Sunday 31 July 2016

डरायेगा भी एक्वामैन

डीसी कॉमिक्स की किताबों का दूसरा कॉमिक करैक्टर एक्वामैन का है। एक्वामैन पहली बार १९४१ में मोर फन कॉमिक्स में दिखाई दिया था । पॉल नॉरिस और मोर्ट वेईसिंगर के इस करैक्टर को जस्टिस लीग ऑफ़ अमेरिका के स्थापक सदस्य के बतौर मुख्य स्थान दिया गया । पचास और साठ के दशक में एक्वामैन करैक्टर वाले कॉमिक बुक संस्करण प्रकाशित हुए । एक्वामैन को बड़े परदे पर १९६७ में एनिमेटेड सीरीज में स्थान मिला । जहाँ तक लाइव करैक्टर का सवाल है इसी साल रिलीज़ फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन: डॉन ऑफ़ जस्टिस में दूसरे सुपर हीरो के साथ एक्वामैन को भी जगह दी गई । अब एक्वामैन को बतौर सोलो हीरो फिल्म एक्वामैन में पेश किया जा रहा है । डॉन ऑफ़ जस्टिस में एक्वामैन का किरदार करने वाले अभिनेता जैसन ममोया ही २७ जुलाई २०१८ में रिलीज़ के लिए निर्धारित फिल्म में एक्वामैन का किरदार करेंगे । एक्वामैन का निर्देशन सॉ, डेड साइलेंस, द कन्ज्यूरिंग  १ और कन्ज्यूरिंग २ तथा इंसीडयूयस इनसिडियस  चैप्टर १ और २ के निर्देशक जेम्स वान ही एक्वामैन का निर्देशन करेंगे । जेम्स को हॉरर फिल्मों में महारत हासिल है । हालाँकि, एक्वामैन उनकी अब तक की फिल्मों की शैली से बिलकुल अलग है । एक्वामैन अपेक्षाकृत कम सुपर पॉवर रखने वाला करैक्टर है । इसमे हास्य का पुट भी है । इस लिए, जेम्स वान ने अपने लेखकों से इस करैक्टर की फिल्म में डरावने तत्व शामिल करने के लिए कहा है । इस प्रकार से यह कम शक्ति वाला सुपरमैन दूसरे सुपर पावर कैरेक्टरों के साथ दर्शकों को पसंद आएगा।  

एक पिछत्तर साल की युवती है वंडर वुमन !

हॉलीवुड से दो और सुपर हीरो किरदार दुनिया जीतने आ रहे है। यह किरदार मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स की देन नहीं है।  डीसी कॉमिक्स के दो सुपरमैन किरदारों पर दो फिल्में २०१७ और २०१८ में रिलीज़ होंगी । पहला किरदार वंडरवुमन का है । इस करैक्टर पर फिल्म का निर्माण पैटी जेन्किन्स कर रहे हैं। इस फिल्म में अभिनेत्री गाल गैडोट वंडर वुमन के किरदार में हैं। कॉमिक्स करैक्टर वंडर वुमन एक योद्धा राजकुमारी का है। यह जस्टिस लीग की सदस्य है। इस कॉमिक करैक्टर का जन्म दिसंबर १९४१ में आल स्टार कॉमिक्स के पन्नो पर हुआ था। तब से इस करैक्टर को कॉमिक्स बुक्स के पन्नों पर आते हुए ७५ साल हो गए हैं। एक प्रकार से कहा जा सकता है कि योद्धा राजकुमारी डायना प्रिन्सेस उर्फ़ वंडर वुमन ७५  साल की युवती है। उसका युद्ध कौशल उसे किसी युवा से कम पेश नहीं करता। लेकिन, २ डी, ३ डी और आइमैक्स ३ डी के परदे पर ३० अप्रैल १९८५ को जन्मी इस्राइली एक्ट्रेस गाल गैडोट कर रही हैं। वंडर वुमन  को रुपहले परदे पर आते आते सत्तर साल से अधिक हो गए।  वंडर वुमन को केंद्र में रख कर एक एनीमेशन फिल्म वंडर वुमन २००९ में रिलीज़ हुई थी।  लेकिन, यह फिल्म भी बड़े परदे के बजाय सीधे डीवीडी पर रिलीज़ हुई। वंडरवुमन को सबसे पहले देखा गया १९  मार्च को रिलीज़ फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन: डॉन ऑफ़ जस्टिस में ब्रूस वेन की साथी की बतौर । अमेज़ॉन में एक प्लेन क्रैश होता है। उसका पायलट स्टीव ट्रेवर डायना प्रिन्सेस को बताता है कि जल्द ही विश्व युद्ध छिड़ने वाला है। डायना अपना घर छोड़ कर वंडर वुमन का किरदार ओढ़ कर दुनिया को विश्व युद्ध से बचाने के लिए निकल पड़ती है। इस फिल्म में पायलट स्टीव स्ट्रेवर की भूमिका में क्रिस पाइन, कनिए नीलसन क्वीन हिप्पोटिला, रोबिन राइट जनरल एंटीओप और लूसी डेविस एटा कैंडी के किरदार में नज़र आएंगी।  वंडर वुमन का कुल बजट १५० मिलियन डॉलर का है।  यह फिल्म २ जून २०१७ को वार्नर ब्रदर्स द्वारा पूरी दुनिया में रिलीज़ किया जायेगा। 


