Saturday 3 October 2015

दक्षिण की फ़िल्में हिंदी में भी

पहले जनवरी में शंकर की तमिल फिल्म 'आई' के हिंदी हमले के बाद, एस एस राजामौली की फिल्म 'बाहुबली द बेगिनिंग' ने हिंदी बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था।  इस फिल्म का कलेक्शन सलमान खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की रिलीज़ के बाद भी प्रभावित नहीं हुआ था। दक्षिण की डब फिल्मों की उत्तर के बॉक्स ऑफिस पर दबदबे को देखते हुए दक्षिण के निर्माता अपनी फ़िल्में हिंदी में रिलीज़ करने के लिए तैयार हैं।  कुछ अपनी फिल्म सीधे सीधे हिंदी में भी बना रहे हैं या डब कर रिलीज़ कर रहे हैं।  दक्षिण में अब बाइलिंगुअल या ट्रिलिंगुअल फिल्मों का निर्माण होने लगा है।  दक्षिण के एक्टर अब समझने लगे हैं कि जब हमारी फिल्मों का हिंदी रीमेक कर कोई खान या कुमार सुपर स्टार बन सकता है तो वह क्यों नहीं ! आइये डालते हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों पर के नज़र - 
दक्षिण से हिंदी में हॉरर 
मयना जैसी रोमांटिक और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली फिल्म सत्ताई के निर्माता अब एक भयावनी फिल्म बन रही है।  श्रीकांत और राइ लक्ष्मी की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म का नाम तीन भाषाओं में अलग अलग है।  तमिल सोकार्पेट और तेलुगु में बेगम बेटा टाइटल वाली यह हॉरर फिल्म हिंदी में तंत्र शक्ति टाइटल के साथ रिलीज़ की जाएगी।  तमिल दर्शकों में श्रीकांत की इमेज रोमांटिक हीरो वाली है।  उन्होंने काफी बाद में एक्शन फ़िल्में की।  अब वह इस हॉरर फिल्म के नायक है।  राइ लक्ष्मी को हिंदी दर्शकों ने परदे पर नहीं देखा है। उनकी दो फ़िल्में 'अकिरा' और 'जूली २' निर्माण के भिन्न स्तर पर हैं।  लेकिन, हिंदी दर्शक लक्ष्मी को सबसे पहले 'तंत्र शक्ति' में डरावने चेहरे के साथ देख सकेंगे।  फिल्म के डायरेक्टर वडिवुडियान का दावा है कि तंत्र शक्ति दर्शकों को भय का नया अनुभव कराएगी।
अक्षय कुमार की फिल्म को चुनौती देगी पुलि
तमिल फंतासी फिल्म 'पुलि' का दूसरा ट्रेलर रिलीज़ होने के साथ ही पुलि ने दर्शकों को असमंजस में डालना शुरू कर दिया है कि वह (दर्शक) कौन-सी फिल्म देखें।  चिम्बु देवन की विजय (दोहरी भूमिका में), श्रुति हासन, हंसिका मोटवानी और नंदिता की  मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म १ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।  अगले दिन यानि २ अक्टूबर को अक्षय कुमार की एक्शन कॉमेडी फिल्म 'सिंह इज़ ब्लिंग' रिलीज़ हो रही है।  पुलि का ट्रेलर जिस प्रकार से आकर्षक और रोमांचक बना है, हिंदी दर्शक समझ नहीं पा रहे हैं कि वह अक्षय कुमार के सिनेमाघर में जाए या विजय की पुलि वाले।  फिर इस फिल्म में श्रीदेवी एक दुष्ट रानी के चमकीले- भड़कीले किरदार में  दर्शकों को अपील कर रही है।  तमिल 'पुलि' का हिंदी एडिशन सेंसर बोर्ड चीफ पहलाज निहलानी ने आठ करोड़ में खरीद लिया है।  वह इस फिल्म को दो हजार से ज़्यादा प्रिंटों में रिलीज़ करना चाहते हैं। 
