पंजाबी सुपर स्टार दिलजीत दोसांझ की पहली पंजाबी सुपरहीरो फिल्म सुपर सिंह में दिलजीत दोसांझ के साथ अभिनेत्री सोनम बाजवा जोड़ी बना रही है । राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक अनुराग सिंह की इस फिल्म का हवा विच गीत हाल ही में लॉन्च हुआ है । इस गीत का जादू संगीत प्रेमियों के सर चढ़कर बोल रहा है। इस सॉन्ग के वीडियो में सोनम बाजवा रोटियां सेंकती दिखाई देती है । लेकिन, यह सिर्फ एक प्रमोशनल सीन नहीं है, बल्कि सोनम ने वास्तव में सेट पर अपने क्रू मेंबर्स के लिए रोटियां बनायीं हैं । उन्हें इतनी रोटियां बनानी पड़ी कि उनके हाथ दर्द लगे । सोनम बाजवा अपने क्रू मेम्बर्स के लिए रोटियां बनाकर ज्यादा ख़ुश थी । सुपर सिंह १६ जून को वर्ल्डवाइड रिलीज हो रही है ।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday 4 June 2017
जाह्नवी ने ढूंढा ‘मॉम’ के लिए रील लाइफ 'हस्बैंड
आगामी फिल्म मॉम में श्रीदेवी, अक्षय
खन्ना और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे पावर हाउस परफॉर्मर नज़र आयेंगे । बॉलीवुड की इन बड़ी
हस्तियों के साथ फिल्म में अदनान सिद्दीकी भी नजर आएंगे ।
अदनान सिद्दीकी ने २००७ में रिलीज़ फिल्म ए माइटी हार्ट में एंजेलीना जोली और डैन फटरमैन के साथ दोस्त
अलीअनी के किरदार में थे।
जाह्नवी ने अदनान की इस फिल्म ए माइटी हार्ट देखी थी । वह अदनान के काम से बेहद
प्रभावित हुई थी। उन्होंने अभिनेता को लुक टेस्ट के लिए मनाया और निर्माता बोनी
कपूर ने तुरंत टीम से सम्पर्क किया और डील कर ली। अदनान सिद्दीकी फिल्म में
अभिनेत्री श्रीदेवी के पति की भूमिका में नजर आएंगे । फिल्म का संगीत ए.आर. रहमान ने दिया है तो फिल्म का निर्देशन
रवी उदयवार कर रहे है।
Saturday 3 June 2017
नहीं रही बांड गर्ल मौली पीटर्स
बांड फिल्मो के दूसरे जेम्स बांड रॉजर मूर का
देहांत एक हफ्ता पहले २३ मई को हुआ था। इसके ठीक एक हफ्ते बांड थंडरबॉल (१९६५) के
जेम्स बांड सीन कांनेरी की बांड गर्ल मौली पीटर्स का ७५ साल की आयु में देहांत हो
गया। बांड गर्ल के लिए २३ साल की मौली की खोज थंडरबॉल के डायरेक्टर टेरेंस यंग ने की थी। उन्हें
फिल्म के श्रबलैंड हेल्थ क्लब में काम करने वाली फिजियोथेरापिस्ट पैट्रीशिया फियरिंग का किरदार सौंपा गया था। वह पहली ऐसी बांड गर्ल बनी, जिसने परदे पर अपने पूरे कपडे उतार कर सीन किया था। इसके बावजूद मौली का करियर कुल मिला कर तीन फ़िल्में और तीन टीवी सीरीज तक ही सीमित रहा। स्लैपस्टिक
कॉमेडी डोंट रेज द ब्रिज, लोअर द रिवर (१९६८) फिल्म में उनके अभिनय की सराहना हुई। इस फिल्म
के बाद उन्होंने दूसरी कोई फिल्म नहीं की। इस दौरान मौली ने आर्मचेयर थिएटर और
बेकर्स हाफ डज़न जैसे टीवी शो किये। ब्रिटिश अभिनेत्री मौली पीटरस ने अपने करियर
की शुरुआत प्लेबॉय और परेड जैसी पुरुष पत्रिकाओं की मॉडल के बतौर की थी।
क्या ड्रेस सेंस नहीं है बॉलीवुड में ?