जब फिल्म अभिनेत्रियाँ बन जाती हैं माँ !

फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर खान के माँ बनने की अटकलें काफी दिनों से लगाईं जा रही थी। अंततः करीना कपूर ने खुद के गर्भवती होने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही, करीना ने यह भी ऐलान किया कि वह बच्चे के जन्म से पहले तक घर में बैठी नहीं रहेंगी। इसी दौरान डायरेक्टर शशांक घोष की फिल्म वीरे दि वेडिंग का ऐलान हुआ था। इस फिल्म की नायिका करीना कपूर थी। पर करीना कपूर का दिसम्बर में माँ बनाने का ऐलान इस फिल्म के आड़े नहीं आया था। इस फिल्म की कहानी ऐसी है कि करीना कपूर का गर्भ फिल्म की कहानी को सपोर्ट करने वाला है। इस प्रकार से करीना कपूर टेलर मेड रोल के कारण फिल्मों में काम कर सकती थी। लेकिन, यहाँ सवाल यह उठता है कि क्या शादी के बाद सक्रिय रहने वाली करीना कपूर, बच्चे के जन्म के बाद भी इतनी ही सक्रिय रह सकेगी ?
याद आते हैं दो ऐलान
यहाँ याद आते हैं दो ऐलान ! करीना कपूर को नायिका बना कर फिल्म राम-लीला बनाने का ऐलान संजय लीला भंसाली ने किया था। इसी के बाद करीना कपूर के सैफ अली खान के साथ शादी करने का ऐलान भी हो गया। यह भंसाली के लिए चौंकाने वाली खबर थी। वह नहीं चाहते थे, राम-लीला की लीला का किरदार कोई विवाहित अभिनेत्री करे। उन्होंने यह कहते हुए कि लीला कोई शादीशुदा अभिनेत्री नहीं बन सकतीकरीना कपूर को फिल्म से बाहर कर दिया। करीना कपूर अपने घाव सहलाती रह गई। दूसरा ऐलान मधुर भंडारकर का है। मधुर भंडारकर ऐश्वर्या राय बच्चन को लेकर हीरोइन का निर्माण करने जा रहे थे। फिल्म का कुछ शूट हो चुका था। कांस फिल्म फेस्टिवल में इसके टुकड़े दिखाए भी गए। लेकिन, हीरोइन की पोस्टर की रिलीज़ के दिन प्रेगनेंसी बम फोड़ा अमिताभ बच्चन ने। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर ऐश्वर्या राय के गर्भवती होने की सूचना दी। यह मधुर के लिए बड़ा झटका था। उनकी फिल्म की शूटिंग अभी शुरू ही हुई थी। शूटिंग के दौरान ऐश्वर्या का उभरा पेट फिल्म की ग्लैमरस नायिका पर बुरा प्रभाव डालता। मधुर ने अपना रोष प्रकट करते हुए ऐश्वर्या को बाहर का रास्ता दिखा दिया।  उनकी जगह करीना कपूर खान आ गई। 
इससे साफ़ है कि राम-लीला के समय अभिनेत्री का शादीशुदा होना ही गज़ब था। लेकिन, हीरोइन आते आते यह गर्भ पर आकर ठहर गया। उस समय घबराये फिल्म निर्माताओं ने अपनी फिल्मों की रोमांस में  डूबी या निकट भविष्य में शादी कर रही अभिनेत्रियों के लिए अनुबंध में नो प्रेगनेंसी क्लॉज़ रखवाना शुरू कर दिया। लेकिन, अब वीरे दि वेडिंग की निर्माता रिया कपूर बेबी बंप के साथ करीना कपूर को स्वीकार कर रही है। सवाल यह है कि क्या इससे कोई ट्रेंड बदलेगा ? सबसे बड़ी बात क्या अब फिल्म निर्माता विवाहित या गर्भवती अभिनेत्री को दर्शक स्वीकार करेंगे ?