रुद्रमादेवी भी 
तीसरी सदी की काकतीय वंश की रानी रुद्रमा देवी पर फिल्म 'रुद्रमादेवी' का निर्देशन गुणशेखर कर  रहे हैं।  इस फिल्म में अभिनेत्री अनुष्का शेट्टी केंद्रीय भूमिका कर रही हैं।  इस फिल्म को तमिल, तेलुगु, मलयाली और कन्नड़ भाषा के अलावा हिंदी में भी रिलीज़ किए जा रहे है।  इस फिल्म को रिलायंस एंटरटेनमेंट रिलीज़ कर रहा है। सत्तर करोड़ के बजट से बानी इस फिल्म में अल्लू अर्जुन, राणा दग्गुबती,  विक्रमजीत विर्क और कृष्णन राजू की भूमिका भी ख़ास है। इस फिल्म के परिधान नीता लुल्ला ने तैयार किये हैं। 
सूर्या की फिल्म
तमिल फिल्मों के सुपर सितारे सूर्या इस समय मास के अलावा पंडिराज की फिल्म हाइकू और २४ में व्यस्त है।  वह पत्नी ज्योतिका की वापसी के लिए फिल्म '३६ वयाधीनीले' का निर्माण कर रहे हैं।  हिंदी बेल्ट में 'बाहुबली' को मिली सफलता को वह भी भुनाना चाहते हैं।  हिंदी दर्शक उन्हें रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'रक्तचरित्र' में माफिया सूर्यनारायण रेड्डी की भूमिका में देख चुके हैं।  अब उनका इरादा एक त्रिभाषी फिल्म बनाने का है।  इसके लिए सूर्या के अपोजिट नायिका की भूमिका करने के लिए प्रियंका चोपड़ा से संपर्क साधा जा रहा है। हालाँकि, प्रियंका चोपड़ा तमिल फिल्म 'थमिज़न' से डेब्यू कर चुकी है।  लेकिन, सूर्या का इरादा तमिल और तेलुगु संस्करणों के लिए भिन्न एक्ट्रेस लेने का है। 
क्रिकेटर श्रीसंत की फिल्म
क्रिकेट सितारे एस श्रीसंथ के माथे से मैच फिक्सिंग का दाग फिलहाल मिटा गया है।  लेकिन, बीसीसीआई के बैन लगा देने के बाद से श्रीसंथ साउथ की फिल्मों में बिजी हो गए थे। वह इस समय साना यदिरेड्डी की फिल्म में काम कर रहे हैं, जो तीन भाषाओँ तमिल, तेलुगु और मलयालम में बनाई जा रही है। एक क्रिकेटर और आईपीएल की मसाला कहानी वाली इस फिल्म को १४ भारतीय भाषाओँ में डब कर रिलीज़ किया जायेगा। इनमे एक भाषा हिंदी भी होगी। 
राणा दग्गुबती की तीन भाषाओँ वाली फिल्म
राणा डग्गुबती के सितारे बुलंद है।  'बाहुबली' ने उन्हें पूरे देश का जाना पहचाना चेहरा बना दिया है।  वह राजा भल्लाल देवा के नाम से मशहूर हो गए हैं।  अब यह भल्लाल देवा एक नेवी अफसर के किरदार में नज़र आएगा।  तीन भाषाओं तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जा रही फिल्म 'गाज़ी' १९७१ के हिंदुस्तान पाकिस्तान युद्ध पर केंद्रित है।  फिल्म की कहानी बंगाल की खाड़ी में डुबो दी गई पाकिस्तानी की पनडुब्बी 'गाज़ी' पर केंद्रित एक साहस भरी कहानी है। इस फिल्म की शूटिंग नवंबर में शुरू होगी। 