प्रियंका चोपड़ा फिर ट्रोल हो रही हैं। वह आजकल बर्लिन में अपनी हॉलीवुड फिल्म 'बेवॉच' का प्रमोशन कर रही हैं। इसी दौरान भारत के प्रधान मंत्री भी जर्मनी के राजकीय दौरे पर थे। प्रियंका ने भारतीय प्रधान मंत्री से मिलने का समय माँगा, जो उन्हें मिल भी गया। बेहद खुश प्रियंका चोपड़ा ने अपनी प्रधान मंत्री के साथ फोटो इंस्टाग्राम में साझा की। इसके साथ ही प्रियंका चोपड़ा अपनी ड्रेस सेंस के लिए सोशल साइट्स पर ट्रोल होने लगी। उन्हें असंस्कारी कहा गया। कुछ ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें प्रधान मंत्री से मिलते जाते समय ऐसी पोशाक नहीं पहननी चाहिए थी। उनके टाँगे क्रॉस कर बैठने के ढंग पर भी कमैंट्स हुए।
लगता है प्रियंका चोपड़ा पर हॉलीवुड का नशा पूरी तरह से छाया हुआ है । पिछले दिनों वह अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म बेवाच के प्रमोशन में टू पीस बिकिनी पहने समुद्र में अटखेलियाँ करती दिखाई दे रही थी । एक इंटरव्यू के दौरान बेवाच में उनके कोस्टार ड्वेन जॉनसन बार बार आकर उनका चुम्बन ले जा रहे थे और प्रियंका थी कि बेतहाशा खिलखिला रही थी । यह एक हॉलीवुड फिल्म का प्रमोशन था, जिसमे वह एक विलासी खल नायिका का किरदार कर रही थी । बिकिनी और चुम्बन इस इमेज को सपोर्ट करते थे । लेकिन, क्या इसी किरदार के साथ प्रियंका चोपड़ा बाहर की उस दुनिया में भी फिर सकती है, जो फिल्म से जुडी नहीं है ?
प्रियंका चोपड़ा को फ़िल्मी पार्टी, प्रमोशनल टूर और राष्ट्रीय हस्तियों से जुड़े मामलों में फर्क महसूस करना चाहिए था। वह किसी फ़िल्मी पार्टी और टूर में कुछ भी झलकाता-दिखलाता पहन सकती हैं। ग्लैमर का मामला जो है। लेकिन, हर मौके को फ़िल्मी पार्टी की तरह नहीं माना जा सकता। वह प्रधान मंत्री से मिलने गई थी। बेशक, बर्लिन शहर खुलापन लिए शहर है। वह यहाँ अपनी फिल्म का प्रमोशन कर रही थी। उन्होंने प्रमोशन के दौरान हुई प्रेस कांफ्रेंस में मार्क जैकब की सफ़ेद ड्रेस पहन रखी थी, जिसमे उनकी सुडौल टाँगे नज़र आ रही थी। तमाम अखबारों के लेंस प्रियंका चोपड़ा को शूट कर रहे थे। वहां उनकी यह ड्रेस उनकी इमेज के अनुरूप थी। प्रचार के लिहाज़ से अव्वल। लेकिन प्रधान मंत्री की यह राजकीय यात्रा थी। प्रियंका चोपड़ा किसी व्यक्ति नरेंद्र मोदी से नहीं बल्कि, प्रधान मंत्री से मिल रही थी। उनसे मिलते समय भी औपचारिक ड्रेस के बजाय टाँगे दिखाने वाली ऊंची पोशाक पहनने का सेंस समझ से बाहर था। उस पर वह टाँगे क्रॉस कर बैठी नज़र आ रही थी। हालाँकि, फोटो में वह मुग्ध भाव से प्रधान मंत्री को देख रही हैं। इसलिए, उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। हालाँकि उनके समर्थन करने वाले उनके जर्मनी जैसे खुले शहर में होने की दुहाई दे रहे थे।
प्रियंका चोपड़ा प्रधान मंत्री से मिलते समय पहनी अपनी पोशाक के कारण असंस्कारी या कुसंस्कारी नहीं साबित होती थी। लेकिन, वह गलत ड्रेस चुनने की गलती कर रही थी। चोपड़ा एक फिल्म एक्ट्रेस हैं। मौके के अनुरूप ड्रेस पहनने के लिए वह डिज़ाइनरो से सलाह लेती हैं। उन्हें इसी के अनुरूप ड्रेस बना कर दी भी जाती हैं। प्रधान मंत्री से मिलने का समय उन्होंने पहले से लिया होगा। वह उसके अनुरूप पोशाक रख कर अपनी परिपक्वता का परिचय दे सकती थी। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