शादी तक क्यों पहुंचे रियल रोमांस
हिंदी फिल्मों की रोमांटिक नायिका बनाने वाली हिंदी फिल्म अभिनेत्रियाँ अगर रोमांस में डूबी हुई हैं तो कौन बड़ी बात ! लेकिन, उसके रोमांस की खबरे जहाँ फिल्म को पब्लिसिटी दिलाती हैं, वहीँ शादी की खबर बैड पब्लिसिटी साबित होती है। यही कारण था कि साठ-सत्तर के दशक की फिल्मों की रोमांटिक नायिकाएं जब तक फिल्मों में नायिका बनती रही, शादी की खबरों से दूर रही। जैसे ही उनका करियर ढलान पर आया उन्होंने शादी करना मंज़ूर कर लिया। यही कारण था कि शादी करने के बाद वैजयंतीमाला, जयाप्रदा, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, आदि तमाम ग्लैमर गर्ल्स फिल्मों को अलविदा कह गई। उस समय मान्यता थी कि शादी की खबर से जुड़ते ही अभिनेत्री दर्शकों के बीच अपना आकर्षण और ग्लैमर खो बैठती है। फिल्मों से दूर हो जाने का भय फिल्म अभिनेत्रियों को कितना सताता होगा, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महिमा चौधरी, श्रीदेवी, कोंकणासेन शर्मा, सारिका, सेलिना जेटली, वीणा मलिक, आदि ने अपने गर्भ की खबरों को तब तक छुपाये रखा, जब तक शादी कर फिल्मों को अलविदा न कह दी। 
शादी के बाद- अलविदा
नंदा और आशा पारेख जैसी अभिनेत्रियाँ कम हैं, जिन्होंने कभी शादी नहीं की। हालाँकि, उनके रोमांस की खबरें काफी सुर्ख हुई। लेकिन, इस दौर की दूसरी जिन अभिनेत्रियों ने विवाह किया, फिल्मों की तरह पीठ कर ली। सायरा बानो ने दिलीप कुमार के साथ निकाह पढ़ने के बाद फिल्मों का रुख नहीं किया। बबिता और नीतू सिंह कपूर खानदान की बहू बन कर फिल्मों से दूर हो गई। अमृता सिंह ने सैफ का घर बसा कर बच्चे पैदा करना ही ठीक समझा। मीनाक्षी हीरोशेषाद्री, युक्ता मुखी, नम्रता शिरोढ़कर, मन्दाकिनी, गायत्री जोशी, आदि ने तो शादी के बाद बॉलीवुड क्या देश ही छोड़ दिया। शादी के बाद फिल्मों को हमेशा के लिए अलविदा कहने वाली अभिनेत्रियों में ट्विंकल खन्ना, हनी ईरानी और इसी साल असिन के नाम शामिल हैं।   
शादी के बाद भी सक्रिय !
जहाँ, सायरा बानो, बबिता, नीतू सिंह, मीनाक्षी शेषाद्री, युक्ता मुखी, मन्दाकिनी, नम्रता शिरोढ़कर, गायत्री जोशी, ट्विंकल खन्नाअसिन, आदि ने फिल्मों को अलविदा कह दी। वहीँ  भाग्यश्री और डिंपल कपाडिया ने शादी और माँ बनने के बाद फिल्मों में वापसी की। लेकिन, भाग्यश्री बिलकुल फ्लॉप हो गई। अमृता सिंह ने शूट आउट एट लोखंडवाला में चरित्र भूमिकाओं से वापसी की। नीलिमा अज़ीम टीवी सीरियल करने लगी। सोनाली बेंद्रे, रवीना टंडन, शिल्पा शेट्टी, आदि अभिनेत्रियाँ आजकल फिल्मों के लिए हाथ पैर मार रही हैं। यह अभिनेत्रियाँ टीवी पर सक्रिय ज़रूर हैं। माधुरी दीक्षित दो फिल्मों गुलाब गैंग और डेढ़ इश्किया कर चुकी हैं। वह भी टीवी पर रियलिटी शो जज करती देखी जाती हैं। 
शादी के बाद नायिका 

