Thursday 5 May 2016

फिल्म फोबिया में राधिका आपटे इस्तेमाल करेंगी वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी

एरोस  इंटरनेशनल और विकी रजानी  द्वारा निर्मित फिल्म फोबिया में राधिका आपटे अहम भूमिका में नज़र आएँगी  पवन कृपलानी ने  इस फिल्म को डायरेक्ट किया है राधिका की यह फिल्म एक सायकोलॉजिकल  थ्रिलर फिल्म है और कहा जा रहा है की यह बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म है किसमे वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। वर्चुअल रियलिटी यह एक कंप्यूटर टेक्नोलॉजी है जिसके ज़रिये पर्यावरण  की  उन  चीज़ो  को  दोहराया जा सकता है जो वास्तविक और काल्पनिक हो। और साथ ही साथ इस का प्रयोग करनेवाले व्यक्ति को इस बात का एहसास होता है  की वे उस जगह पर हैं और वो वहां पर  मौजूद लोगो को छू सकते हैं महसूस के सकते है, सुन सकते है। चूँकि राधिका फिल्म में अग्रोफोबिआ का शिकार होती हैं इसीलिए फिल्म  के मेकर्स ने इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है ताकि पेशेंट इस तरह की बीमारी से खुद को बहार निकाल  पाए। 

Wednesday 4 May 2016

कॉमेडियन एवं एक्टर सिद्धार्थ सागर ने म्यूजिक एल्बम "फंकी गर्ल्स" रिलीज़ किया

रूपेश राय प्रोडक्शन की नई पेशकश म्यूजिक एल्बम "फंकी गर्ल्स" का लोकार्पण, लोकप्रिय कॉमेडियन एवं एक्टर सिद्धार्थ सागर ने ३ मई २०१६ को मुंबई के सांताक्रुज़ स्तिथ 'लाइट बॉक्स' थिएटर में किया।  इस अवसर पर मराठी फिल्म 'उर्फी' के निर्माता युवराज वर्मा व सरताज मिर्ज़ा, फिल्म 'कैनाडा दी फ्लाइट' से लोकप्रिय हुई अभिनेत्री अनुष्का शर्मा व मीडिया के मान्यजन उपस्थित थे। रूपेश जी ने बताया की लगभग ४०० म्यूजिक एल्बम एवं कई विज्ञापन फिल्में बनाने के बाद इस एल्बम को बनाते वक्त उन्हें बेहद संतुष्टी मिली, क्योंकि इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जो अब तक किसी अन्य म्यूजिक एल्बम में नहीं किया गया है। सिद्धार्थ सागर ने कहा की वीडियो को देखने में उन्हें काफी आनंद आया, इसके कंप्यूटर ग्राफ़िक ने उन्हें अत्यधिक प्रभावित किया है। इस एल्बम की अभिनेत्री मॉडल ममता सोनी, नेपाल की रहने वाली हैं पर अपना कर्रिएर मॉडल और अदाकारा के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं, यह उनकी प्रथम म्यूजिक एल्बम है, और उनके परफॉर्मेंस देख कर प्रतीत होता है की वो हंगामा जरूर करेंगी। रूपेश ने बताया की भविष्य में वे जल्द ही सिद्धार्थ सागर के साथ नए प्रोजेक्ट की तैयारी कर रहे हैं, जिसमे उनके साथ युवराज वर्मा एवं सरताज मिर्ज़ा भी होंगे। "फंकी गर्ल्स" का निर्माण रूपेश राय प्रोडक्शन ने किया है, निर्देशन रूपेश राय सिकंद का है, संगीत व गीत अल्ताफ सय्यद का, स्वर प्रकृति कक्कड़ एवं आन्या का, मॉडल ममता सोनी व संगीत ज़ी म्यूजिक लोगो के समक्ष ला रहे हैं। इस म्यूजिक एल्बम के वीडियो को यू ट्यूब पर ६ लाख से ज़्यादा लाइक्स मिल चूका है।

क्या 'रईस' इतना 'काबिल' है कि 'बादशाहो' साबित हो सके !