हिंदी में आरवाराम
'पुलि' के बाद, दक्षिण की फिल्मों का बॉलीवुड विजय अभियान रुकने वाला नहीं। तमिल अभिनेता अजित की फिल्म 'थाला ५६' लगभग पूरी हो चुकी है।  वर्किंग टाइटल के साथ पूरी की गई इस फिल्म को आरवाराम टाइटल के साथ रिलीज़ किया जायेगा।  इस फिल्म में अजित एक टैक्सी ड्राइवर का रोल कर रहे हैं।  उनकी नायिका श्रुति हासन एक वकील की भूमिका में होंगी।  इस फिल्म को हिंदी में डब कर रिलीज़ किया जायेगा।  वैसे अभी यह तय नहीं है कि हिंदी संस्करण तमिल और तेलुगु के साथ रिलीज़ होगा या नहीं।  अजित की फिल्म अरबम को दर्शक प्लेयर एक खिलाड़ी के शीर्षक के साथ देख चुके हैं। फिल्म के निर्माता का इरादा हिंदी संस्करण को किसी बड़े नाम के साथ डिस्ट्रीब्यूट करने का है।  अगर, करण जौहर और पहलाज निहलानी की तरह आरवाराम  को भी बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मिल गया तो यह फिल्म सलमान खान की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो ' से टकरा जाएगी।  
हिंदी और तमिल में साला खडूस 
आर माधवन की सुधा कोंगरा प्रसाद के लेखन निर्देशन में फिल्म 'साला खडूस' तमिल और तेलुगु में बनाई जा रही है। इस फिल्म में माधवन एक बॉक्सिंग कोच के किरदार में हैं।  इस भूमिका के लिए माधवन ने खुद को काफी शेप में लाने की कोशिश की है। फिल्म के हिंदी वर्शन को राजकुमार हिरानी प्रेजेंट करेंगे।  
कमल हासन की हिंदी तमिल और मलयालम फिल्म
कमल हासन अपनी लिखी कहानी पर  इस फिल्म का निर्देशन करने जा रहे हैं, वह तीन भाषाओँ हिंदी, तमिल और तेलुगु में बनाई जाएगी।  इस फिल्म का हिंदी टाइटल 'अमर है' रखा गया है।  तमिल में इसे थलैवन इरुक्कीरन टाइटल के साथ रिलीज़ किया जायेगा।  इस फिल्म के हिंदी वर्शन यानि अमर है के हीरो सैफअली खान होंगे। कमल हासन विलन की भूमिका करेंगे। तमिल के हीरो मोहनलाल होंगे।  कुछ का कहना है कि तमिल में रोल रिवर्सल हो सकता है।  
धनुष और विद्या बालन की त्रिभाषी फिल्म 
डायरेक्टर दुरई सेंथिल कुमार की अगली फिल्म एक पोलिटिकल थ्रिलर फिल्म होगी।  इस फिल्म में धनुष दोहरी भूमिका में होंगे।  यह विद्या बालन की पहली तमिल फिल्म होगी। इस फिल्म को तमिल के अलावा हिंदी और तेलुगु में भी बनाया जा रह है।  
राणा दग्गुबती की त्रिभाषी कॉमेडी 
राणा दग्गुबती एक्शन फिल्मों से हट कर एक कॉमेडी फिल्म करने जा रहे हैं।  इस फिल्म का निर्देशन तमिल डायरेक्टर सेल्वाराघवन करेंगे।  यह फिल्म तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जायेगी।  