जहाँ तक शादी के बाद फिल्मों की नायिका बनाने की बात है, बहुत सी अभिनेत्रियाँ शादी के बाद भी सफल हुई।  परिणीता, कहानी, डर्टी पिक्चर, आदि फिल्मों की नायिका विद्या बालन के करियर पर शादी के बाद भी कोई फर्क नहीं पडा। चित्रांगदा सिंह भी शादी के बाद फिल्मों की नायिका बनी। उन्हें तो शिरीष कुंदर ने जोकर में एक आइटम करवा दिया। पुराने ज़माने की तमाम नायिकाएं विवाहित थी।  नूतन का विवाह १९५९ ही हो गया था।  लेकिन, वह इसके बाद सूरत और सीरत, बसंत, मंज़िल, छलिया, बंदिनी, दिल ही तो है, तेरे घर के सामने, खानदान, मिलन, लाट साहब, यादगार, आदि हिट फिल्मों की नायिका बनी। ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी का निकाह कमाल अमरोही से १९५२ में हो गया था।  लेकिन, मीना कुमारी ने १९५३ में फिल्म परिणीता का कालजयी करैक्टर लोलिता किया।  उनकी बतौर नायिका सुपर हिट फ़िल्में शादी के बाद ही आई। श्यामा ने १९५३ में फली मिस्त्री से शादी के बाद धूप छाँव, आरपार, खानदान, छूमंतर, भाई भाई, शारदा, आदि फ़िल्में बतौर नायिका की। इसी प्रकार, नलिनी जयवंत, बीना राय, माला सिन्हा, शर्मीला टैगोर, आदि अभिनेत्रियां शादी के बाद भी हिंदी फिल्मों की सफल नायिकाएं बनी रहीं। नर्गिस ने सुनील दत्त के साथ शादी के बाद फिल्मों को अलविदा कह दी थी।  लेकिन, शादी के लंबे समय बाद रात और दिन करके राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।  
क्यों नकारते हैं दर्शक !
आजकल ग्लैमर का ज़माना है।  शादी के बाद अभिनेत्री का ग्लैमर फीका पड़ जाता है। इसलिए, यह अभिनेत्रियां खालिस रोमांस भूमिकाओं के योग्य नहीं रहती।  लेकिन, अगर परिपक्व भूमिकाएं हो और स्क्रिप्ट में दम हो तो दर्शक इन्हें स्वीकार भी करता है।  काजोल लम्बे समय बाद फना में अंधी नायिका के रूप में आई और सफल हुई। अलबता, उनकी दूसरी कमज़ोर फिल्म दिलवाले बुरी तरह पिटी। श्रीदेवी की इंग्लिश विन्ग्लिश से वापसी सफल हुई।  ऐश्वर्य राय बच्चन ने शादी के बाद जज्बा और सरबजीत जैसी नायिका प्रधान फ़िल्में की। यह फ़िल्में फ्लॉप हुई। 

Saturday 30 July 2016

टी सीरीज के 'अरमान'- प्यार माँगा है

टी सीरीज ३ अगस्त को एक अगला सिंगल प्यार माँगा है जारी करने जा रहा है।  यह सिंगल गायक अरमान मलिक का है। उनका साथ नीति मोहन ने दिया है। अभिजीत की धुनों पर बोल मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं। इस सिंगल के  वीडियो में ज़रीन खान और अली फज़ल ने अभिनय किया है। इस एल्बम को जॉर्जिया की खूबसूरत लोकेशन पर फिल्माया गया है। तो इंतज़ार कीजिये ३ अगस्त को प्यार माँगा है का।

एक पिछत्तर साल की युवती है वंडर वुमन !