पांच साल में दूसरी बार शाहरुख़ खान और अजय देवगन की फिल्मों का टकराव होने जा रहा है।  २०१२ में अजय देवगन की फिल्म सन ऑफ़ सरदार से शाहरुख़ खान ने अपनी फिल्म जब तक है जान टकरा दी थी।  यह मामला कोर्ट तक गया था।  इस टकराव का नुक्सान दोनों फिल्मों को हुआ।  हालाँकि, दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया बिज़नेस किया।  लेकिन, अगर यह फ़िल्में सोलो रिलीज़ होती तो ज़्यादा बिज़नेस हो सकता था।  शाहरुख खान अपनी फिल्मों के टकराव के लिए बदनाम हैं।  उन्होंने पिछले साल क्रिसमस से पहले अपनी फिल्म दिलवाले की रिलीज़ संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक रोमांस ड्रामा फिल्म बाजीराव मस्तानी के सामने करवा दी थी।  वह समझते थे कि २००७ का इतिहास दोहराया जायेगा।  बाजीराव मस्तानी भी सांवरिया की तरह फ्लॉप साबित होगी और एक्शन कॉमेडी फिल्म दिलवाले बड़ी हिट साबित होगी।  लेकिन, हुआ उलटा।  दिलवाले फ्लॉप साबित हुई, जबकि बाजीराव मस्तानी ने शाहरुख़ खान की फिल्म को बहुत पीछे छोड़ दिया।
शाहरुख़ खान इस पराजय से तिलमिला गए थे।  फैन के खराब प्रदर्शन ने बॉक्स ऑफिस के बादशाह खान को सतर्क कर दिया था।  इसीलिए, जब इस साल ईद को उनकी फिल्म रईस का सलमान खान की फिल्म सुलतान से टकराव  सुनिश्चित सा लगा तो उन्होंने रईस की रिलीज़ अगले साल के लिए टाल दी। हालाँकि, दो कारणों से यह उनका गलत निर्णय था।  पहला कारण यह कि इस प्रकार से उन्होेंने खुद की सलमान खान से हार मान ली थी और खुद को छोटा एक्टर साबित कर दिया था।  दूसरा कारण यह था कि इस टकराव के बावजूद वह बुरे फंस गए थे।  रईस की रिलीज़  २६ जनवरी २०१७ के लिए तय की गई।  इस दिन अजय देवगन की फिल्म बादशाहो रिलीज़ हो रही है।  बादशाहो की टक्कर ऋतिक रोशन की फिल्म  काबिल से हो रही थी।  लेकिन, शाहरुख़ खान ने रईस को २६ जनवरी को रिलीज़ कर इस सीधे संघर्ष को त्रिकोणीय बना दिया।  ट्रेड पंडित यह मान रहे हैं कि बादशाहो और काबिल के निर्माता अपनी फिल्मों की रिलीज़ किसी दूसरी तारिख को कर सकते हैं।  लेकिन, यह अनुमान ही है।  ऐसा ही अनुमान पिछले साल भी लगाया गया था कि संजयलीला भंसाली शाहरुख़ खान की फिल्म से अपनी फिल्म बाजीराव मस्तानी के टकराव को टालने के लिए रिलीज़ की तारिख टाल सकते हैं।  लेकिन भंसाली एक हफ्ता तक नहीं हिले थे। इसका नतीजा क्या हुआ ? क्या इस बार भी २६ जनवरी २०१७ को शाहरुख़ खान डबल नुकसान झेलने जा रहे हैं ?

आँखें २ से बाहर जॉन अब्राहम !

बॉलीवुड गलियारों से खबर है कि जॉन अब्राहम ने २००२ की हिट फिल्म आँखे के सीक्वल आँखें २ को छोड़ दिया है।  इस फिल्म में जॉन पहली बार एक अंधे का किरदार करने जा रहे थे।  २००२ की आँखें में अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल और परेश रावल अंधे किरदारों में थे।  यह फिल्म एक गुजराती नाटक पर थी, जिसमे एक बैंक मैनेजर तीन अंधे आदमियों से अपने ही बैंक में डकैती डलवाता है। फिल्म में बैंक  मैनेजर का किरदार अमिताभ बच्चन ने किया था।  सीक्वल फिल्म आँखें २ में  अमिताभ बच्चन निगेटिव रोल में ही हैं।  लेकिन, अक्षय कुमार और अर्जुन रामपाल ने सीक्वल फिल्म  में काम करने से मना कर दिया था।  अक्षय कुमार की जगह जॉन अब्राहम आ गए थे।  आँखे २ का निर्देशन अनीस बज़्मी कर रहे थे।  अनीस बज़्मी और जॉन अब्राहम ने पिछले साल ही वेलकम रिटर्न्स जैसी हिट फिल्म दी थी।  जॉन ने दो कारणों से फिल्म छोड़ी।  पहला यह कि वह फ़ोर्स २ के सेट पर घायल हो गए थे।  फिल्म का शिड्यूल पिछड़ गया था।  दूसरा यह कि जॉन अब्राहम ने अपनी फीस बढ़ा कर १२ करोड़ कर दी थी, जिसे फिल्म के निर्माता गौरांग दोषी नहीं दे पा रहे थे। अनीस बज़्मी ने भी जॉन को बनाये रखने की भरसक कोशिश की थी।  अब खबर है कि जॉन अब्राहम के बदल के रूप में किसी ए ग्रेड के अभिनेता की खोज की जा रही है।  अनिल कपूर फिल्म में आ गए हैं।  फिल्म में एक हीरोइन के लिए कैटरीना कैफ से संपर्क साधा गया है।  आँखें (२००२) में बिपाशा बासु और सुष्मिता सेन नायिकाएं थी।

उत्तर प्रदेश का मुज़फ्फरनगर, 'सुल्तान' का हरियाणा !