आयरन मैन से भिड़ेगा कैप्टेन अमेरिका ! लेकिन क्यों ?

मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की आगामी फिल्म 'कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर' में मार्वेल के दो सुपर हीरो का टकराव नज़र आएगा।  दुनिया को बचाने के लिए कैप्टेन अमेरिका की मदद के लिए आयरन मैन आएगा। लेकिन, उनका यह संयुक्त अभियान टकराव में बदल जायेगा।  दरअसल, बैटल ऑफ़ सोकोविआ के दुष्परिणामो के बाद दुनिया  की सरकारों ने महसूस किया कि सुपर हीरोज सावधानी से काम नहीं करते, नुक्सान से बेपरवाह रहते हैं।  इस पर सरकार सुपर हीरोज को नियंत्रित करने का निर्णय लेती है।  इस समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर कैप्टेन अमेरिका और टोनी स्टार्क उर्फ़ आयरन मैन के बीच मतभेद पैदा होते हैं। टोनी का मानना है कि ऐसा करके सुपर हीरो अपना नियंत्रण एक व्यक्ति या कंपनी को दे देंगे।  यह किसी को रिपोर्ट करना जैसा होगा।  टोनी स्टार्क अपने हाथों में खुद को ज़्यादा सुरक्षित मानता है।  कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर की कहानी ठीक उसी जगह से शुरू होगी, जहाँ अवेंजर्स एज ऑफ़ अल्ट्रान ख़त्म हुई थी।  मानवता की रक्षा के सतत प्रयास में स्टीव रोजर्स अपनी सुपर हीरो की नई टीम को लीड करेगा।  एक अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष के दौरान सुपर हीरोज की कार्यवाही से देशों का काफी नुक्सान होता है।  इसे देखते हुए ही सरकारें सुपर हीरोज को अपने अधीन लाने वाला दस्तावेज तैयार करते हैं।  इसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को लेकर कैप्टेन अमेरिका और आयरन मैन के बीच टकराव पैदा होगा।  जहाँ तक रियल लाइफ में ऐसे किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की बात है, क्रिस एवंस आयरन मैन के विचारों से सहमत हैं कि अपनी स्वतंत्रता दूसरों को नहीं सौंपी जा सकती।  कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर १६ मई २०१६ को रिलीज़ होगी।  

Friday 2 October 2015

क्या बॉक्स ऑफिस पर 'ब्लिंग' कर पायेगा यह 'सिंह' !

सबसे पहले अक्षय कुमार से एक बात ! अब कुछ नया करें. सरदार बन कर लुंगी कुरता पहन कर ओवर कॉमेडी करना छोड़े. ऐसी भाव भंगिमाए और एक्शन आप सहित बहुत से बॉलीवुड स्टार कर चुके हैं. फिल्म में तोआप बहुत साधारण एक्टिंग करते हैं. यह कह सकते हैं कि आप पहले की अपनी भूमिकाओं को बार बार दोहराते हैं. आपके एक्शन भी ख़ास नहीं. आपसे ज्यादा दमदार एक्शन एमी जैक्सन के पल्ले पड़े हैं . वह दर्शकों की खूब तालियाँ बटोर ले जाती हैं. अक्षय तो फीके लगते ही हैं. निर्देशक प्रभुदेवा ने भी रूटीन काम किया है. एक भी सीन, एक भी परिस्थिति और नृत्य गीत ताज़गी भरे नहीं. खुद प्रभुदेवा का निर्देशन साधारण है. रूमानिया के प्राकृतिक दृश्य और इमारतें खूबसूरत हैं, लेकिन वृत्त चित्र स्टाइल में शूट किये गए हैं . शिराज़ अहमद और चिंतन गाँधी की कहानी और संवाद साधारण दर्जे के हैं. शिराज़ एक भी सीन ऐसा तैयार नहीं कर पाए हैं, जो दर्शकों को नया लगे. सच तो यह है कि कहानी ही सिरे से स्वाभाविक नहीं है. अक्षय कुमार के रफ़्तार सिंह का रूमानिया जाना, एमी जैक्सन का माँ को खोजने गोवा में आना और फिर माँ के मिलने के बावजूद वापस चला जाना स्वाभाविक नहीं लगता. ऐसा लगता है कि कुछ ख़ास लोकेशन को तय कर फिल्म बना दी गई . अक्षय कुमार की दुभाषिये के बतौर लारा दत्ता हंसाती तो हैं, लेकिन, ओवर हो कर. उनका करैक्टर भी अधूरा है .केके मेनन ऎसी भूमिकाएं इतनी बार कर चुके हैं कि अब फिल्म में उनके विलन अवतार को देख कर ऊब लगती हैं . इस फिल्म से किसी को फायदा होगा तो वह हैं एमी जैक्सन . आई के बाद वह सिंह इज ब्लिंग में हिंदी दर्शकों को प्रभावित कर सकेंगी . 
सिंह इज ब्लिंग ने गाँधी जयंती वीकेंड पर ज़बरदस्त इनिशियल तो ले लिया. लेकिन, वीकेंड में यह जलवा कायम रख पायेगी, इस पर शक है. 