हॉलीवुड  से एक और सुपर हीरो किरदार दुनिया को जीतने के लिए आ  रहा है।  इस  बार, यह  किरदार मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की देन नहीं है।  डीसी  कॉमिक्स के इस सुपरमैन किरदार पर पैटी जेन्किन्स वंडर वुमन का निर्माण कर रहे हैं।  इस फिल्म में अभिनेत्री गाल गैडोट वंडर वुमन के किरदार में हैं।  कॉमिक्स करैक्टर वंडर वुमन एक योद्धा राजकुमारी का है।  यह जस्टिस लीग की सदस्य है।  इस कॉमिक करैक्टर का जन्म दिसंबर १९४१ में आल स्टार कॉमिक्स के पन्नो पर हुआ था।  तब से इस करैक्टर को कॉमिक्स बुक्स के पन्नों पर आते हुए ७५ साल हो गए हैं।  एक प्रकार से कहा जा सकता है कि योद्धा राजकुमारी डायना प्रिन्सेस उर्फ़ वंडर वुमन एक ७५  साल की युवती है।  उसका युद्ध कौशल उसे किसी युवा से काम पेश नहीं करता।  लेकिन, २ डी, ३ डी और आइमैक्स ३ डी के परदे पर ३० अप्रैल १९८५ को जन्मी इस्राइली एक्ट्रेस गाल गैडोट कर रही हैं।  वंडर वुमन  को रुपहले परदे पर आते आते सत्तर साल से अधिक हो गए।  वंडर वुमन को केंद्र में रख कर एक एनीमेशन फिल्म वंडर वुमन २००९ में रिलीज़ हुई थी।  लेकिन, यह फिल्म भी बड़े परदे के बजाय सीधे डीवीडी पर रिलीज़ हुई।  वंडर वुमन वुमन को सबसे पहले देखा गया इस साल १९  मार्च को फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन: डॉन ऑफ़ जस्टिस में ब्रूस वेन की साथी के बतौर ।  अमेज़ॉन में एक प्लेन क्रैश होता है।  उसका पायलट  स्टीव ट्रेवर डायना प्रिन्सेस को बताता है कि जल्द ही विश्व युद्ध छिड़ने वाला है। डायना अपना घर छोड़ कर वंडर वुमन का किरदार ओढ़ कर दुनिया को विश्व युद्ध से बचाने के लिए निकल पड़ती है।  इस फिल्म में पायलट स्टीव स्ट्रेवर की भूमिका में क्रिस पाइन, कनिए नीलसन क्वीन हिप्पोटिला, रोबिन राइट जनरल एंटीओप और लूसी डेविस एटा कैंडी के किरदार में नज़र आएंगी।  वंडर वुमन का कुल बजट १५० मिलियन डॉलर का है।  यह फिल्म २ जून २०१७ को वार्नर ब्रदर्स द्वारा पूरी दुनिया में रिलीज़ किया जायेगा।

Thursday 28 July 2016

महाश्वेता देवी की कहानी पर बनी थी संघर्ष

बांगला लेखिका महाश्वेता देवी का आज ९० साल की आयु में निधन हो गया। महाश्वेता देवी की रचनाओं पर कुछ यादगार और बहुप्रशंसित फिल्मों का निर्माण हुआ है। हिंदी दर्शकों को, पहली बार महाश्वेता देवी की कलम से बजरिया रुपहला पर्दा रुबरु होने का मौका मिला हरमन सिंह रवैल की फिल्म संघर्ष से। २७ जुलाई १९६८ को रिलीज़ यह फिल्म महाश्वेता देवी की लघु कथा लाय्ली आसमानेर अयना पर आधारित थी। यह फिल्म वाराणसी की मशहूर ठगी और ठगों के दो गुटों के बीच संघर्ष पर थी। इस फिल्म में दिलीप कुमार, वैजयंतीमाला, जयंत, बलराज साहनी, संजीव कुमार, उल्हास और इफ़्तेख़ार जैसे सशक्त अभिनेताओं ने दमदार अभिनय किया था। लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई थी। निर्देशक कल्पना लाजमी ने महाश्वेता देवी की एक अन्य लघु कथा पर फिल्म रुदाली का निर्माण किया। डिंपल कपाडिया, राज बब्बर, राखी और अमजद खान की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म ऑस्कर की विदेशी फिल्मों की श्रेणी के लिए भेजी गई। महाश्वेता देवी के १९७५ में प्रकाशित पुस्तक मदर ऑफ़ १०८४ पर गोविन्द निहलानी ने हजार चौरासी की माँ का निर्माण किया था। यह फिल्म एक ऐसी माँ की कहानी थी, जिसका पुत्र नक्सल आन्दोलन में अपनी जान गंवा देता है। इस फिल्म में जया बच्चन ने माँ की भूमिका की थी। इस फिल्म ने १९९८ में बेस्ट फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। उनकी एक दूसरी लघु कथा चोली के पीछे पर एक इतालवी फिल्म डायरेक्टर इटालोस्पिनेली ने फिल्म गंगोर का निर्माण किया। इस फिल्म को बंगाली, संथाली और इंग्लिश में बनाया गया। यह फिल्म इतालवी भाषा में डब कर इटली के फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई। मशहूर फिल्म अभिनेता अमोल पालेकर की पत्नी चित्रा पालेकर ने महाश्वेता देवी की कहानी बायेन पर मराठी फिल्म माती माय का निर्माण किया था। महाश्वेता देवी की रचनाओं पर बनी यह सभी फ़िल्में सशक्त चरित्रों और समाज को निशाना बनाते कथानकों के कारण चर्चा में रहीं। उन्हें श्रद्धांजलि। 