बॉलीवुड के निर्माता उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्म नीति का फायदा उठा कर करोड़ों हड़पने के लिए नई नई चालें चलते रहते हैं।  ऎसी चालों का ताज़ा उदाहरण  है यशराज बैनर की अली अब्बास ज़फर निर्देशित फिल्म सुल्तान।  इस फिल्म में हरियाणा के पहलवान सुल्तान की भूमिका सलमान खान कर रहे हैं।  हालाँकि, सुल्तान की कहानी की पृष्ठभूमि हरियाणा की है, लेकिन इस फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश में मुज़फ्फरनगर में हो रही है।  सुल्तान की शूटिंग हरियाणा में क्यों नहीं हो रही, जबकि आमिर खान की फिल्म दंगल की शूटिंग हरियाणा में ही हो रही है ? यह तो नहीं मालूम की हरियाणा में शूटिंग करने पर फिल्मों को कोई रियायत या मदद मिलती है।  लेकिन, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार फिल्मों को लेकर काफी उदार है।  उत्तर प्रदेश में शूटिंग करने पर मनोरंजन कर में छूट तो मिलती ही है, काफी सुविधाएं और करोड़ों का अनुदान भी मिल जाता है। फिर सुल्तान तो यशराज फिल्मस बैनर की फिल्म है।  यशराज फिल्म्स की समाजवादी पार्टी की सरकार से नज़दीकियों का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछली बार के मुलायम सिंह सरकार के समय में यशराज बैनर की तमाम घटिया फिल्मों को भी कर छूट मिल गई थी ।  इस बार भी ऐसा ही होने जा रहा है। बॉलीवुड गलियारों से खबर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री ने मिलने आये अली अब्बास ज़फर को आश्वस्त किया है कि सुल्तान उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री कर दी जाएगी।  लेकिन, बुरी खबर यह है कि मुज़फ्फरनगर के लोगों ने शिकायत की है कि फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश में तो ज़रूर की जा रही है, लेकिन उसे हरियाणा दिखाया जा रहा है।  लोगों को शिकायत है कि छूट का लाभ लेने के लिये मुज़फ्फरनगर में मोरना के लोगों के लहज़े को हरियाणा के लोगों जैसा दिखाया जा रहा है।  इसे लेकर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद भी दायर हुआ है।

Tuesday 3 May 2016

मेरी दो दो माँ है- भव्य गांधी

मदर डे यानि की माँ दिवस के खास मौके पर ' तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में टप्पू का किरदार निभाने वाले भव्य गांधी देश की सभी माँ को नमन करते है । टप्पू यानि भव्य गांधी उन  खुश किस्मतों  में से  है जो सेट पर एक नहीं बल्कि दो माँ के साथ पूरा दिन बिताते  है । जी हाँ टप्पू  यानि भव्य गांधी का जब भी शूट होता है तब तब की रील माँ यानि दयाबेन और  रियल माँ यानि यशोदा गांधी सेट पर होते है । भव्य गांधी कहते हैं, "दरअसल माँ को प्यार और सत्कार देने का सिर्फ एक दिन नहीं होता है । जब दिल करे माँ को प्यार कर लो . नसीब वालो को माँ का प्यार मिलता है । मै तो कुछ ज्यादा ही  नसीबवाला हूँ, क्योकि मुझे एक  नहीं बल्कि दो माँ का प्यार मिलता है । एक मेरे तारक मेहता शो की माँ यानि की दयाबेन और दूसरी मेरी  रियल माँ जिसने मुझे जन्म दिया है । दर असल सबसे अच्छी बात यह है की तारक मेहता के सेट पर एक साथ मुझे दोनों माँ का प्यार मिलता है । जैसे ही कैमरा ऑन दयाबेन और जैसे ही कैमरा ऑफ मेरी रियल माँ आ जाती है । दिशा दीदी का स्वभाव बहुत अच्छा है । आज हम एक साथ पिछले सात सालो से शूटिंग कर रहे है । उन्होंने मुझे स्कूल से कॉलेज जाते हुई देखा है । हर माँ की तरह उन्होंने ने भी मेरे बचपन से लेकर युवा  तक का सफर देखा है और वो हमेशा मुझे सीख  देती है जो कि मेरे लिए बहुत अच्छा होता है । सेट पर मेरी रियल माँ और दिशा दीदी की खूब जमती है दोनों एक साथ बातचीत  करती है । भगवान् ने मुझे दो माँ  दिया है और दोनों माँ के साथ मैं मदर डे मनाऊंगा ।