यह 'पुलि' चीता इतना बहादुर भी नहीं

दक्षिण की सामान्य फिल्में हिंदी में डब कर रिलीज़ नहीं की जाती . टेलीविज़न चैनल ज़रूर इन फिल्मों का प्रसारण करते हैं. रजनीकांत और कमल हासन जैसे अभिनेताओं की तमिल और तेलुगु फ़िल्में ज़रूर डब हो कर प्रदर्शित होती हैं. लेकिन, इस साल जुलाई में रिलीज़ ऐतिहासिक फिल्म 'बाहुबली : द बेगिनिंग' ने और इससे पहले 'आई' ने दक्षिण की फिल्मों का  डंका बजा दिया था. फिल्म अपने विसुअल कंटेंट, अभिनय, वीएफ़क्स और भव्यता के बल पर दर्शको के दिलों दिमाग पर छा गई . ऐसा लगा जैसे दक्षिण श्रेष्ठ फ़िल्में बना रहा है . शायद इसीलिए हिंदी दर्शकों को फंतासी-एडवेंचर फिल्म पुलि (चीता) का इंतज़ार था . 'पुलि' का हिंदी डब संस्करण आज गाँधी जयंती के दिन रिलीज़ हुआ. निर्देशक चिम्बु देवेन की फिल्म पुलि में तमिल स्टार विजय के साथ पूर्व तमिल फिल्म स्टार और हिंदी फिल्मों में कभी टॉप की अभिनेत्री  रही श्रीदेवी के अलावा श्रुति हास, सुदीप, हंसिका मोटवानी, नंदिता श्वेता, प्रभु, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं . फिल्म किस युग की है, कहना ज़रा मुश्किल है. पर मसाला भरा पूरा है. राजा, रानी,  राजमहल, कॉस्टयूम और चमत्कार हैं. एक्शन खूब है. फिल्म की नायिका श्रुति हासन थोड़ा अंग प्रदर्शक पोशाक पहनती हैं, तो हसिका मोटवानी थोड़ी ज्यादा. श्रीदेवी पोशाकों के लिहाज़ से भड़कीले अंदाज़ में हैं. उनके चहरे का बुढापा फूट फूट कर बाहर नज़र आता है. लेकिन, श्रुति हासन, हंसिका मोटवानी की तरह अभिनय वह भी नहीं करती . सुदीप सशक्त अभिनेता हैं . लेकिन, सेनापति दलपति जलतारंगन के किरदार में वह प्रभावहीन रहे हैं. निराशा होती है विजय को देख कर. वह तमिल फिल्म प्रोडूसर और डायरेक्टर एस ए चंद्रशेखर के बेटे हैं . तमिल फिल्मो में उनकी स्थिति सुपर स्टार जैसी है . लेकिन, लगता नहीं कि उन्हें अभिनय का क ख ग घ आता है . उनकी बॉडी लैंग्वेज और संवाद हमेशा एक दूसरे से ३६ का आंकड़ा बनाए रखते हैं. ऐसा लगता है जैसे वह हर सीन में कॉमेडी कर रहे हैं. एक्शन में भी वह नहीं जमे. विश्वास नहीं होता कि पुलि के वीएफ़क्स मगधीरा और ईगा के वीएफ़क्स डायरेक्टर कमलाकन्नन ने तैयार किये हैं. बेहद बचकाना और नकली दृश्य लगते हैं. बिलकुल रोमांचित नहीं करते. आर्ट डायरेक्टर टी मुथुराज ने किले की प्रतिमूर्ति बनाने में अपना हुनर दिखाया है. पुलि गाँधी जयंती के दिन और 'सिंह इज ब्लिंग' के अपोजिट रिलीज़ हुई है . लेकिन, यह अपना वीकेंड वाला जलवा वीक डेज में दिखा पाने में नाकामयाब होगी. 
एक सुझाव है दक्षिण के फिल्म निर्माताओ के लिए. उनको अपनी सभी फिल्मों को डब कर रिलीज़ नहीं करना चाहिए. इस प्रकार से दक्षिण की फिल्में अपना प्रभाव खो बैठेंगी . वैसे अब अगला हफ्ता बताएगा कि रुद्रमदेवी क्या गुल खिलाती हैं !

