा गाना अंतरा पर आधारित हैं। मुझे विश्वास है कि क्लब गीत को दर्शकों द्वारा सराहा जाएगा। इसके साथ ही इस साल के क्रिसमस व दिवाली का यह क्लब साँग बन जाएगा।
थ्रिलर मूवी की पहचान बना चुके निर्देशक अब्बास-मस्ततान कॉमेडी में कितना सहज रहे?
मैं बचपन से ही उनके द्वारा किये गए काम का बहुत बड़ा फैन रहा हूं। यह मेरी पहली फिल्म है इसलिए मुझे नहीं पता था कि फिल्म कैसे बनती है लेकिन अब्बास-मस्तान जैसे अच्छे फिल्ममेकर्स के साथ काम करने का अनुभव बहुत बढि़या रहा। वह उन बेहतरीन निर्देशकों में से है जिनके साथ हर कोई अपनी पहली फिल्म बनाना चाहता है।
यह भी थ्रिलर ही है, जिसकी तीन-तीन बीवियां हों, जरा सोचिए उसका क्या हाल होगा। बहरहाल, वे बेहतरीन डायरेक्टर्स हैं। उन्हें अपनी कहानी के साथ न्याय करना बखूबी आता है। इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता कि मर्डर-मिस्ट्री या थ्रिलर फिल्मों के अलावा वे कॉमेडी और रोमांटिक फिल्में नहीं बना सकते। उनके निर्देशन का लोग पहले की तरह इस बार भी तारीफ ही करेंगे.
आपके पसंदीदा काॅमेडियन कौन है जिससे आपको प्रेरणा मिली?
महमूद सर से लेकर जाॅनी लीवर और अमानुलाह खान इन सभी के कामों से मुझे काॅमेडियन बनने की प्रेरणा मिली है हालांकि मैंने काॅमेडी की तुलना में अधिक गंभीर काम भी किया है और वो हैं अमृतसर और दिल्ली में थिएटर।
इंडस्ट्री में आ रहे नए लोगों के बारे में आपकी क्या राय है और उन्हें नसीहत देना चाहेंगे।
इंडस्ट्री में सभी मेरे दोस्त हैं। आजकल कम्पटीशन के जमाने में सभी लोग मेहनती और जुझारू हैं तो सभी लोग अच्छा ही कर रहे हैं। मैं देखकर दंग रह जाता हूं कि लोग डांस सीख रहे हैं और घुड़ सवारी की टे्रनिंग ले रहे हैं, मेरे तो बस की बात ही नहीं है। रही बात नसीहत की तो भला मैं कौन होता हूं...
सफलता के लिए आपका मंत्र क्या है?
मैं अपने रोल को निभाने के लिए बहुत मेहनत करता हूं और मैं यह उम्मीद करता हूं कि एक एक्टर के तौर पर लोग मुझे पसंद करेंगे। फिलहाल तबीयत खराब रहने के चलते चैनल और हमारी टीम ने ‘कपिल नाईट विद कपिल’ को ब्रेक देने का प्लान बनाया है बजरंगी भाई हमारा आखिरी शो । 