Wednesday 27 July 2016

बॉलीवुड फिल्मों में मशहूर हत्याकांडों की सनसनी !

२ नवम्बर १९५९ । देश के तमाम अख़बारों में इंडिया नेवी के कमोडोर कवास मानेकशॉ नानावटी द्वारा अपने दोस्त प्रेम भगवानदास आहूजा की हत्या की खबरों से पटे हुए थे। कारण आहूजा के नानावटी की पत्नी सिल्विया के साथ अवैध सम्बन्ध था । इस खबर ने अब तक अपराध से मुक्त बम्बई में सनसनी फैला दी थी । इस मामले की हर सुनवाई को अख़बारों की सुर्खियाँ मिली । उस समय देश में जूरी सिस्टम था । सम्मानित जूरी ने नानावटी को दोषमुक्त कर दिया । लेकिन, हाई कोर्ट द्वारा इसे खारिज कर फिर से ट्रायल के लिए सौंप दिया गया । इस ट्रायल में नानावटी को उम्र क़ैद की सज़ा हुई । इस केस के बाद भारत सरकार ने देश में जूरी सिस्टम को ख़त्म कर दिया ।
इस मशहूर हत्याकांड पर कई किताबें लिखी गई और हिंदी फ़िल्में बनाई गई । अभिनेता सुनील दत्त ने अपने प्रोडक्शन हाउस की नींव इसी हत्याकांड पर फिल्म ये रास्ते हैं प्यार के से रखी । फिल्म के निर्देशक आर के नय्यर थे । सुनील दत्त (नानावटी), रहमान (प्रेम आहूजा) और लीला नायडू (सिल्विया) की मुख्य भूमिका वाली यह रियल लाइफ मर्डर फिल्म फ्लॉप हुई । ये रास्ते हैं प्यार के के बाद इस ट्रायल पर १९७३ में गुलज़ार ने अचानक फिल्म का निर्माण किया । विनोद खन्ना, लिली चक्रवर्ती और ओम शिवपुरी की केंद्रीय भूमिका वाली यह फिल्म हिट साबित हुई । १२ अगस्त को रिलीज़ होने जा रही अक्षय कुमार की फिल्म रुस्तम भी इसी हत्याकांड पर फिल्म है । अभिनेत्री और फिल्म निर्माता पूजा भट्ट की फिल्म लव अफेयर भी मोटामोटी इसी हत्याकांड पर बनाई जा रही है ।
ज़ाहिर है कि ५७ साल बाद भी प्रेम आहूजा हत्याकांड हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को हौंट कर रहा है । क्योंकि, इस हत्याकांड की कहानी में जांबाज़ भारतीय सैन्य अधिकारी है, अवैध प्रेम सम्बन्ध हैं, अखबारी सुर्ख़ियों से भारी सनसनी है और नायक के प्रति भरपूर सहानुभूति के क्षण भी । हिंदी फिल्मों को ऐसे ही मामलों की तलाश होती है । हत्या अपराध में जहां अपराध होता है, वहीँ सनसनी भी होती है । कहानी जानने में दर्शकों की उत्सुकता भी होती है । इसीलिए, काफी हिंदी फ़िल्में रियल लाइफ हत्याकांडों पर बनाई गई ।  इनमे ज्यादा सफल हुई और बुरी तरह से असफल भी । आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में।
आयुषी हत्याकांड पर तलवार और रहस्य
२००८ में नॉएडा के आयुषी तलवार हत्याकांड पर बॉलीवुड ने दो फ़िल्में बनाई । हालाँकि, मनीष गुप्ता की फिल्म रहस्य शुरुआत में आयुषी हत्याकांड पर लगती थी । लेकिन, फिर वह ट्रैक छोड़ कर एक आम हत्या-रहस्य फिल्म बन कर रह गई । वहीँ, विशाल भरद्वाज द्वारा निर्मित और लिखित फिल्म तलवार में इस हत्याकांड का लेखक ने खुद ट्रायल किया था । फिल्म में इंगित करते हुए सवाल उठाये गए थे । इस फिल्म को मीडिया ने काफी उछला भी । इसलिए, अचानक बनाने वाले गुलज़ार की बेटी मेघना की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही ।