Thursday 1 October 2015

'एक रुका हुआ फैसला' सुनाने बैठे '१२ एंग्री मेन'

रेगीनाल्ड रोज ने एक ड्रामा लिखा था ट्वेल्व एंग्री मेन।  इस ड्रामे को १९५४ में टेलीप्ले के रूप में स्टूडियो वन द्वारा टेलीकास्ट किया गया था।  अगले ही साल इसे फीचर फिल्म के रूप में लिखा गया और १९५७ में इस पर एक फिल्म '१२ एंग्री मेन' बनाई गई।  इस फिल्म का डायरेक्शन सिडनी लूमेट ने किया था।  हेनरी फोंडा मुख्य भूमिका में थे।  '१२ एंग्री मेन' ऑस्कर पुरस्कारों की बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट पिक्चर और बेस्ट राइटिंग ऑफ़ अडाप्टेड स्क्रीनप्ले की केटेगरी में नॉमिनेट की गई।   फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी सफलता मिली।  ३.४० लाख डॉलर में बनी इस फिल्म ने दस लाख डॉलर का बिज़नेस किया।  इस फिल्म की खासियत थी इसकी कहानी और एक कमरे में फिल्मांकन।  ९६ मिनट लम्बी इस फिल्म के केवल तीन मिनट के सीन ही कमरे के बाहर से थे।  इनमे से एक सीन कोर्ट रूम के बाहर का, एक जज का रिटायरिंग रूम और तीसरा ट्रायल रूम से सटे वाशरूम का था।  फिल्म में १२ सदस्यों की जूरी को एक मत से यह फैसला करना है कि अपराधी दोषी है या निर्दोष है।  इस फिल्म में किसी करैक्टर का भी नाम नहीं लिया गया था।  जर्मन टेलीविज़न चैनल जेडडीएफ ने इसका रूपांतरण प्रसारित किया।  एमजीएम ने १९९७ से इसी टाइटल के साथ फिल्म का टेलीविज़न रीमेक किया। '१३ एंग्री मेन' को कई भाषाओँ में अनुवादित कर, कई माध्यमों से प्रसारित किया गया।  इस फिल्म को रशियन और लेबनानी फिल्मकारों द्वारा भी फिल्म और डॉक्यूमेंट्री के रूप में दिखाया गया।   १२ एंग्री मेन का भारतीय सिनेमा के लिहाज़ से महत्व इस लिए है कि इस फिल्म पर बासु चटर्जी ने एक कोर्ट रूम ड्रामा फिल्म 'एक रुका हुआ फैसला' का निर्माण किया।  फिल्म की पटकथा रंजित कपूर के साथ खुद बासु चटर्जी ने लिखी थी।  'एक रुका हुआ फैसला' में जूरी मेंबर के रूप में दीपक क़ाज़िर, अमिताभ श्रीवास्तव, पंकज कपूर, एस एम ज़हीर, सुभाष उद्गाता, हेमंत मिश्रा, एम के रैना, के के रैना, अन्नू कपूर, सुबिराज, शैलेन्द्र गोयल और अज़ीज़ कुरैशी जैसे रंगमंच के सशक्त अभिनेता थे।  हिंदी रीमेक ११७ मिनट का था।  लेकिन, दर्शक एक कमरे में बैठे इन जूरी सदस्यों की भावनाओ,  वाद-विवाद, उत्तेजना को सांस रोक कर देख रहे थे। एक रुका हुआ फैसला को इतना प्रभावशाली इसके सक्षम एक्टरों ने बनाया ही था, बासु चटर्जी की लेखनी और कल्पनाशील निर्देशन ने भी फिल्म को उकताऊ होने से बचाया था।  पंकज कपूर इस फिल्म की जान थे।  फिल्म को इतना प्रभावशाली बनाने में इसके एडिटर कमल ए सहगल की धारदार कैंची की सराहना करनी चाहिए।  उन्होंने इस फिल्म की गति को शिथिल होने ही नहीं दिया था।  यहाँ एक बात।  '१२ एंग्री मेन' अमेरिका के जुडिशल सिस्टम में जूरी सिस्टम पर थी।  लेकिन, भारत में ऐसा कोई जूरी सिस्टम नहीं था।  इसके बावजूद एक रुका हुआ फैसला दर्शको को जूरी का फैसला सुनाने देखने के लिए मज़बूर करती थी।  