रेस्टोरेंट के किचन में मिली थी राजा हरिश्चंद्र की तारामती

यह वाक़या कोई १०३ साल पहले का है।  मुंबई के कोरोनेशन थिएटर के बाहर लोगों की भीड़ जमा थी।  उन्हें इंतज़ार था ३७०० फिट लम्बी ४० मिनट की फिल्म का, जो भारत की पहली चलती फिरती तस्वीर साबित होने जा रही थी।   यह वही चलती फिरती तस्वीरें थी, जिन्होंने १८९५ में लुमियरे बंधुओं की फिल्म लंदन से पूरे यूरोप में सनसनी फैला दी थी ।  जुलाई १८९६ में लुमियरे बंधुओं ने भारत में भी अपनी लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया। पहली भारतीय लघु फिल्म फ्लावर ऑफ़ पर्शिया १८९८ में रिलीज़ हुई।  इस फिल्म का निर्देशन हीरालाल सेन ने किया था।   लेकिन, ३ मई १९१३ को भारतीय  द्वारा, भारत में, भारतीय तकनीक से बनी फिल्म रिलीज़ हो रही थी।  इस फिल्म को फाल्के ने छह महीनों में बनाया था।  यह देसी फ़िल्म का पहला व्यवसायिक प्रदर्शन था।   क्योंकि,राजा हरिश्चन्द्र को कुछ चुनिंदा लोगों,  अख़बारों के सम्पादकों को ओलम्पिया थिएटर ग्रांट रोड में २१ अप्रैल २०१३ को ही प्रीमियर प्रीव्यू में दिखाया  जा चूका था।  बॉम्बे में कोरोनेशन थिएटर के बाहर जमे दर्शकों में अपनी देसी फिल्म देखने की उत्तेजना थी।  जैसे ही मूक फिल्म राजा हरिश्चन्द्र का पहला शो ख़त्म हुआ, एक इतिहास बन गया। यह फिल्म २३ दिन चली।  इसके बाद तो भारतीय सिनेमा लोकप्रियता की कई सीढ़ियां चढ़ता चला गया।  हालाँकि,राजा हरिश्चन्द्र आज भी विवादित  है, क्योंकि लोगों का मानना हैं कि बाबासाहेब तोरणे की १८ मई २०१२ को रिलीज़ फिल्म श्री पुंडलीक पहली भारतीय फिल्म थी।  परन्तु, तोरणे का दावा इस बिना पर खारिज हो जाता है कि इस फिल्म को विदेशी सहयोग से  बनाया गया था। अब इसे इत्तेफ़ाक़ ही कहा जायेगा कि  १०३ साल बाद ६ मई को दो दूसरी हिंदी फिल्मों के साथ विक्रम भट्ट की हॉरर फिल्म १९२०- लंदन के टाइटल के साथ भी लंदन है।  राजा हरिश्चन्द्र को  मराठी,हिंदी और इंग्लिश सबटाइटल के साथ रिलीज़ किया गया था।  इस फिल्म को पहले एक ही प्रिंट तैयार कर रिलीज़ किया गया।   लेकिन, जैसे ही राजा हरिश्चन्द्र को दर्शकों की पसंदगी मिली,  फालके ने इसके कई प्रिंट तैयार करवाए।  इस फिल्म में दत्तात्रेय दामोदर डाबके ने राजा हरिश्चन्द्र का किरदार किया था।   चूंकि, दादासाहेब को तारामती की भूमिका के लिए कोई महिला नहीं मिल रही  थी, इसलिए खूबसूरत चेहरे वाले  अन्ना सालुंके ने तारामती को धोती पहन  कर किया था। फाल्के को अपनी फिल्म की तारामती यानि सालुंके एक रेस्टोरेंट के किचन में मिले  थे,जहां वह रसोइये का काम करते थे।  दादासाहेब के बड़े बेटे बालचंद्र डी फालके रोहितास बने थे।  इस फिल्म की ओपनिंग राजा रवि वर्मा की राजा हरिश्चन्द्र और उनकी  पत्नी तारामती की पेंटिंग के साथ होती थी।  इस फिल्म के प्रमोशन में कहा जाता था - ५७ हजार फोटोग्राफ्स और दो मील लम्बी फिल्म का प्रदर्शन सिर्फ ३ आना में।