नॉट अ लव स्टोरी
मई २००८ में टीवी एग्जीक्यूटिव नीरज ग्रोवर का भी १९५९ के सूरी हत्याकांड की तरह मर्डर हुआ था । लेफ्टिनेंट एम एल जेरोम मैथ्यू ने अपनी अभिनेत्री दोस्त के साथ नीरज की हत्या कर दी थी । इतना ही नहीं दोनों ने नीरज की लाश के छोटे छोटे टुकडे कर फेंक दिए थे । इस मामले पर निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने नॉट अ लव स्टोरी टाइटल वाली फिल्म का निर्माण किया था । धीमे और क्रूर दृश्यों के कारण यह फिल्म काफी बोझिल हो गई थी । माही गिल, दीपक डोबरियाल और अजय गेही अभिनीत यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी ।
मैं और चार्ल्स-
भारतीय पिता और विएतनामी माँ की संतान चार्ल्स शोभराज को भारत से नफ़रत थी ।  लेकिन, फ्रांस में कुख्यात अपराधी बनने वाले चार्ल्स के नसीब में भारतीय जेल ही थी । सत्तर-अस्सी के दशक में दुनिया, ख़ास तौर पर भारतीय पुलिस को छका मारने वाले चार्ल्स शोभराज को खूबसूरत औरतों की हत्या करने के कारण बिकिनी किलर भी कहा जाता था । इसी करैक्टर पर प्रवाल रमण की फिल्म थी मैं और चार्ल्स । इस फिल्म को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर निखिल कुमार की दृष्टि से बनाया गया था । फिल्म में चार्ल्स शोभराज की भूमिका रणदीप हूडा ने की थी । इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली । 
पांच-
अनुराग कश्यप की फिल्म पांच १९७६-७७ के दौर के कुख्यात सीरियल किलर जोशी अभ्यंकर पर आधारित थी ।  यह फिल्म पांच सदस्यों वाले बैंड के सदस्यों के एक अपहरण करने और फिर हत्या कर देने पर आधारित थी । इसके बाद हत्या, दगाबाजी और प्रतिशोध का सिलसिला चल निकलता है । भारतीय सेंसर ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से साफ़ इनकार कर दिया था ।
जॉली एलएलबी-
यह फिल्म एक रईस के लडके संजीव नंदा द्वारा तेज़ रफ़्तार गाड़ी से लोगों को कुचलने  प्रियदर्शिनी हत्याकांड पर मोटे तौर पर आधारित थी । फिल्म के डायरेक्टर और लेखक सुभाष कपूर ने इस फिल्म को अरशद वारसी, सौरभ शुक्ल और बोमन ईरानी के मध्यम से सहज कॉमेडी के तौर पर पेश किया था । यहाँ कोर्ट की परिस्थितियों पर भी टिपण्णी करती थी । अब इस फिल्म के सीक्वल बनाए जाने की खबर है ।
नो वन किल्ड जेसिका-
यह फिल्म भी १९९९ में दिल्ली के एक बार में बार गर्ल जेसिका लाल की एक नेता के बेटे मनु शर्मा द्वारा हत्या किये जाने की घटना पर आधारित थी । राजकुमार गुप्ता की यह फिल्म ख़ास तौर पर मानवीय संवेदना का चित्रण करने वाली फिल्म थी । इस फिल्म में विद्या बालन और रानी मुख़र्जी का बेहतरीन अभिनय था । नो वन किल्ड जेसिका को अच्छी सफलता मिली थी ।
द स्टोन मैन मर्डर-