क्या बॉलीवुड का कोई 'खान' है विन डीजल जितना ताक़तवर !

क्या विन डीजल 'फ़ास्ट एंड फ्यूरियस' सीरीज की फिल्मों के बिग डैडी हैं ! विन डीजल से पूछिए तो वह इस सीरीज की कास्ट एंड क्रू को अपने परिवार जैसा बताते हैं।  लेकिन, एक दिन जब वह खुद कह दें कि वह इस फ्रैंचाइज़ी के बिग डैडी हैं तो मानना ही पड़ेगा।  आम तौर पर विन डीजल 'फ़ास्ट एंड फ्यूरियस' सीरीज की फिल्मों की शूटिंग में दखल देते नहीं पाये जाते। २००१ में शुरू इस सीरीज की पहली फिल्म 'द फ़ास्ट एंड द फ्यूरियस' करने के बाद विन डीजल इसके सीक्वल '२ फास्ट २  फ्यूरियस' से बाहर निकल गए।  'द फ़ास्ट एंड द फ्यूरियस: टोक्यो ड्रिफ्ट' में उनका कैमिया था। इसके बाद चौथी फ़ास्ट एंड फ्यूरियस फिल्म से वह इस सीरीज की फिल्मों के स्थाई सदस्य बन गए।  फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की चौथी फिल्म के लिए विन डीजल को बुलाना यूनिवर्सल स्टूडियो की मज़बूरी भी थी और विन डीजल की भी।  विन डीजल और डायरेक्टर डेविड ट्वह्य यूनिवर्सल से 'द क्रॉनिकल्स ऑफ़ रिडिक' के अधिकार खरीदना चाहते थी।  इसीलिए, विन डीजल आखिरी मौके पर टोक्यो ड्रिफ्ट में शामिल हुए और कैमिया किया।  चौथी फ़ास्ट एंड फ्यूरियस फिल्म से विन डीजल इस सीरीज के स्थाई सदस्य बन गए।  इसी के साथ ही विन डीजल पर सीरीज की फिल्मों के निर्माण के दौरान हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया जाने लगा।  एक मैगज़ीन ने तो यहाँ तक आरोप लगाया कि फुयूरियस ७ की शूट के दौरान विन डीजल डायरेक्टर जेम्स वान के लिए सर दर्द बने रहे। वह फिल्म के छोटे छोटे डिटेल देखते।  किसी सीन पर देर रात को डायरेक्टर जेम्स वान से डिस्कशन करने लगते।  पॉल वॉकर की कार क्रैश में मौत हो जाने के बाद फ्यूरियस ७ की शूटिंग कुछ समय तक रुकी रही।  इसी दौरान जेम्स वान ने तय कर लिया कि वह सीरीज की आठवी फिल्म डायरेक्ट नहीं करेंगे।  हालाँकि, वान को मोटा पारिश्रमिक देने का लालच दिया गया, लेकिन वान ने फ्यूरियस ७ की शूटिंग के दौरान उनके स्वास्थ्य को हुए नुक्सान का हवाला देते हुए फ़ास्ट ८ डायरेक्ट करने से मना कर दिया। विन डीजल ने मैगज़ीन के आरोपों पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया। फ्यूरियस ७ की अप्रत्याशित और अभूतपूर्व सफलता के बाद विन डीजल यूनिवर्सल स्टूडियोज के लिए अपरिहार्य हैं। फ्यूरियस ७ ने वर्ल्डवाइड १.५ बिलियन डॉलर कमा लिए हैं। फ्यूरियस ७ की बड़ी सफलता विन डीजल के ज़रुरत से ज़्यादा इन्वॉल्वमेंट को सही ठहरा रही थी। यही कारण था कि फ़ास्ट ८ के लिए सबसे पहले विन डीजल के नाम का ही ऐलान हुआ।  विन डीजल ने ही सोशल साइट्स पर आठवी फिल्म के टाइटल का ऐलान किया।  विन डीजल पर लगे आरोपों पर प्रवक्ता द्वारा इतनी सफाई ज़रूर दी गई कि विन डीजल 'फ़ास्ट ८' के डायरेक्टर की खोज में जुटे हुए हैं।   संभव है कि डायरेक्टर की कुर्सी पर विन डीजल बैठ कर खुद के अलावा जैसन स्टेथम, ड्वेन जॉनसन, कोडी वॉकर (पॉल वॉकर का भाई, जिसने पॉल के मरने के बाद शेष फिल्म पूरी करवाई), आदि को निर्देशित करते नज़र आये।  फ़ास्ट ८ की रिलीज़ अप्रैल २०१७ के लिए तय कर दी गई है।  ऐसे में यूनिवर्सल स्टूडियोज के लिए विन डीजल की बात मानना मज़बूरी भी होगी।  क्या बॉलीवुड में कोई खान है विन डीजल जितना 'बिग डैडी' !