Tuesday 1 September 2015

पूरी दुनिया के आईमैक्स थिएटरों में स्टार वार्स ७

जेडाई की ज़बरदस्त वापसी होने जा रही है।  स्टार वार्स सीरीज की छठी फिल्म 'स्टार वार्स एपिसोड ६: रिटर्न ऑफ़ जेडाई' २५ मई १९८३ को रिलीज़ हुई थी।  ४२ मिलियन डॉलर में बनी फिल्म ने ५७२ मिलियन डॉलर से अधिक कमाए थे।  इतनी बड़ी सफलता के बावजूद स्टार वार्स सीरीज की आगे की किसी फिल्म के निर्माण में ३२ साल लग जाना बहुत बड़ी बात है।  लेकिन, अब ३२ साल बाद निर्माता कंपनी वाल्ट डिज्नी पिक्चर्स पूरी कसर निकाल लेना चाहती है।  इस फिल्म को वर्ल्ड वाइड रिलीज़ करने वाली वाल्ट डिज्नी स्टूडियोज मोशन पिक्चर्स ने फिल्म की सफलता सुनिश्चित कराने के लिए अनोखा तरीका आजमाया है।  स्टार वार्स: द फ़ोर्स अवकेंस १८ दिसंबर को रिलीज़ हो रही है।  फिल्म को विश्व के दर्शकों के बीच दर्शनीय बनाने और फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा से ज़्यादा कलेक्शन दिलवाने के लिए उत्तरी अमेरिका के अलावा विश्व के सभी आईमैक्स थिएटरों को फिल्म के प्रदर्शन के लिए लगातार चार हफ़्तों के लिए बुक करा लिया गया है।  इस फिल्म के तमाम सीन और घटनाक्रम विशाल आकार के आईमैक्स पर्दों के अनुकूल हैं।  कलेक्शन के लिहाज़ आईमैक्स के परदे प्रोडूसर के लिए फायदेमंद रहे हैं।  अभी जून में जुरैसिक वर्ल्ड ने आईमैक्स थिएटरों में ४४.२ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था।  इसमे से २१ मिलियन घरेलु बाजार की ३६३ स्क्रीन्स से मिले थे तथा शेष २३.२ मिलियन डॉलर ४४३ विदेशी स्क्रीन्स से मिले थे।  जुरैसिक वर्ल्ड से पहले आयरन मैन ३ ने २८.८ मिलियन डॉलर का कलेक्शन आईमैक्स स्क्रीन्स से किये थे।  डिज्नी की फिल्म स्टार वार्स, जुरैसिक वर्ल्ड के कलेक्शन के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर सकती है।  डिज्नी का इरादा फिल्म को डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर ४०० स्क्रीन की सीमा तक रिलीज़ करने का है।  विदेशों में तो चार सौ से ज़्यादा आईमैक्स स्क्रीन्स पर कब्ज़ा करने का इरादा है।  वैसे यह आंकड़े अभी अंतिम नहीं हैं, क्योंकि अभी कुछ नए आईमैक्स थिएटर खुलने भी हैं।  स्टार वार्स : द फ़ोर्स अवकेंस के निर्देशक जे जे अब्राम्स हैं।  उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग आईमैक्स कैमरों से की है, ताकि  बड़ी स्क्रीन का पूरा पूरा फायदा उठाया जा सके।



नहीं रहे हॉरर फिल्मों के ट्रेंड सेटर वेस क्रेवन

उन्होंने पहली 'नाईटमेयर ऑन एल्म स्ट्रीट' फिल्म को लिखा ही नहीं था, बल्कि डायरेक्ट भी किया था।  उन्होंने पहली चार 'स्क्रीम' मूवीज को  निर्देशित किया।  उन्होंने हॉरर शैली की फिल्मों से हट कर ड्रामा फिल्म 'म्यूजिक ऑफ़ द हार्ट' का निर्देशन किया।  इस फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए मेरील स्ट्रीप को ऑस्कर नॉमिनेशन मिला।  हॉरर फिल्मों की लोकप्रिय युवा सीरीज बनाने वाले और मेरील स्ट्रीप को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट कराने वाले निर्देशक थे वेस क्रेवन।  रविवार की  रात ब्रेन कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई।  वह ७६ साल के थे।  वेस को सराहना और पहचान मिली 'नाईटमेयर ऑन एल्म स्ट्रीट' के फ्रेडी क्रुएगर किरदार के कारण। इस फिल्म की कहानी ऑहियो के स्प्रिंगवुड में मिडवेस्टर्न कसबे की पृष्ठभूमि की थी।  इस कसबे के हाई स्कूल के छात्र पहले अपने सपने में फ्रेडी क्रुएगर द्वारा पीछा करके मार डाले जाते हैं।  फिर वह हकीकत में ठीक उसी प्रकार मारे जाते हैं।  टीनएज छात्रों की इस भयावनी कहानी को पूरे विश्व में बड़ी सफलता मिली।  १९८४ में रिलीज़ इस फिल्म के निर्माण में  १.८ मिलियन डॉलर खर्च हुए थे।  लेकिन, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर २५.५ मिलियन डॉलर का ज़बरदस्त कलेक्शन किया था। इसी प्रकार से स्क्रीम भी टीनएज हॉरर फिल्म साबित हुई।  वेस टीनएज हॉरर के फिल्मकार के बतौर मशहूर हो गए।  वेस्ली अर्ल क्रेवन का जन्म २ अगस्त १९३९ को अमेरिका में ऑहियो में क्लेवेरलैंड में हुआ था।  क्रेवन की पहली फिल्म 'द लास्ट हाउस ऑन द लेफ्ट' १९७२ में रिलीज़ हुई थी।  वेस इस फिल्म के लेखक और एडिटर भी थे।  इस फिल्म की नायिका खुद के साथ और उसकी मित्र के साथ जंगल में किये गए बलात्कार का बदला लेती।  यह खून खराबे से भारी हॉरर फिल्म थी।  फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त सफलता मिली। उनकी अगली फिल्म 'द हिल्स हैव आईज' (१९७७) को भी बड़ी सफलता मिली।  वेस को श्रेय जाता है कि उन्होंने टीनएज हॉरर को रीइंवेंट किया।  एल्म स्ट्रीट सीरीज की तीसरी फिल्म के बाद वेस ने इस फ्रैंचाइज़ी को समाप्त कर दिया।  इसके एक दशक बाद, जब वेस ने फिर टीनएज हॉरर फिल्म 'न्यू नाईटमेयर' से वापसी की तो इसे १९९५ का स्पिरिट अवार्ड्स मिला। १९९६ में रिलीज़ फिल्म स्क्रीम से वेस नई ऊंचाइयों तक पहुंचे।  फिल्म घरेलु बॉक्स ऑफिस पर १०० मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया।  कुछ यही सफलता स्क्रीम २ ने भी हासिल की।  वेस में हॉरर फिल्मों के अलावा अन्य श्रेणी की फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया और वैसी ही सफलता हासिल की।  म्यूजिक ऑफ़ द हार्ट ऎसी ही फिल्म थी, जिसके लिए मेरील स्ट्रीप को ऑस्कर नॉमिनेशन मिला।  हालाँकि, इस फिल्म के लिए मेरील स्ट्रीप को ऑस्कर नॉमिनेशन मिला, लेकिन फिल्म के लिए दर्शक जुटाना एक दुरूह काम था। वेस क्रेवन ने हॉरर फिल्मों में साइकोलॉजिकल प्रभाव डालते हुए साइकोलॉजिकल थ्रिलर 'रेड ऑय' का निर्माण किया।  अगले साल उन्होंने 'द हिल्स हैव आईज' और 'द लास्ट हाउस ऑन द लेफ्ट की रीमेक फिल्में बनाई।  क्रेवन की दूसरी हॉरर और थ्रिलर फिल्मों में स्वाम्प थिंग, डेडली फ्रेंड और द पीपल अंडर द स्टेर्स जैसी कई फिल्मों का निर्माण किया।  हाल ही में क्रेवन द गर्ल ऑन द फोटोग्राफ्स बनाने जा रहे थे।  वेस क्रेवन्स प्रतिभा के पारखी थे।  'अ नाईटमेयर ऑन एल्म स्ट्रीट' में उन्होंने जोहनी डेप को पहला मौका दिया।  डेडली ब्लेसिंग से उन्होंने शेरोन स्टोन को स्टार बना दिया।  द ट्वाईलाईट जोन सीरीज के १९८० के संस्करण में उन्होंने ब्रूस विलिस को पहली बार प्रमुख भूमिका करने का मौका दिया।  उन्होंने २००४ में फिल्म निर्मात्री ल्या लाबुनका से विवाह कर लिया।  यह वेस का तीसरा विवाह था। वेस ने दो पुस्तकें फाउंटेन सोसाइटी और कमिंग ऑफ़ रेज भी लिखी।  आज प्रकृति और पक्षी प्रेमी थे।  वह अपने अंतिम समय तक विनयार्ड मैगज़ीन के लिए मासिक कॉलम 'वेस क्रेवन्स द बर्ड्स' लिख रहे थे।     