सवाल यह है कि ड्रेस सेंस की दरकार प्रियंका चोपड़ा से ही क्यों की जाए। उनकी बॉलीवुड की साथी कंगना रनौत तो उनसे कहीं आगे हैं। कभी कंगना रनौत इंडस्ट्री के लोगों पर उनकी अंग्रेजी और ड्रेस सेंस पर हंसने का रोना रोती थी। वह जताती थी कि चूंकि वह छोटे शहर की हैं, इसलिए उनके साथ भेदभाव किया जाता है। हालाँकि आज अपनी मेहनत से उन्होंने अपनी कमियों को दूर कर लिया है और बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली है। लेकिन, वह अपनी समझ खो चुकी लगती है। कंगना रनौत को तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। पहली बार वह श्रेष्ठ अभिनेत्री घोषित प्रियंका चोपड़ा के साथ फिल्म फैशन (२००८) के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार ले रही थी। उन्हें यह पुरस्कार दे रही थी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल। उस समय कंगना और प्रियंका दोनों ने ही डेकोरम को ध्यान में रखते हुए ही पोशाके पहन रख थी। कंगना रनौत दूसरी बार श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई। फिल्म थी क्वीन। उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने दिया। परन्तु कंगना रनौत बोल्ड हो रही थी। वह अमेरिका से ड्रेस डिज़ाइनर विभु महापात्र की ड्रेस में थोड़ा खुली नज़र आ रही थी। उन्होंने अपनी इस बोल्ड ड्रेस का कुछ इस तरह बचाव किया, "मैं पहले भी अवार्ड्स में गई थी। लेकिन दुर्भाग्यवश मैं अनारकली सूट पहन कर गई थी। मैं उस समय की फोटोग्राफ देखी। मैं पुरस्कार लेते समय बहनजी टाइप लग रही थी। मैंने सोचा मैं स्टार हूँ। मुझे फिल्म स्टार की तरह लगना चाहिए।" वह तीसरी बात तनु वेड्स मनु २ के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से पुरस्कृत हुई। इस बार वह कुछ ज़्यादा बोल्ड थी। उनकी पोशाक चुस्त और अंगप्रदर्शक थी। सभी निगाहें उनकी ड्रेस पर जमी थी।
प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत के ड्रेस सेंस को लेकर पूरे बॉलीवुड की आलोचना नहीं की जा सकती। बाकी सितारे मौके की नज़ाकत को समझते हैं। इस साल के पुरस्कारों में बॉलीवुड की फैशन आइकॉन सोनम कपूर को फिल्म नीरजा के लिए स्पेशल जूरी अवार्ड मिला था। उन्होंने साड़ी पहन रखी थी। इससे पहले भी तब्बू, माधुरी दीक्षित, कोंकणा सेनशर्मा और विद्या बालन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इन सभी अभिनेत्रियों ने अवसर के अनुकूल ड्रेस पहनी थी। इसी तरह से कुछ समय पहले अभिनेता अक्षय कुमार और आमिर खान प्रधान मंत्री से मिले थे। इन अभिनेताओं ने शालीन और मौके के उपयुक्त पोशाक पहन रखी थी। इसलिए प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत को अपवाद माना जा सकता है।
प्रियंका चोपड़ा अब प्रचार का खेल खेलने लगी हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री से मिलते समय टाँगे दिखाती हुई पोशाक तो पहनी ही, वह अपनी टाँगे क्रॉस कर भी बैठी थी। यह पूरी तरह से अमर्यादित था। उन्हें समझना चाहिए था कि वह कॉफी विथ करण के करण जौहर के सामने नहीं बैठी थी। प्रियंका चोपड़ा ने इसे समझने के बजाय प्रचार पाने के लिहाज़ से ट्विटर पेज और इंस्टाग्राम में अपनी और अपनी माँ मधु चोपड़ा की टाँगे दिखाती फोटो लगा कर कमेंट लिखा- लेग्स फॉर द डेज।
अल्पना कांडपाल
लगता है प्रियंका चोपड़ा पर हॉलीवुड का नशा पूरी तरह से छाया हुआ है । पिछले दिनों वह अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म बेवाच के प्रमोशन में टू पीस बिकिनी पहने समुद्र में अटखेलियाँ करती दिखाई दे रही थी । एक इंटरव्यू के दौरान बेवाच में उनके कोस्टार ड्वेन जॉनसन बार बार आकर उनका चुम्बन ले जा रहे थे और प्रियंका थी कि बेतहाशा खिलखिला रही थी । यह एक हॉलीवुड फिल्म का प्रमोशन था, जिसमे वह एक विलासी खल नायिका का किरदार कर रही थी । बिकिनी और चुम्बन इस इमेज को सपोर्ट करते थे । लेकिन, क्या इसी किरदार के साथ प्रियंका चोपड़ा बाहर की उस दुनिया में भी फिर सकती है, जो फिल्म से जुडी नहीं है ?