म्यूजिक वीडियो में गुलशन कुमार की बेटी

म्यूजिक लेबल टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की दो बेटियों में बड़ी तुलसी कुमार प्लेबैक सिंगर हैं। उनकी छोटी बेटी खुशाली कुमार फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में गई।  अपना अलग लेबल बनाया।  अब वह एक बिलकुल नए अवतार में नज़र आने जा रही हैं।  वह १९९१ में रिलीज़ आमिर खान की फिल्म 'दिल है कि मानता नहीं' के गुलशन कुमार को प्रिय गीत 'मैनु इश्क़ दा लाग्या रोग' के म्यूजिक वीडियो में बिलकुल ग्लैमरस अंदाज़ में नज़र आएंगी।  म्यूजिक वीडियो में काम करने का आईडिया खुशाली के भाई और टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार का था।  भूषण कुमार आजकल गुलशन कुमार को प्रिय कई गीतों को नए अंदाज़ और धुन में समेत कर म्यूजिक वीडियो के साथ पेश कर रहे हैं। पिछले दिनों, गुलशन कुमार की याद में उनका एक अन्य पसंदीदा गीत 'धीरे धीरे से मेरी ज़िंदगी में आना' यो यो हनी सिंह द्वारा रीक्रिएट कर ह्रितिक रोशन और सोनम कपूर पर फिल्माया गया था।  'मैनु इश्क़ दा लाग्या रोग' इसी की कड़ी में हैं।  इस गीत का वीडियो खुशाली ने ही डिज़ाइन किया है।  खुशाली पर फिल्माए जाने वाले इस गीत को बड़ी बहन तुलसी कुमार ने गाया है।  इस वीडियो की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है।