अब पाकिस्तान में 'बाहुबली'

पाकिस्तान के अलावा पूरे विश्व में, १० जुलाई को रिलीज़ हो कर निर्देशक एस एस राजामौली की ऐतिहासिक फंतासी फिल्म 'बाहुबली' अब वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर ६०० करोड़ का बिज़नेस कर चुकी है ।  अपने पारम्परिक विदेशी बाजार अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, आदि देशों में 'बाहुबली' का बिज़नेस काफी शानदार रहा।  इसकी उत्कृष्ट तकनीक की देश विदेश में प्रशंसा और सराहना हुई है। ज़ाहिर है कि पाकिस्तान के दर्शक भी अपने पडोसी देश की फिल्म के हिंदी संस्करण को देखना चाहते होंगे ।  पिछले वीकेंड यह फिल्म पाकिस्तान में भी रिलीज़ हो गई और जैसी की उम्मीद की जा रही थी, फिल्म का वीकेंड बिज़नेस उत्साहजनक रहा है।  पडोसी देश पाकिस्तान भारतीय फिल्मों के लिए, ख़ास तौर पर साउथ की फिल्मों के लिहाज़ से अतिरिक्त बाजार ही तैयार करता है।  क्योंकि, सामान्य तौर पर, पाकिस्तान में सलमान खान, शाहरुख़ खान और आमिर खान जैसे खान अभिनेताओं की फिल्मे ही रिलीज़ हुआ करती हैं।  इस लिहाज़ से 'बाहुबली' ऎसी पहली तेलुगु फिल्म बन जाती है, जिसे हिंदी में डब कर पाकिस्तान में रिलीज़ किया गया है।  अब केवल देखने की बात यही है कि हिन्दुस्तानी दर्शकों की तरह 'बाहुबली' पाकिस्तान के दर्शकों को किस हद तक प्रभावित और आकर्षित कर पाता है और अपने ओवरसीज कलेक्शन में इज़ाफ़ा कर पाता है ।