प्रियंका चोपड़ा को फ़िल्मी पार्टी, प्रमोशनल टूर और राष्ट्रीय हस्तियों से जुड़े मामलों में फर्क महसूस करना चाहिए था। वह किसी फ़िल्मी पार्टी और टूर में कुछ भी झलकाता-दिखलाता पहन सकती हैं। ग्लैमर का मामला जो है। लेकिन, हर मौके को फ़िल्मी पार्टी की तरह नहीं माना जा सकता। वह प्रधान मंत्री से मिलने गई थी। बेशक, बर्लिन शहर खुलापन लिए शहर है। वह यहाँ अपनी फिल्म का प्रमोशन कर रही थी। उन्होंने प्रमोशन के दौरान हुई प्रेस कांफ्रेंस में मार्क जैकब की सफ़ेद ड्रेस पहन रखी थी, जिसमे उनकी सुडौल टाँगे नज़र आ रही थी। तमाम अखबारों के लेंस प्रियंका चोपड़ा को शूट कर रहे थे। वहां उनकी यह ड्रेस उनकी इमेज के अनुरूप थी। प्रचार के लिहाज़ से अव्वल। लेकिन प्रधान मंत्री की यह राजकीय यात्रा थी। प्रियंका चोपड़ा किसी व्यक्ति नरेंद्र मोदी से नहीं बल्कि, प्रधान मंत्री से मिल रही थी। उनसे मिलते समय भी औपचारिक ड्रेस के बजाय टाँगे दिखाने वाली ऊंची पोशाक पहनने का सेंस समझ से बाहर था। उस पर वह टाँगे क्रॉस कर बैठी नज़र आ रही थी। हालाँकि, फोटो में वह मुग्ध भाव से प्रधान मंत्री को देख रही हैं। इसलिए, उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। हालाँकि उनके समर्थन करने वाले उनके जर्मनी जैसे खुले शहर में होने की दुहाई दे रहे थे।
प्रियंका चोपड़ा प्रधान मंत्री से मिलते समय पहनी अपनी पोशाक के कारण असंस्कारी या कुसंस्कारी नहीं साबित होती थी। लेकिन, वह गलत ड्रेस चुनने की गलती कर रही थी। चोपड़ा एक फिल्म एक्ट्रेस हैं। मौके के अनुरूप ड्रेस पहनने के लिए वह डिज़ाइनरो से सलाह लेती हैं। उन्हें इसी के अनुरूप ड्रेस बना कर दी भी जाती हैं। प्रधान मंत्री से मिलने का समय उन्होंने पहले से लिया होगा। वह उसके अनुरूप पोशाक रख कर अपनी परिपक्वता का परिचय दे सकती थी। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
सवाल यह है कि ड्रेस सेंस की दरकार प्रियंका चोपड़ा से ही क्यों की जाए। उनकी बॉलीवुड की साथी कंगना रनौत तो उनसे कहीं आगे हैं। कभी कंगना रनौत इंडस्ट्री के लोगों पर उनकी अंग्रेजी और ड्रेस सेंस पर हंसने का रोना रोती थी। वह जताती थी कि चूंकि वह छोटे शहर की हैं, इसलिए उनके साथ भेदभाव किया जाता है। हालाँकि आज अपनी मेहनत से उन्होंने अपनी कमियों को दूर कर लिया है और बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली है। लेकिन, वह अपनी समझ खो चुकी लगती है। कंगना रनौत को तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। पहली बार वह श्रेष्ठ अभिनेत्री घोषित प्रियंका चोपड़ा के साथ फिल्म फैशन (२००८) के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार ले रही थी। उन्हें यह पुरस्कार दे रही थी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल। उस समय कंगना और प्रियंका दोनों ने ही डेकोरम को ध्यान में रखते हुए ही