अस्सी दशक में मुंबई के फूटपाथ पर सोने वालों का आतंक का दशक था । कोई सिरफिरा आदमी बड़े नुकीले पत्थर की मदद से फूटपाथ पर सोये लोगों की हत्या करता था । इस किलर ने मुंबई पुलिस की नींद हराम कर दी थी । मनीष गुप्ता की इस फिल्म में के के मेनन, अरबाज़ खान, विक्रम गोखले और वीरेंदर सक्सेना ने पुलिस अधिकारीयों और सीरियल किलर की भूमिका की थी ।
एक्सीडेंट ऑन हिल रोड-
महेश नायर निर्देशित यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म स्टक की ऑफिसियल रीमेक थी । लेकिन, स्टक वास्तव में शान्टे मलार्ड ट्रायल पर आधारित थी । मलार्ड अपनी तेज़ रफ़्तार कार से एक राहगीर को रौंद देती है । लेकिन, उस गरीब बेघर आदमी को चिकित्सा मदद पहुंचाने के बजाय अपनी कार की विंड स्क्रीन पर ही पडा हुआ लेकर अपने घर के गेराज में बंद कर देती है । जहाँ उस व्यक्ति ग्रेगरी ग्लेन बिग्स की व्यक्ति हो जाती है । मलार्ड को लम्बे ट्रायल के बाद दोषी मानते हुए पचास साल की सज़ा सुनाई जाती है । एक्सीडेंट ऑन हिल रोड में इंडियन मलार्ड की भूमिका सेलिना जेटली ने की थी । यह फिल्म फ्लॉप हुई थी ।
सिंस-
एक कैथोलिक पादरी एक सुंदर लड़की से प्रेम करने लगता है । दोनों के बीच सेक्सुअल रिलेशन कायम हो जाते हैं । नतीजे के तौर पर लड़की गर्भवती हो जाती है । जब वह लड़की पादरी से शादी करने के लिए दबाव डालती है तो वह उसे मार डालता है । केरल के एक चर्च के फादर द्वारा एक औरत का मर्डर करने के कारण पूरे देश में चर्चित हुई थी । विनोद पाण्डेय की इस कहानी पर फिल्म सिंस को ईसाई समुदाय द्वारा विरोध किया गया । सेंसर के जाल में फंसने के कारण फिल्म काफी देर से रिलीज़ हुई । इस फिल्म को भी ख़ास सफलता नहीं मिली ।
बवंडर-
राजस्थान के भटेरी गाँव की एक समाज सेविका भंवरी देवी के साथ सामूहिक बलात्कार किये जाने की घटना पर जग मूंधड़ा ने फिल्म बवंडर का निर्माण किया था । फिल्म के साथ ख़ास बात यह थी कि खुद बनवारी देवी ने इस फिल्म से खुद को दूर रखा था । फिल्म में भंवरी देवी के ऑन स्क्रीनकरैक्टर नंदिता दास ने किया था । इस फिल्म को समीक्षकों द्वारा सराहा गया । के सी बोकाडिया की मलिका शेरावत की मुख्य भूमिका वाली फिल्म डर्टी पॉलिटिक्स भी भंवरी देवी पर केन्द्रित फिल्म बताई जाती है ।
मशहूर हत्याकांडों पर बॉलीवुड की ज़्यादातर फ़िल्में ख़राब स्क्रिप्ट और मिस कास्टिंग का शिकार हुई थी । इन फिल्मों को सनसनी फैलाने और दर्शकों को आकर्षित करने के ख्याल से ही बनाया गया था । काफी फ़िल्में अपने सेक्सुअल कंटेंट के कारण सेंसर की कैंची का शिकार भी हुई । सेंसर को इनकी ज्यादा हिंसा भी रास नहीं आई । इसके बावजूद नो वन किल्ड जेसिका, बवंडर, अचानक, जॉली एलएलबी, आदि फिल्मों को सराहना भी मिली और दर्शक भी । दर्शकों का ध्यान आसानी से खींचने के लिहाज़ से लगभग सभी फिल्मों को कामयाब कहा जा सकता है ।