पोशाके पहन रख थी। कंगना रनौत दूसरी बार श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई। फिल्म थी क्वीन। उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने दिया। परन्तु कंगना रनौत बोल्ड हो रही थी। वह अमेरिका से ड्रेस डिज़ाइनर विभु महापात्र की ड्रेस में थोड़ा खुली नज़र आ रही थी। उन्होंने अपनी इस बोल्ड ड्रेस का कुछ इस तरह बचाव किया, "मैं पहले भी अवार्ड्स में गई थी। लेकिन दुर्भाग्यवश मैं अनारकली सूट पहन कर गई थी। मैं उस समय की फोटोग्राफ देखी। मैं पुरस्कार लेते समय बहनजी टाइप लग रही थी। मैंने सोचा मैं स्टार हूँ। मुझे फिल्म स्टार की तरह लगना चाहिए।" वह तीसरी बात तनु वेड्स मनु २ के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से पुरस्कृत हुई। इस बार वह कुछ ज़्यादा बोल्ड थी। उनकी पोशाक चुस्त और अंगप्रदर्शक थी। सभी निगाहें उनकी ड्रेस पर जमी थी।
प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत के ड्रेस सेंस को लेकर पूरे बॉलीवुड की आलोचना नहीं की जा सकती। बाकी सितारे मौके की नज़ाकत को समझते हैं। इस साल के पुरस्कारों में बॉलीवुड की फैशन आइकॉन सोनम कपूर को फिल्म नीरजा के लिए स्पेशल जूरी अवार्ड मिला था। उन्होंने साड़ी पहन रखी थी। इससे पहले भी तब्बू, माधुरी दीक्षित, कोंकणा सेनशर्मा और विद्या बालन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इन सभी अभिनेत्रियों ने अवसर के अनुकूल ड्रेस पहनी थी। इसी तरह से कुछ समय पहले अभिनेता अक्षय कुमार और आमिर खान प्रधान मंत्री से मिले थे। इन अभिनेताओं ने शालीन और मौके के उपयुक्त पोशाक पहन रखी थी। इसलिए प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत को अपवाद माना जा सकता है।
प्रियंका चोपड़ा अब प्रचार का खेल खेलने लगी हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री से मिलते समय टाँगे दिखाती हुई पोशाक तो पहनी ही, वह अपनी टाँगे क्रॉस कर भी बैठी थी। यह पूरी तरह से अमर्यादित था। उन्हें समझना चाहिए था कि वह कॉफी विथ करण के करण जौहर के सामने नहीं बैठी थी। प्रियंका चोपड़ा ने इसे समझने के बजाय प्रचार पाने के लिहाज़ से ट्विटर पेज और इंस्टाग्राम में अपनी और अपनी माँ मधु चोपड़ा की टाँगे दिखाती फोटो लगा कर कमेंट लिखा- लेग्स फॉर द डेज।
अल्पना कांडपाल
दुर्भाग्य से लड़ते हुए जीना है द माउंटेन बिटवीन अस
चार्ल्स
मार्टिन के उपन्यास द माउंटेन बिट्वीन अस का फिल्म रूपांतरण जे मिल्स गूड्लोए और
क्रिस वेत्ज़ द्वारा तैयार किया गया है । यह उपन्यास बर्फीले पहाड़ पर एक हवाई जहाज के
क्रेश हो जाने के बाद एक जोड़े की खुद को जीवित रखने की जद्दोजहद पर है । बेन बास
एक सर्जन है और अलेक्स मार्टिन एक फोटो जॉर्नलिस्ट । अलेक्स को तो अपनी शादी के
लिए ज़ल्दी घर भी पहुँचना है । इस फिल्म का निर्देशन इसरायली डायरेक्टर हनी अबू-असद कर
रहे हैं । असद, पैराडाइस नाउ, ओमर और द
आइडल के कारण पहचाने जाते हैं । असद की फिल्म बताती है कि अगर दुर्भाग्य के दौर
में भी जीवित रहना है तो आपको दुर्भाग्य से लड़ना होगा, अन्यथा आप मार दिए जाओगे ।
साफ़ तौर पर फिल्म के दो केंद्रीय पात्र बेन और अलेक्स दुर्भाग्य के दुष्चक्र में ही
फंसे हैं । इस फिल्म में बेन का किरदार इदरिस अल्बा और अलेक्स का किरदार केट
विंसलेट ने किया है । टाइटैनिक के दुर्भाग्य से जूझने वाली केट विंसलेट दूसरी बार
बर्फीले पहाड़ में अपने दुर्भाग्य से जूझते हुए जीवित रह पाएंगी ! फिल्म २० अक्टूबर
को रिलीज़ होगी ।
बजट से भी दैत्याकार होगी गॉडज़िला वर्सेज कॉन्ग
कम बजट वाली हॉरर थ्रिलर फिल्मों यू आर नेक्स्ट (१ मिलियन डॉलर) और द गेस्ट (५ मिलियन डॉलर) के निर्देशक एडम विन्गार्ड की अगली फिल्म दो पॉपुलर दैत्याकार आकृतियों पर है ही इसका बजट भी दैत्याकार बताया जा रहा है । गॉडज़िला और किंग कॉन्ग पर फिल्म गॉडज़िला वर्सेज कॉन्ग का बजट भी बहुत बड़ा है । एडम और इस फिल्म के निर्माता स्टूडियोज लीजेंडरी एंटरटेनमेंट और वार्नर ब्रदर्स के बीच फिल्म गॉडज़िला वर्सेज कॉन्ग का निर्देशन करने के लिए एक समझौता हो गया है । २०१४ में रिलीज़ फिल्म गॉडज़िला को मिली ज़बरदस्त सफलता से इस जापानी दैत्याकृति की अमेरिकी क्या दुनिया के दर्शकों में लोकप्रियता का पता चलता था । फिर, इस साल १० मार्च को रिलीज़ फिल्म कॉन्ग : स्कल आइलैंड के ज़बरदस्त बिज़नस ने भी इसकी पुष्टि कर दी । गॉडज़िला की सफलता के बाद फिल्म के सीक्वल गॉडज़िला: किंग ऑफ़ द मॉन्स्टर्स की शूटिंग तेज़ी से की जा रही है । अब लीजेंडरी और वार्नर ब्रदर्स की गॉडज़िला वर्सेज कॉन्ग की स्क्रिप्ट पर टेरी रोश काम कर रहे हैं । उनके खाते में पाइरेट्स ऑफ़ द कॅरीबीयन जैसी सुपरहिट सीरीज दर्ज है । जहाँ तक फिल्म की कहानी का सवाल है, इस फिल्म के दैत्य दक्षिण प्रशांत में कहीं देखे जायेंगे । लेकिन फिलहाल तो दर्शकों को २२ मई २०२० तक इंतज़ार करना होगा ।
Thursday 1 June 2017
सेल्फी ले ले रे
सोनी एंटरटेनमेंट के रियलिटी शो सबसे
बड़ा कलाकार के सेट पर पहुँच कर फिल्म राब्ता के कलाकारों ने जैसे सेल्फी डे मना
डाला। इस एपिसोड में बाल कलाकार विरद त्यागी ने गांधी का किरदार प्ले किया था। जज अरशद वारसी इस प्यारे से गांधी के साथ फोटो खिंचाने दौड़ पड़े। उधर सुशांत सिंह राजपूत और कृति सेनन प्रतिभागी बच्चों के साथ बातचीत में लगे हुए थे। उन्होंने विरद गांधी और माही सोनी के साथ सेल्फी ली। कृति सेनन ने तो मौका नहीं चूका। वह नब्बे के दशक की मस्त मस्त गर्ल रवीना टंडन के साथ सेल्फी लेते हुए मस्त हो गई।
अरशद वारसी ने खिंचाई विरद त्यागी के साथ फोटो |
कृति सेनन ने ली रवीना टंडन के साथ सेल्फी |
माही सोनी के साथ सुशांत और कृति की सेल्फी |
विरद त्यागी के साथ कृति और सुशांत की सेल्फी |
Subscribe to:
Posts (Atom)